आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

22 मई 2017

एक श्याम ,,भगवती श्याम ,,जिसने न जाने कितने पत्रकारों ,,कितने कलाकारों ,,कितने कवि ,,कितने शायर ,,कितने लेखकों की अंधेरी ज़िंदगी में सुबह का उजाला कर दिया

दोस्तों एक श्याम ,,भगवती श्याम ,,जिसने न जाने कितने पत्रकारों ,,कितने कलाकारों ,,कितने कवि ,,कितने शायर ,,कितने लेखकों की अंधेरी ज़िंदगी में सुबह का उजाला कर दिया ,,बहुमुखी प्रतिभा के धनी ,,भगवती प्रसाद श्याम ,,पत्रकार भी है ,लेखक भी है ,चिंतक भी है ,वेध भी है ,चिकित्स्क भी है ,आर्यसमाजी समाजसेवक भी है ,,पुस्तकालय संधारक भी है ,,एक प्रशासक भी है ,,वोह सत्तर उम्र के इस पड़ाव के बाद भी नो जवान है ,,ज़िंदा दिल है ,,यारों के यार है ,,आज भी समाज के लिए उपयोगी और समाज की ज़रुरत है ,,,अनुशासित है ,,,,कोटा नगर पालिका से लेकर ,,नगर परिषद फिर नगर निगम का सफर इन्होने देखा है ,एक पुस्तकालय अध्यक्ष से नगर निगम में इनके सफर की शुरुआत के बाद ,,कोटा ही नहीं हाड़ोती का सबसे पुराना बेशक़ीमती ऐतिहासिक पुस्तकालय नगर निगम पुस्तकालय का संधारण इन्होने ईमानदारी से किया ,,न जाने कितने रिसर्च स्कॉलर यहां आये ,,अपनी रिसर्च की ,,नए आयाम स्थापित किये और चले गए ,,इसी दौरान भगवती प्रसाद श्याम की प्रतिभा को देखते हुए इन्हे जनसम्पर्क अधिकारी का काम भी दिया गया ,बस फिर क्या था ,कोटा शहर के सभी छोटे बढे पत्रकारों के यह पोषक बन गए ,,,घर घर से बुलाकर छोटे और मंझोले समाचार पत्रों को इंसाफ़ाना तरीके से विज्ञापन देकर यह उनकी ढलती पत्रकारिता का जीर्णोद्धार करने लगे ,,एक तरफ नगरनिगम के विकास और विकास योजनाओ की खबरे दूसरी तरफ ऐतिहासिक महत्व का ज्ञान ओर तीसरी तरफ विज्ञापनों से कोटा के अख़बारों को भगवती श्याम ने खूब पाला खूब पोसा है ,लेकिन अफ़सोस आज उनमे से कई लोग अहसान फरामोश निकले ,,,खेर परवरिश का असर होता है ,,भगवती प्रसाद श्याम आर्यसमाजी है ,आर्यसमाज कार्यालय रामपुरा का काम देखते ,,जेन दिवाकर में वेध का काम देखते और निर्धारित समय पर अपनी सरकारी नगर निगम की ड्यूटी पर पहुंचते ,अपना सम्पूर्ण काम निपटाते ,,न जाने कितने प्रशासक ,,कितने बोर्ड इन्होने नज़दीक से देखे है ,,कोटा के न जाने कितने मेले दशहरे इन्होने अपने सुझावों से बेहतर प्रदर्शन कर संचालित किये है ,बढे बढे कवि सम्मेलन ,बढे बढे मुशायरे ,,स्थानीय कवि सम्मेलन ,,स्थानीय मुशायरे ,,क़व्वाली ,,फ़िल्मी नाइट ,,सहित स्थानीय कलाकारों के कार्यक्रम इनके नियंत्रित रहे है ,,इतना ही नहीं भगवती श्याम के नेतृत्व में ,शताब्दी मेला वर्ष भी बनाया गया है ,,,खासकर रामलीला के कार्यक्रम इनके संयोजन में ही होते रहे है ,,कोटा की हर रामलीला के कलाकारों के चयन से लेकर उसकी सभी व्यवस्थाएं इन्होने के कुशल संयोजन नियंत्रण में रही ,,बढ़ी बढ़ी रामलीला मंडलियों से कोटा मेले दशहरे में ,धार्मिक रंग जमाया गया ,,रंगारंग धूमधड़ाके के साथ हर साल ,,राम