भाई
,,,,धारक को रूपये देने का वचन ,,देकर मुकर जाना जुमला हो सकता है ,,लेकिन
दो दिनों में अगर ऐ टी एम खोलकर ज़रूरतमन्दों को ज़रूरी रक़म लेने का वचन
दिया जाए ,,और वोह वचन भी पूरा न हो सके तो फिर इसे जुमला कहेंगे ,,या
अव्यवस्था पता नहीं ,,,लेकिन सुधारात्मक क़दम है भक्तजनो के ईश के हुक्म को
लागू करने के लिए परेशानी भी उठाये तो क्या फ़र्क़ पड़ता है ,,देश तो सुधर रहा
है न ,,देश तो विकसित और सुरक्षित हो रहा है न ,,दर असल ऐ टी एम् स्टाफ
,,दो हज़ार वाला सॉफ्टवेयर ऐ टी ऐम में लोड नहीं कर सका और ज़रूरत मन्दो की
परेशानी बढ़ गयी ,,उम्मीदे खामोश हो गयी कल तक के लिए देखते है कल क्या होता
है ,,,मंगलयान के तस्वीर के साथ जय जवान ,,जय किसान का नारा हटा हुआ दो
हज़ार का नॉट मिलता है ,,या फिर देश की शान ,,मुगलिया सल्तनत की पेशकश
लालकिले की तस्वीर वाला पांच सो का नॉट मिलता है ,,मिलते है एक ब्रेक के
बाद ,,,,,,,अख्तर
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