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11 मई 2017

दोस्तों साधू हो ,,संत हो ,,,इमाम हो ,,मौलवी हो ,,देश के लिए जंग में उनकी ज़रुरत होती

mere mitr dr rajat berry ki farmaaish par kadve sachche vachan.. दोस्तों साधू हो ,,संत हो ,,,इमाम हो ,,मौलवी हो ,,देश के लिए जंग में उनकी ज़रुरत होती है ,लेकिन यही लोग अगर सियासत में आजाये तो निश्चित तोर पर ,,सियासत का चेहरा घिनोना और अधर्म से जुडी धर्मान्धता का हो जाता है ,,आज हमारे देश में कुछ यही खतरनाक तस्वीर है ,,,,,साधु संत ,,इमाम ,,मौलवी ,,क़ाज़ी ,,जिन्हे देश में अपने अपने धर्म से जुड़े लोगो को चारित्रिक शिक्षा देकर ,,एक आदर्श राष्ट्र निर्माण की ज़िम्मेदारी है ,,वोह अपने मूल कार्य से भटक कर ,,सियासत के दांव पेंच ,,प्रचार के दांव पेंच ,,गुटबाज़ी के दांव पेंच ,,नेताओ के तलवे चाटने की शर्मिंदगी की हद तक गिरे हुए देखे जाते है ,ज़ाहिर है ऐसे लोगो को धर्म गुरु कहना ,,सभी धर्मो का अपमान है ,,धर्म की निष्पक्ष राय होती है ,,सभी जानते है अधर्मी फ़िरोंन ,यज़ीद ,,रावण ,,कौरव का क्या हाल हुआ और धर्म का साथ देने वाले श्रीकृष्ण पूजे जाते है जबकि अधर्म का साथ देने वाले गुरु द्रोणाचार्य भी मारे गए ,,खुद भीष्म पितामाह ,,तीरों की मृत शय्या पर तड़पते रहे ,,फिर भी सो कोल्ड धार्मिक गुरु ,,सियासत में आकर ,,धर्म की गलत व्याख्या कर देश में बेवजह नफरत का माहौल बनाते है ,अपने अपने धर्मों की तस्वीर दूसरे धर्मों के खिलाफ बनाते है ,,,ऐसे ही हमारे एक इमाम बरकाती है ,,पहले तो उन्हें इमाम किसने बनाया ,,यह पता नहीं ,,इमाम के लिए प्रबुद्ध मज़हबी मुस्लिमों का निर्वाचन होता है ,वोह उनका अधिकृत नेता होता है ,,जो हिंदुस्तान में नहीं होता ,,बस किसी भी मस्जिद में एक नौकरी होती है ,,उन्हें इमाम सम्बोधित कर देते है ,,लेकिन मस्जिद में नमाज़ पढ़ाने वाले इमाम साहिब अपनी इस ज़िम्मेदारी को ,ज़रूरतों को ढक कर ,,परदे में अपनी परेशानियों को रखकर ,बखूबी ईमानदारी से निभाते है ,,बस यह फ़र्ज़ी सो कोल्ड इमाम ,,राजनितिक मुद्दों पर ,,पुरे देश के मुसलमानो के ठेकेदार बनते है ,बेवजह मज़हब के खिलाफ ,,मज़हब का सहारा लेकर बयांनबाज़ी करते है ,,इस्लाम के क़ानून के हिसाब से ,,मज़हब को सियासत में गलत तरीके से घसीटने वाले ऐसे मौलवी मौलानाओ और आम मुसलमान के लिए दोज़क यानी नर्क में ही जगह है ,,ऐसे लोगो की बख्शीश भी नहीं है ,,जो अल्लाह के क़ानून को ,,इस्लाम को ,,शरीयत को गलत तरीके से बयांन करे ,,सियासत में अपने अपने सियासत से जुड़े आकाओ को खुश करने के लिए मज़हब का नाम लेकर गैरमजहबी तरीके से बयानात देकर ,,इस्लाम की तस्वीर को गंदा करे ,,मुसलमानो की हैसियत संदिग्ध करे ,,और खुद राज्यसभा ,,मंत्री दर्जा कोई भी पद लेकर ऐश ओ आराम करे ,,,दोस्तों सियासी सो कोल्ड इमाम बरकाती ने ,,कहा हम मुसलमानो के लिए मज़हब पहले है देश बाद में ,गलत बिलकुल गलत तरीके से कहा ,,,,सच यह है के हम मुसलमानो को इस्लाम ने हिदायत दी है ,के देश और देश का शासक अगर ज़ालिम नहीं है ,,आपके मज़हब और मज़हब के लोगो के खिलाफ नहीं है तो उसकी सुरक्षा ,,उसकी हिदायतों का पालन ,,उसकी ताबेदारी आपकी ज़िम्मेदारी है ,,एक इमाम ,ऐसे इस्लाम के नाम पर गलत बयानी करता है ,,इस्लाम की तस्वीर सियासत की सुर्ख़ियों में रहने के लिए गलत बयानी करता है तो उसका इस्लाम तो खतरे में हो गया वोह तो खुद इस्लाम ख़ारिज हो गया ,,,कथित बरकाती साहिब कहते है ,,हम मुसलमानो के लिए भारत का हर क़ानून मानना ज़रूरी नहीं हैं ,,अजीब बात है ,अगर देश में रहते हो देश के क़ानून को नहीं मानते ,,तो लानत है भाई तुम पर ,,अल्लाह का हुक्म है आपके दोस्तों की हुकूमत के