भविष्य के डॉक्टर बनने का ख़्वाब देख रहे ,,छात्र छात्राओ के लिए नीट
,,परीक्षा वरदान की जगह मुसीबत बन गयी है ,,हालात यह है ,,के छात्र
छात्राओ और अभिभावकों को कौंसिलिंग मनमानी के नाम पर परेशान तो किया ही जा
रहा है उलटे लूट खसोट भी शुरू है ,,,कोटा के कोचिंग संस्थानों ने इस मामले
में कोचिंग राशि तो डट कर वसूली है ,,लेकिन कौंसिलिंग प्रंबंधन सहयोग में
उनके कोई कारगर क़दम नहीं होने से छात्र छात्राओ में निराशा का माहौल तो है
ही साथ ही उनकी अनभिज्ञता के कारण उनके साथ ना इंसाफी होना पक्की
मानी जा रही है ,,पुरे देश में एक ही परीक्षा के मामले को लेकर सुप्रीम
कोर्ट ने चिंतन मंथन के बाद छात्र छात्राओ की परेशानी को देखते हुए ,,देश
भर में एक परीक्षा नीट मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट रखा ,,गड़बड़ हुई फिर दूसरा
टेस्ट रखा ,,फिर आदेश हुआ ,,सरकार ने सुप्रीमकोर्ट के आदेशो को दरकिनार कर
,,कुछ राज्यो को मनमानी करने की छूट दी ,,सुप्रीमकोर्ट ने इसे गम्भीरता से
नहीं लिया ,,यह सब तो चला ,,लेकिन फिर परीक्षा हुई ,,परीक्षा में पचास
फीसदी नम्बर लाने वाले को क्वालीफाई माना गया ,,रिज़र्व केटेगरी को पैतालीस
प्रतिशत में क्वालीफाई माना गया ,,लेकिन ,,अफ़सोस की बात है के कट ऑफ़
मार्क्स न्यूनतम जारी किये गए ,,जो क्वालीफाई नहीं है ,,उन्हें भी
कौंसिलिंग में पात्र मानकर शामिल होने की छूट दी गयी ,,,,दूसरी तरफ नीट
में शामिल सभी मेडिकल कॉलेजो के एडमिशन प्रक्रिया एकल कौंसिलिंग से होना
चाहिए थी ,,बस राज्यो को ,इस मामले में स्थानीय स्तर के लोगो को छूट दी जा
सकती थी ,,,,लेकिन सभी राज्यो की अलग अलग कौंसिलिंग ,,अलग अलग कौंसिलिंग
शुल्क ,,अलग अलग कार्यक्रम ,,अलग अलग मेडिकल कॉलेजो ,,,प्राइवेट मेडिकल
कॉलेजो की कौंसिलिंग ने छात्र छात्राओ के लिए सर दर्द खड़ा कर दिया है
,,सिर्फ ऑन लाइन व्यवस्था ,,मोबाइल मेसेज ,,ई मेल आई डी पर अब तक कोई
सुचना नहीं ,,,कम नम्बरो की कट होने से हज़ारो लाखो छात्र छात्राओ ने रूपये
देकर कौंसिलिंग भरी ,,सरकारों ने बेवजह करोडो करोड़ रूपये बेरोज़गार
अभ्यर्थियों से कमा लिए ,,हर अभिभावक ,,हर छात्र ,,कौंसिलिंग मैनेजमेंट और
इंटरनेट सिस्टम का जानकार नहीं है ऐसे में गल्तियाँ स्वाभाविक है ,,अगर
नीट एक कौंसिलिंग होती तो छात्र छात्राये बेवजह परेशांन नहीं होते ,,कहने
को कोटा कोचिंग गुरु है लेकिन कोटा में मोटी फीस लेकर कोचिंग देने वाले
,,व्यापारी कोचिंग मालिको ने ,,अपने यहां अलग से काउंटर खोलकर ,,कौंसिलिंग
सहायता केंद्र खोलकर छात्र छात्राओ और अभिभावकों की परेशानियां दूर करने के
प्रयास नहीं किये है ,,अब कौंसिलिंग घपलो की शुरुआत होगी ,,जो लोग पात्र
है वोह रह जाएंगे और घपलेबाज कौंसिलिंग सिस्टम में समझदारी से शामिल होकर
खुद को प्रवेश प्रक्रिया में कामयाब कर लेंगे और पात्र लोगो को एक बार फिर
बाबा जी का ठुल्लू मिलने की सम्भावना है ,,वरना एक कौंसिलिंग पुरे देश
में होती तो ईमानदारी से पात्र लोगो को उनका हक़ मिल जाता ,,,कोचिंग गुरुओ
को अभी भी अपने ज़मीर को ललकारना चाहिए और ,,कौंसिलिंग सहयोग डेस्क का
संचालन शुरू करना चाहिए ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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