नई दिल्ली.राष्ट्रपति
प्रणब मुखर्जी ने 70 वे इंडिपेंडेंस डे से पहले राष्ट्र के नाम अपने संदेश
में कई मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने पिछले दिनों में सामने आए कई अहम
मुद्दों को अपनी स्पीच में शामिल किया। मुखर्जी ने जीएसटी बिल पास होने को
लोकतंत्र की ताकत बताया, वहीं महिलाओं और बच्चों की सिक्युरिटी और कमजोर
वर्गों पर हुए हमलों को राष्ट्रीय चरित्र को कमजोर करने वाला बताया।देश के शानदार विकास की बात....
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राष्ट्रपति ने कहा कि कमजोर वर्गों पर हमले करने वाली शक्तियों से सख्ती
से निपटने की जरूरत है। मुखर्जी ने कहा- मुझे भरोसा है कि ऐसे तत्वों को
अलग कर दिया जाएगा और भारत की शानदार विकास गाथा बिना रुकावट आगे बढ़ती
रहेगी।
- राष्ट्रपति ने कहा- महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा देश
और समाज की खुशहाली तय करती है। यदि ऐसा नहीं होता तो हम एक सभ्य समाज नहीं
कहला सकते।
- राष्ट्रपति ने कहा, 'हमारा संविधान केवल एक राजनीतिक दस्तावेज नहीं है बल्कि एक भावनात्मक, सांस्कृतिक और सामाजिकता का करार भी है।
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उन्होंने आगे कहा- लोकतांत्रिक सभाएं सामाजिक तनाव को मुक्त करने वाले
साधन के रूप में कार्य करती हैं और खतरनाक हालात को रोकती हैं। एक प्रभावी
लोकतंत्र में, इसके सदस्यों को विधि और विधिक शक्ति को स्वीकार करने के लिए
तैयार रहना चाहिए। कोई व्यक्ति, कोई समूह स्वयं अपना कोई कानून जारी नहीं
कर सकता।
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