रांची.
झारखंड पुलिस ने राजस्थान के अलवर से दहेज प्रताड़ना के आरोप में अर्पणा
नाम की लड़की को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने अर्पणा की कमर में रस्सी
बांधकर ट्रेन से 22 जून को गढ़वा लाई थी। मीडिया में झारखंड पुलिस के इस
रवैये की काफी आलोचना हुई थी। इस केस में झारखंड हाईकोर्ट ने पावर और पैसे
के मिसयूज की बात मानी। साथ ही, अर्पणा समेत 20 लोगों के खिलाफ जारी वारंट
खारिज कर दिया है। एडिशनल जज की बेटी की कम्प्लेन के बाद हुआ ये, अर्पणा को रास्ते में नहीं दिया गया था पानी...
-झारखंड के गढ़वा एडिशनल सेशन जज यशवंत कुमार शाही की बेटी प्रियंका शाही ने ससुराल वालों पर दहेज प्रताड़ना का केस किया था।
- प्रियंका की शादी 2 दिसंबर 2015 को अलवर के बैंक कॉलोनी में रहने वाले दिनेश कुमार राव के बेटे सिद्धार्थ राव से हुई थी।
- उसने अपने पति सिद्धार्थ राव, ननद अपर्णा राव, ससुर सहित 20 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
- झारखंड हाईकोर्ट ने कहा है कि वारंट जारी करने में नियमों का पालन नहीं हुआ है। लोअर कोर्ट ने नियमों की अनदेखी की है।
- बता दें कि अर्पणा को गढ़वा लाने के बाद जेल भेज दिया गया था। 15 दिन की रिमांड पर पुलिस ने पूछताछ भी की थी।
- उसने अपने पति सिद्धार्थ राव, ननद अपर्णा राव, ससुर सहित 20 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
- झारखंड हाईकोर्ट ने कहा है कि वारंट जारी करने में नियमों का पालन नहीं हुआ है। लोअर कोर्ट ने नियमों की अनदेखी की है।
- बता दें कि अर्पणा को गढ़वा लाने के बाद जेल भेज दिया गया था। 15 दिन की रिमांड पर पुलिस ने पूछताछ भी की थी।
अर्पणा को रास्ते में नहीं दिया गया था पानी
- अर्पणा की जमानत में एक शर्त जोड़ दी गई कि जमानत देने वाला जिले का ही सरकारी कर्मचारी होना चाहिए।
- इसके बाद कोर्ट के ही एक कर्मचारी ने उसकी जमानत दी। अपर्णा के भाई और पिता ने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
- इस पर सुनवाई के बाद जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की कोर्ट ने अपना आदेश सुनाया।
- अपर्णा के पिता के वकील अभय मिश्रा ने बताया कि सुनवाई के बाद कोर्ट ने उनकी दलीलों को माना कि वारंट जारी करने में निचली कोर्ट ने नियमों की अनदेखी की।
- इसमें पद और पावर का दुरुपयोग हुआ। सुनवाई के दौरान बताया कि गया शिकायतकर्ता के पिता गढ़वा में ही जज थे, इसलिए पुलिस ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया।
- अपर्णा को साजिश के तहत गलत तरीके से पकड़कर गढ़वा लाया गया। रास्ते में पानी तक नहीं दिया गया था। गिरफ्तारी के वक्त कोई महिला पुलिसकर्मी भी नहीं थी।
- जमानत देने में भी ऐसी शर्त लगाई गई कि वह जेल में ही रहे। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को देखने के बाद वारंट खारिज कर दिया।
- इसके बाद कोर्ट के ही एक कर्मचारी ने उसकी जमानत दी। अपर्णा के भाई और पिता ने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
- इस पर सुनवाई के बाद जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की कोर्ट ने अपना आदेश सुनाया।
- अपर्णा के पिता के वकील अभय मिश्रा ने बताया कि सुनवाई के बाद कोर्ट ने उनकी दलीलों को माना कि वारंट जारी करने में निचली कोर्ट ने नियमों की अनदेखी की।
- इसमें पद और पावर का दुरुपयोग हुआ। सुनवाई के दौरान बताया कि गया शिकायतकर्ता के पिता गढ़वा में ही जज थे, इसलिए पुलिस ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया।
- अपर्णा को साजिश के तहत गलत तरीके से पकड़कर गढ़वा लाया गया। रास्ते में पानी तक नहीं दिया गया था। गिरफ्तारी के वक्त कोई महिला पुलिसकर्मी भी नहीं थी।
- जमानत देने में भी ऐसी शर्त लगाई गई कि वह जेल में ही रहे। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को देखने के बाद वारंट खारिज कर दिया।
रेलवे स्टेशन के बाहर सारी हरकत देखते रह गए थे लोग
-
अर्पणा को रस्सी से बांधने का मामला अलवर रेलवे स्टेशन के बाहर का था।
यहां पुलिसकर्मी अपर्णा को रस्सी से बांधकर झारखंड ले जाने के लिए पहुंचे
थे।
- इस दौरान भी उन्होंने रस्सी हटाई नहीं। रेलवे स्टेशन पर जब इसे लेकर पहुंचे तो लोग हैरान रह गए थे।
- बाद में रस्सी बंधे ही अपर्णा को ट्रेन में बैठाकर पुलिस झारखंड के लिए रवाना हो गई थी।
- इस दौरान भी उन्होंने रस्सी हटाई नहीं। रेलवे स्टेशन पर जब इसे लेकर पहुंचे तो लोग हैरान रह गए थे।
- बाद में रस्सी बंधे ही अपर्णा को ट्रेन में बैठाकर पुलिस झारखंड के लिए रवाना हो गई थी।
4 पुलिसकर्मियों को किया गया था सस्पेंड
- इस मामले में हंगामा खड़ा होने के बाद पुलिस के आला अधिकारी हरकत में आए थे।
- गढ़वा पुलिस अधीक्षक ने रस्सी बांधकर लाने वाले एएसआई सहित दो महिला कॉन्स्टेबल और एक सिपाही को सस्पेंड कर दिया था।
- गढ़वा पुलिस अधीक्षक ने रस्सी बांधकर लाने वाले एएसआई सहित दो महिला कॉन्स्टेबल और एक सिपाही को सस्पेंड कर दिया था।
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