तुम रोज़ चेहरे बदलते हो ,,
तुम रोज़ खुद को बदलते हो ,,
तुम रोज़ इरादे बदलते हो ,,
में ही न समझ सका यह सच
तुम मुझे भी बदलोगे एक दिन ज़रूर ,,,अख्तर
तुम रोज़ खुद को बदलते हो ,,
तुम रोज़ इरादे बदलते हो ,,
में ही न समझ सका यह सच
तुम मुझे भी बदलोगे एक दिन ज़रूर ,,,अख्तर
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