आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

04 नवंबर 2016

तुम्हारी हर कोशिश ,

मुझे पता है
मुझे भुलाने की
तुम्हारी हर कोशिश ,,
नाकाम हुई है ,,
यूँ बेफिज़ूल
मुझे भुलाने की
ज़िद न करो ,,
चले आओ
चले आओ ,,
में तुम्हारा अक्स
में तुम्हारा ख्वाब
में तुम्हारी धड़कन
में तुम्हारी
ज़िन्दगी हूँ ,,
चले आओ ,,
चले आओ ,,अख्तर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...