आपका-अख्तर खान

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21 सितंबर 2016

में और तुम

में और तुम
एक है ,फिर भी
तुमने
मेरे प्यार के मुक़ाबिल
अपनी ज़िद चुनी
मुझे छोड़कर
तुम खुश हो अगर
तुम्हारी ख़ुशी की खातिर
यह भी सही ,अख्तर

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