साथ मिलकर रहो ,,,लेकिन हाँ अगर हुकूमत बेलगाम हो जाए ,,क़ुरआन के आदेश के खिलाफ कोई क़ानून लाये ,,इस्लाम के खिलाफ युद्ध करे तो जनाब यह बात लागू होती है ,,लेकिन विश्व में भारत ही एक ऐसा आदर्श देश है ,,जहाँ संविधान में इस्लाम के दिए गए अल्लाह के हुक्म की पूरी हिफाज़त है ,,,हमारे भारत में जो इस्लाम की आज़ादी है,,इस आज़ादी के लिए संवैधानिक बंधन है ,,तो जनाब यहां आदर्श हिंदुस्तान में ऐसी बेहूदा बयानबाज़ी ,इस्लाम से जुडी बयानबाज़ी नहीं ,,सिर्फ सनसनी फैलाकर सियासत करना है ,,,बरकाती साहिब धमकाते है अगर हमारी नहीं सुनी तो देश के पच्चीस करोड़ मुसलमान जिहाद करेंगे ,,अरे बरकाती साहिब मुसलमान तो रोज़ जिहाद करता है ,,अपनी नफ़्स का मारने की जेहाद ,,इंसाफ की जेहाद ,,रोज़गार की जेहाद ,,भाईचारा सद्भावना की जेहाद ,,इस्लाम के क़ानूनों के तहत पड़ोसियों से प्यार मोहब्बत की जिहाद ,,हमारे मुल्क पर टेडी निगाह डालने वालो के खिलाफ उनसे जंग की जेहाद ,,देश और देश के लोगो पर ज़ुल्म करने वाले ,,उनके साथ ना इंसाफ़ी करने वाले लोगो के खिलाफ जेहाद ,,लोगो को इंसाफ दिलाने की जेहाद ,,तुम जैसे मौलवी ,,मौलाना ,,कथित इमाम जो सियासी तलवे चाटकर ,,मज़हब और कॉम की सौदागरी करते हो उसके खिलाफ हर मुसलमान जेहाद करता है ,,मुसलमान जानता है इस्लाम का दुश्मन कोन हिअ जो निर्दोषो के क़ातिल है ,,जो अमन सुकून के हत्यारे है वोह इस्लाम के दुश्मन है ,,जो मज़हब को पेट पालने ,,सियासत करने का ज़रिया बनाते है उनके खिलाफ लड़ना जेहाद है ,,अधर्म के खिलाफ धर्म युद्ध करना जिहाद है ,,,और यह इस्लाम का बेसिक फण्डा है ,,लेकिन मुझे फख्र है में भारत में हूँ जहाँ मुझे ,,मेरे मज़हब ,,मेरे इस्लाम को ,,पूरी सहूलियतें ,,पूरी आज़ादी है ,,यहां इस्लाम खतरे में नहीं है ,,यहां इस्लाम से मोहब्बत की जाती है ,,यह जो इस्लाम के खिलाफ तस्वीर हमारे अपनों ने बेहूदगियां करके बनाई है न उसे हमे भी सुधारना होगा ,,पड़ोसी हम अच्छा धर्म निभाते है हमारी वाह वाही होती है या नहीं एक पीलू खान को निहत्था मर देना इस्लाम के खिलाफ जंग नहीं है यह एक कॉमन अपराध है ,,प्रवीणतोगडिया की तरह इस्लाम के बयान देने वाले ऐसे मौलवी मौलानाओ का सम्मेलन कर ,,उनसे पूंछ ले इस्लाम क्या होता है ,मेरा यक़ीन है ,,सियासी चमचागिरी में जिस सियासी पार्टी नहीं उन्हें सहूलियतें दी है वोह उन्हें ही खुदा मानकर उस पार्टी के हक़ में अपने फतवे जारी करते नज़र आएंगे ,,लेकिन जो इमाम ,,जो मज़हबी गुरु ,,आज़ाद है ,,सिर्फ इस्लाम की खिदमात ,,प्रचार में लगे है वोह सच को सच कहेंगे ,,फिर वोह किसी के भी खिलाफ हो किसी भी पार्टी किसी भी सियासत ,,किसी भी व्यक्ति के खिलाफ ही क्यों न हो ,,यही हाल हिन्दू समाज में भी है पार्टी के तलवे चाटने वाले धर्मगुरु अपनी अपनी पार्टियों को अच्छा कहेंगे लेकिन उनके लिए भी धर्म और देश कुछ नहीं है ,,तो जनाब सलाम ऐसे मौलवी ,,ऐसे मौलानाओ ,,ऐसे क़ाज़ियों ,ऐसे मुफ्तियों ,,ऐसे धर्मगुरुओं ,,ऐसे साधु ,,ऐसे संत ,,ऐसे शंकराचार्यों को जो ,सियासत की चमचागिरी और पूंजीवाद ,,तन्ख्य्यापन पन के लालच से ऊपर उठकर ,,सिर्फ मज़हब के प्रचार में जुटे है ,,जो सिर्फ मज़हब की मोहब्बत का बयांन कर ,, लेकिन अल्लाह से दुआ है ऐसे मौलवी ,,मौलानाओ ,,मुफ्तियों ,क़ाज़ियों ,,धर्मगुरुओं ,,साधु ,संतों ,,शंकराचार्यों के लिए जो अपनी हैसियत ,,अपने मज़हब के मोहब्बत के संदेश को भुलाकर ,,सियासी चमचागिरी में लगे है ,धर्म की गलत तस्वीर ,गलतबयानी से करके पेश कर रहे है ,,ऐसे लोगो को अल्लाह हिदायत दे ,,सही रास्ते पर लाये ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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