बारात का सफल आयोजन ,,रावण का आकर्षक दहन ,भगवती प्रसाद श्याम की महनत का ही नतीजा रहता था ,,,स्वर्गीय पंडित रामनारायण शर्मा के पुत्र वेध भगवती प्रसाद शर्मा उर्फ़ श्याम कोटा महाविधयालय के छात्र रहे ,,इन्होने तेईस मार्च 1964 से इकत्तीस दिसम्बर 2006 क़रीब चालीस साल नगर निगम कोटा में अपनी सेवाएं दी है ,,कई उतार चढ़ाव देखे है ,,श्याम जी आयुर्वेदाचार्य ,,,,अश्युर्वेदन ,,साहित्य रत्न ,,प्रथम श्रेणी में जर्नलिज़्म में स्नातक ,रहे है ,,यह आयर्वेद ,,होम्योपैथी दोनों में पृथक पृथक प्रथम श्रेड़ी उत्तीर्ण रहे है ,,,जेन दिवाकर में चालीस वर्षो से निशुल्क रोगियों के इलाज का इनका नियमित रिकॉर्ड रहने के कारण इन्हे राष्ट्रिय चिकित्सा सम्मान भी प्राप्त हुआ है ,,होम्यों हाड़ोती सम्मान इन्हे दिया गया ,,कई बार इन्हे इनकी कुशल सेवाओं के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जा चूका है ,,आर्यसमाज की शिशु शाला ,,मातृसेवा सदन सहित कई संस्थाओ के कुशल संचालक आप मंत्री पद पर रहते हुए रहे ,,कोटा सहित देश की सभी पत्र पत्रिकाओं में इनके ऐतिहासिक ,,चिकित्सा सहित कई रिसर्च ,,चिंतन मंथन से जुड़े लेखो का प्रकाशन होता रहा है ,,नगर निगम में रहते इन्होने कोटा मेले दशहरे को ऐतिहासिक महत्व देने ,राष्ट्रिय अंतरराष्ठ्रीय पर्यटन से जोड़ने के लिए कई मार्गदर्शिकाओं का प्रकाशन सभी भाषाओं में करवाया ,,श्याम जी को मीडिया जर्नलिस्ट समान ,,वृहद्ज्न पत्रकार सम्मान ,,पत्रकार शिरोमणि पुरस्कार सहित अनेको सम्मान से इन्हे नवाज़ा गया है ,,इनके जीवन का सबसे बढ़ा सम्मान इनकी ईमानदारी ,,इनकी महनत,, इनकी लगन ,,हज़ारो हज़ार मरीज़ों की दुआए ,,आर्थिक तंगी से गुज़र रहे पत्रकारों के जीर्णोद्धार के बाद उनकी स्थिति में सुधार करने पर पत्रकारिता के भामाशाह का सम्मान इनकी धरोहर है ,इनकी चालीस साल की सेवा में इनके ज़रिये करोडो करोड़ नहीं अरबों रूपये की खरीद फरोख्त ,,विज्ञापनों का आदान प्रदान ,,हज़ारो पत्रकार वार्ताए जिनमे गिफ्टों का लेनदेन हुआ ,,कई पुस्तकों ,,पत्रिकाओं का प्रकाशन हुआ ,,फ़िल्मी कलाकारों से लेकर छोटे बढे कलाकार ,कवि शायर ,,,कोटा बुलाये गए ,,लेकिन इनके जीवन में कोई एक रूपये का दाग भी नहीं लगा सका ,नगर निगम में इन्होने हमेशा सर उठाकर अपना काम किया ,,सम्मान दिया ,,सम्मान लिया ,,अफ़सोस इस बात का है जिन पत्रकारों के यह पालक पोषक बने थे ,आज उन्ही में से कुछ एक ,,आँखे तरेर कर ,,इनका मन मेला करने में लगे है ,,,लेकिन भगवती तो भगवती है इन्होने सभी को प्रसाद दिया है और यह श्याम भी है ,,इसलिए कोई कुछ भी कर ले ,,ईमानदारी इनका पुरस्कार इनका इनाम है ,,यारों के यार की उपाधि के साथ ,बच्चो में बच्चे ,,युवाओं में युवा ,,बुज़ुर्गों में बुज़ुर्ग रहने का इनका हुनर महत्वपूर्ण ,,,,ऐसे भगवती प्रसाद श्याम जो बहुमुखी प्रतिभा के धनी है ,,उन्हें मेरा सलाम सेल्यूट ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...