कल रात
तुम जो
खफा हुए ,,
में रोया ,
आसमान रोया ,
बारिश हुई
बारिश में
तुम्हारा प्यार
बह गया ,,,
ओले गिरे
ओलों की
चोटों से
तुम्हारा भरोसा
टूट गया ,,,
तुम रूठे
में छूट गया
मना लोग
मुझे
कुछ जतन करके
बचा लो हमे
कुछ जतन करके ,,अख्तर
तुम जो
खफा हुए ,,
में रोया ,
आसमान रोया ,
बारिश हुई
बारिश में
तुम्हारा प्यार
बह गया ,,,
ओले गिरे
ओलों की
चोटों से
तुम्हारा भरोसा
टूट गया ,,,
तुम रूठे
में छूट गया
मना लोग
मुझे
कुछ जतन करके
बचा लो हमे
कुछ जतन करके ,,अख्तर
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