आपका-अख्तर खान

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22 जनवरी 2017

जितना रुला लो

लो करलो पूरी
ख्वाहिशे अपनी
सताना हो
जितना सता लो
रुलाना हो
जितना रुला लो
तड़पाना हो
जितना तड़पा लो ,,
कब सांसे रुक जाए
फिर तड़पते न रहना ,,
लो करलो पूरी
ख्वाहहिशे अपनी ,,
क़ब्र पर आकर
फिर न कहना
चले गए
पहले बताया भी नहीं ,,,अख्तर

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