दोस्तों माफ़ी का तलबगार हूँ ,,लेकिन यह कड़वा सच है ,,के हम और आप ,,सभी 
,,पूरा देश ,,एक संकट के दौर से गुज़र रहा है ,,यहां कुछ लोग है ,,जो नफरत 
की खेती उगा रहे है ,,कुछ लोग है जो बेहूदगी ,,बदतमीज़ी की ज़ुबान आम कर रहे 
है ,,,मंच हो ,,अख़बार हो ,,सोशल मीडिया हो ,,,अधिकतम लोग ,,बातचीत 
,,विचारविमर्श ,,मनोरजन के मंच पर ,,गन्दगी फैला रहे है ,,,गालीगलोच कर रहे
 है ,,अफ़सोस नाक बात यह है ,,के कुछ लोग जो एक गिरोह बनाकर ,,एक टारगेट 
बनाकर धर्माधारित ,,सामाजिक आधारित लोगो को बुरा भला कह रहे है ,,पार्टी से
 जुड़े लोगो को कोस रहे है ,,वोह भी उकसावे में आ गए है ,,,ऐसे लोग जो शांत 
स्वभाव के है ,,ऐसा मज़हब  इस्लाम जो सब्र और मीठी जुबां विरासत में देता है
 ,,ऐसा इस्लाम जिसके क़ानून में बुरी जुबां दोज़क की सज़ा की हक़दार कही गयी है
 ,,मेरे वोह भाई भी ,,ऐसे लोगो के उसकावे में आकर ,,उन्ही की गन्दी जुबां 
में जवाब देने लगे है ,,सोशल मिडिया जो ,,प्यार मोहब्बत ,,मनोरजन ,,एक 
दूसरे से प्यार ,,दुखदर्द बांटने का मंच है ,,इसे नफरत का अखाड़ा बना दिया 
गया है ,,,हम अपनी बात इस लोकतन्त्र में तार्किक तरीके से ,बहतरीन अल्फ़ाज़ 
में भी कह सकते है ,,ज़रूरी नहीं गाली का जवाब गाली से दिया जाए ,,जो आपको 
गाली बक रहा है ,,उसकी मन स्थिति समझो ,,वोह गुलाम है ,,एक विचारधारा से 
बन्धक है ,,उसे देश समाज ,,सन्स्क्रति ,,तहज़ीब ,,सुकून ,,भाईचारा सद्भावना 
से लेना देना नहीं है ,,वोह मानसिक रोगी है ,,मेरे भी कुछ दोस्त मानसिक रोग
 शिकार है ,,मेरी पोस्ट देखते ही उस पर भक्तजन बनकर ,,गन्दी टिप्पणियां 
करने के लिए टूट पढ़ते है ,,कुतर्को की बाढ़ आ जाती है ,,लेकिन दोस्तों खुदा 
का शुक्र है ,,के अल्लाह ने मुझे सब्र दिया में उनकी इस मानसिक रुग्णता पर 
हंसता हूँ ,,अल्लाह  उन्हें सद्बुद्धि दे ,,नेक हिदायत दे ,,की दुआएं करता 
हूँ ,,दोस्तों यह लोग जो तुम्हे गालियां लिख रहे है ,, इन्हें आपके प्यार 
की ज़रूरत है ,,यह भटके हुए ,,,बहकाये गए लोग है ,,,,इन्हें आपकी मदद की 
ज़रूरत है ,,आप इनके मददगार बने ,,यह गाली बके ,,,बकवास करे ,,बकवास लिखे 
,,आप खामोश रहे ,,पलटवार न करे ,,,,हाँ मज़हब के खिलाफ बात करे तो बख्शे 
नहीं इनके खिलाफ सम्बन्धित थाने में मुक़दमा दर्ज करवाकर इन्हें गिरफ्तार 
करवा दे ,,लेकिन तर्क ,,कुतर्क और इसी दौरान इनके गुस्से से उपजी गालियां 
अगर हो तो प्लीज़ इन रोगियों की गालियो का जवाब गाली से न दे ,,इन्हें माफ़ 
करे ,,देख लेना एक दिन यही लोग आपके सबसे पहले ,,सबसे अव्वल दोस्त होंगे 
,,एक दूसरे के पारिवारिक मित्र होंगे ,,,सुख दुःख के साथी होंगे ,,अगर आप 
और हम अपने अख़लाक़ से इन बीमार लोगो को जिनकी बीमारी कुतर्क ,,बदतहज़ीबी 
,,बदज़ुबानी हो गयी है ,,नहीं बदल सकते तो फिर ,,लानत है हमारे हुस्न ऐ 
अख़लाक़ पर ,,लानत है हमारी परवरिश पर ,,तो दोस्तों ,,आज से सोशल मिडिया पर 
इन मानसिक रोगियों की मनस्थिति समझते हुए इन्हें माफ़ करे ,,इनकी गन्दी 
जुबां का जवाब प्यार की जुबां से दे ,,इन्हें माफ़ करे ,,इन्हें अपना बनाये 
,,इनके दिल दिमाग में जो गुस्सा ,,जो गलतफहमी है वोह दूर करे ,,,इंशाअल्लाह
 गंगा जमना तहज़ीब ,,प्यार मोहब्बत की सन्स्क्रति के अलम्बरदार मेरे इस भारत
 महान में ,,यह मानसिक रोगी जल्द स्वस्थ होकर आप और हमारे साथ मुख्य धारा 
में जुड़ कर दश और देश के अमन चेन ,,सुकून की बात करने लगेंगे ,,एक अखण्ड 
भारत बनाने का सपना लेकर ,,एक दूसरे से गले मिलेंगे ,,हंसेंगे बोलेंगे 
,,दुःख दर्द में साथी होंगे ,,खुशियों में शामिल होंगे ,,एक नया हिंदुस्तान
 मिलकर बनाएंगे ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

 
 

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