आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

19 जनवरी 2017

में बेक़ुसूर हूँ ,,

मुझ पर अपना सब कुछ
लुटा देने वाला यह माशूक़
बहुत सीना ज़ोर निकला है
गलतियों पे गलतिया की है
ज़िदों पर ज़िदें की है ,,
मेरी हर ना पसन्द
को पसन्द किया है
फिर भी यह माशूक़ कहता है
में बेक़ुसूर हूँ
में बेक़ुसूर हूँ ,,

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...