देश और कांग्रेस के सोशल मेकेनिज़्म के इंजिनियर स्वर्गीय राजीव गाँधी को
सलाम ,,देश को आधुनिकता की दौड़ में अव्वल करने के लिए ,,देश में सेटेलाइट
,,उपग्रह ,,संचार क्रान्ति ,,दूरदर्शन ,,सहित कई महत्वपूर्ण आधुनिकता के
साथ जोड़कर भारत का गौरव बढ़ाने वाले राजीव गांधी ने ,,देश में कड़वा सच समझा
और उसे स्वीकार करते हुए कहा भी ,,हम जनता के लिए केंद्र से एक रुपया अगर
भेजते है तो ,,जनता तक सिर्फ पंद्रह पैसे ही पहुंच पाते है ,,इसी कड़वे सच
से देश के पचियासी प्रतिशत भ्रष्ट पकड़े जाने के डर से उनके खिलाफ हुए थे
,,लेकिन वोह डटे रहे ,,अड़े रहे ,,उन्होंने देश की अटूट एकता ,,अखंडता ,देश
के मूल्य सिद्धांतो ,,और आतंकवाद के खिलाफ जंग में ,,अपने प्राणों की आहुति
दे डाली ,,,राजीव गांधी कांग्रेस संगठन के भी बेस्ट मेकेनिकल इंजीनिर थे
,,,चमचावाद ,,चापलुसी से कोसों दूर उनका प्रबंधन था ,,पंचायत राज ,,शहरी
विकास को स्वायत्ता उन्होंने दी ,,,विधान में संशोधन करवाया ,,,संगठन में
प्रशिक्षक दिए ,,छोटे से कार्यकर्ता के सुझावों के पत्रों के जवाब की
परम्परा डाली ,,आम कार्यकर्ताओं के विचारों को तरजीह दी ,,इतना ही नहीं हर
ज़िले ,,हर राज्य में संगठन और कांग्रेस शासित सरकारों का रिपोर्ट कार्ड
तैयार करने के लिए एक निजी टीम गठित कर ,,नियमित उनसे अलग अलग क्षेत्र का
फीडबैक लिया ,,संगठन के चुनाव करवाकर लोकतंत्र ज़िंदाबाद किया ,,,कांग्रेस
संगठन पर कभी सत्ता को हावी नहीं होने दिया ,,कितना ही बढ़ा ,,प्रभावशाली
मंत्री हो ,,अगर वोह किसी भी राज्य ,,किसी भी ज़िले में गया और संगठन जिला
अध्यक्ष को सूचित कर ,,संगठन कार्यालय में कार्यकर्ताओं से मिले बगैर आया
तो ऐसी शिकायत मिलने पर ऐसे मंत्रियों की उन्होंने एड़ी चोटी मिला दी ,,कोटा
में पूर्व केंद्रीय मंत्री ,, अजीत पांजा सहित ,,कई मंत्रियों की इस
तरह की शिकायत पर उनसे माफ़ी नामा मंगवाकर जिला कांग्रेस कमेटी का मान ऊँचा
किया गया था ,,राजीव गांधी ही थे जिन्होंने कार्यकर्तओ के लिए प्रशिक्षण
कार्यक्रम चलाये ,,पूर्व सांसदों ,,पूर्व विधायकों ,,मंत्रियों ,,बोर्ड
कॉरपोर्रेशन के अध्यक्षों ,,पार्षद ,जिलापरिषद पदाधिकारियो को निर्देश थे
वोह संगठन कार्यालय पर आवश्यक रूप से बैठेंगे ,,कार्यकर्ताओ को सुनेंगे
,,राजीव गांधी के टाइम पर कभी किसी भी ज़िले में भाईसाहबो को तरजीह नहीं दी
गयी ,,ज़िलों में कांग्रेस कार्यालय के अलावा किसी की भी घरों पर या कहीं
और या फिर नीमड़ी के नीचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के झुण्ड के नाम पर अघोषित
अवैध कांग्रेस कार्यालय चलाने की हिम्मत नहीं की ,,अनुशासन मज़बूत रहा
,,दलबदल मामले में सावधानी और नैतिकता रही ,,,अनुशासन प्रक्रिया मज़बूत रही
,,प्रभारियों की ज़िम्मेदारियाँ निष्पक्ष रही ,,किसी अध्यक्ष या पदाधिकारी
की पीठ थपथपाने वाली परम्परा प्रभारियों की कभी नहीं रही ,,संगठन कार्यालय
