मुझ पर अपना सब कुछ
लुटा देने वाला यह माशूक़
बहुत सीना ज़ोर निकला है
गलतियों पे गलतिया की है
ज़िदों पर ज़िदें की है ,,
मेरी हर ना पसन्द
को पसन्द किया है
फिर भी यह माशूक़ कहता है
में बेक़ुसूर हूँ
में बेक़ुसूर हूँ ,,
लुटा देने वाला यह माशूक़
बहुत सीना ज़ोर निकला है
गलतियों पे गलतिया की है
ज़िदों पर ज़िदें की है ,,
मेरी हर ना पसन्द
को पसन्द किया है
फिर भी यह माशूक़ कहता है
में बेक़ुसूर हूँ
में बेक़ुसूर हूँ ,,
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