श्रीनगर.1990
में कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने के लिए मजबूर करने में अहम भूमिका
निभाने वाले संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने 26 साल में पहली बार रुख बदला है।
बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद इस आतंकी संगठन के कमांडर बने जाकिर रशीद
उर्फ मूसा ने वीडियो मैसेज जारी कर पंडितों से वापसी की अपील की है। उसने
कहा है, ''हम कश्मीरी पंडितों से गुजारिश करते हैं कि वे घाटी में अपने घर
लौट आएं। हम उनकी हिफाजत की जिम्मेदारी लेते हैं।'' बता दें कि हिजबुल ने
अगस्त में भी कहा था कि कश्मीरी पंडित चाहें तो लौट आएं लेकिन पहली बार ऐसा
हुआ है जब संगठन ने उनकी हिफाजत करने की बात कही है। सिख लड़कों की भर्ती करना चाहता है हिजबुल...
- बता दें कि कश्मीर में 1990 में आतंकवाद शुरू होने के बाद करीब 10 लाख पंडितों को अपने घर छोड़ना पड़े थे।
- 1990 में लोकल उर्दू अखबारों ने हिजबुल का एक मैसेज छापा था, जिसमें सभी कश्मीरी पंडितों को तुरंत घाटी छोड़ने की धमकी दी गई थी।
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हिजबुल का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब इस संगठन के कमांडर बुरहानी वानी के
जुलाई में एनकाउंटर के बाद घाटी में बीते 103 दिन से कहीं न कहीं हिंसा हो
रही है।
- आतंकी मूसा ने अपने मैसेज में कहा कि कश्मीरी पंडितों
को उन पंडितों से सीख लेनी चाहिए जिन्होंने कभी कश्मीर नहीं छोड़ा। उन
पंडितों की क्या किसी ने जान ली?
- उसने यह भी अजीब दावा किया कि मुस्लिमों को टारगेट करने की सोची-समझी साजिश के तहत पंडितों को कश्मीर घाटी से बाहर किया गया था।
सिखों को भड़काया
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आतंकी ने अपने मैसेज में कहा कि सरकार पंजाब के ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसा
ऑपरेशन घाटी में भी चलाना चाहती है। इस वजह से हम सिख लड़कों को भी हमारे
संगठन में शामिल करेंगे।
- उसने कहा कि सिख लड़के खुद ही हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने की इच्छा जता रहे हैं। हम उनके साथ हैं।
अब तक 84 मौतें
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बता दें कि बुरहान वानी का 8 जुलाई को एनकाउंटर हुआ था। उसकी मौत के बाद
घाटी में प्रदर्शन भड़के। इसमें अब तक 84 लोगों की मौत हो चुकी है।
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