पर नियमित बैठके लोगो की आवाजाही रही ,अगर पदाधिकारियों की बैठक हुई
,,प्रभारियों की बैठक हुई तो उनका हाज़री रजिस्टर देखकर ,,आवाज़ देकर उनकी
प्रजेंट लगवाकर उनकी कार्यप्रणाली पूँछी गयी ,,लेकिन अब दो सो कार्यकारिणी
की बैठक में दस सदस्य और बाक़ी कुछ बाहरी भर्ती लोगो के बाद भी ,,लगातार
बैठकों में कार्यकारिणी की संख्या की दस प्रतिशत उपस्थिति ही रहती है
,,महिलाओं ,,अल्पसंख्यकों ,,दलितों को पूरा सम्मान ,,कार्यकर्ताओं के
सम्मान के लिए वी आई पी काफिले से उतर कर आम लोगो के बीच जाकर उनका अभिवादन
स्वीकार करना उनकी सादगी का संदेश था ,,जो सभी अधीनस्थ निभाते थे
,,कार्यकर्ता धुप में माला लिए खड़े है और नेताजी ,,एक मिनट हेलो कर निकल गए
,,तो ऐसे नेताजी की शिकायत मिलने पर उनकी खेर नहीं ,,,मुझे गर्व है
,,,कोटा के पत्रकार के नाते उनका ,,सबसे पहला ,,डाक साक्षात्कार ,,,मेने ही
लेकर उसे प्रकाशित किया था ,,उन्होंने खुद अपनी हस्तलेखनी में
,,प्रभावशाली और सरल भाषा में हर सवाल के जवाब ,,खुद के हस्ताक्षर कर
,,अख़बार में छापने की इजाज़त के साथ भिजवाए थे ,,वोह सेवादल को ओरिजनल
सेवादल बनाकर ,,कांग्रेस के विधान के तहत ,,+कार्यकर्ताओं को आम जनता से
जुड़ने ,,उनके दुःख सुख में काम आने ,,भाग संख्या के हिसाब से कार्यकर्ताओं
को तैयार करने ,,चिकित्सा ,,पेंशन ,,शिक्षा ,,रोज़गार ,,क़ानून व्यवस्था
,,नाली पटान ,,सहित कई तरह के श्रमदान करने की उनकी लगातार हिदायत थी ,,
पंद्रह सुंत्रिय कल्याणकारी कार्यक्रम को उन्होंने मज़बूती से चलाया ,,जबकि
कोटा बारां के शाहबाद में सहरियाओं के लिए उन्होंने ऐतिहासिक मददगार का काम
किया ,,कोटा के उमेद क्लब के पास उनकी पहली मीटिंग महासचिव की हैसियत से
रही ,,जिसमे मुख्यवक्ता शानतिकुमार धारीवाल से वोह बेहद प्रभावित हुए
,,जबकि बूंदी दूरदर्शन टावर के उद्घाटन ,,रेलवे उद्घघाटन में आने पर कोटा
सर्किट हाउस में उन्होंने कुछ चंद पत्रकारों की खूब पीठ भी थपथपाई ,,,राजीव
गाँधी की सवाई माधोपुर रणथम्भोर से भी कई यादे जुडी रही थी ,,,,काश राजीव
गांधी का मेकेनिज़्म ,,देश के संचालन ,,विश्व का सबसे बढ़ा संगठन ,,भरतीय
राष्ट्रिय कांग्रेस के संचालन में ,,फिर से काम में लिया जाए ,,उनके
फार्मूले को अपनाया जाए तो कांग्रेस भी मज़बूत होगी और देश भी ज़िंदाबाद होगा
,,सच राजीव सर आप ,,आपकी ,कार्यशैली आपकी ईमानदार कोशिशे बहुत याद आती हैं
,,,,,,राजीव गाँधी अमर रहे ,,अमर रहे ,,लेकिन अफ़सोस ऐसी महान आत्मा को
श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी मूर्ति पर सरसरी माल्यार्पण के बाद ,,प्रदेश
और ज़िलों के कार्यालयो उनके व्यक्तित्व ,,उनकी शहादत ,,उनकी कार्यशैली पर
कोई संगोष्ठी भी नहीं होती ,,यह कड़वा सच अंदर से बहुत कचोटता है मुझे
,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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