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20 अगस्त 2016

शहीद मिस्त्री अब्दुल्ला गांधी की पूण्य तिथी पर आज घंटाघर स्थित मिस्त्री अब्दुल्ला के स्मृति स्थल पर उन्हें खिराजे अक़ीदत के फूल पेश कर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी ,

कोटा में आज़ादी के आंदोलन के क्रांतिकारी सिपाही ,शहीद मिस्त्री अब्दुल्ला गांधी की पूण्य तिथी पर आज घंटाघर स्थित मिस्त्री अब्दुल्ला के स्मृति स्थल पर उन्हें खिराजे अक़ीदत के फूल पेश कर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी ,,कार्यक्रम के मुख्य अतिथी प्रदेश कोंग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव पंकज मेहता थे ,,जबकि विशिष्ठ अतिथी आप पार्टी के प्रवक्ता पार्षद समाजसेवक मोहम्मद हुसेन थे ,,कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश कोंग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के कोटा समभाग चेयरमेन एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने की ,,,,कार्यक्रम के आयोजक प्रख्यात शायर समाजसेवक ,,पूर्व पार्षद उमर सी आई डी इस दिन हर साल मिस्त्री अब्दुल्ला गाँधी की शहादत को प्रशासनिक और राजीतिक ध्यान आकर्षित करने के लिए खिराज ऐ अक़ीदत का कार्यक्रम रखते है ,,लेकिन अफ़सोस की बात है के भारत को आज़ाद करवाने वाले क्रांतिकारी सिपाही ,,जिसने गरीबो के लिए अनाज के दाम कम करवाने की मांग को लेकर ,,घोषित भूख हड़ताल के बाद ,,अन्न का एक दाना ग्रहण नहीं किया और गरीबो को सस्ता अनाज दिलाने के लिए अनाज कटला घंटाघर पर भी बिना अन्न जल ग्रहण किये भूख हड़ताल के दौरान अपने प्राणों की आहुति दे दी ,,अबुद्ल्ला गांधी की आज़ादी के बाद इन्साफ की लड़ाई में पहला भूख हड़ताल का संघर्ष था जिसमे उन्हें अपनी जान गंवाना पढ़ी ,,,अब्दुल्ला गांधी की शहादत के बाद क़ानून के हालात बिगड़ गए ,,,कर्फ्यू लगाना पढ़ा ,,सरकार उनकी मांगो के आगे झुकी ,,शहीद अब्दुल्ला की मांग अनाज के दाम सस्ते करने और कोटा को राजस्थान की राजधानी बनाने की मांग थी ,,सरकार ने अनाज के दाम तो कम कर दिया लेकिन कोटा को राजस्थान की राजधानी नहीं बनाया ,,घण्टाघर पर आज भी अनाज कटले में शहीद अब्दुल्ला गाँधी का स्मारक है ,,लेकिन इस स्मारक के उद्धार के लिए सरकार ने कोई क़दम नहीं उठाये है ,,स्थानीय सियासी लोगो का भी शहीद अब्दुल्ला के इस बलीदान के प्रति उपेक्षा का रुख रहा है ,,प्रदेश कोंग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव जो हाडौती उत्सव समिति के अध्यक्ष भी है वोह धन्यवाद के पात्र है ,,जिन्होंने अब्दुल्ला गांधी की याद में संघर्ष शील लोगो को ,,अब्दुल्ला गांधी पुरस्कार से नवाज़ा है और अब्दुल्ला गांधी के नाम से एक पुरस्कार की शुरुआत की है ,,पहला पुरस्कार चम्पा वर्मा ,,रेलवे मज़दूर नेता ,,दूसरा पुरस्कार कर्मचारी नेता ,,रामकिशोर अग्रवाल को दिया गया है ,,,,आयोजक उमर सी आई डी ने बताया के आज़ादी का पहला जश्न कोटा के घंटाघर क्षेत्र में अब्दुल्ला गांधी की शहादत में तिरंगा लहराकर मनाया गया था ,,,कार्यक्रम में बोलते हुए पंकज मेहता ने अब्दुल्ला गांधी की क़ुरबानी की गाथा सुनाते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जबकि पार्षद मोहम्मद हुसेन ने कहा के कोटा के सभी शहीदों को ,,हर बार पन्द्रह अगस्त पर याद करना चाहिए ,,ऐडवोकेक्ट अख्तर खान अकेला ने कहा के स्वतन्त्रता सेनानी शहीद अब्दुल्ला गांधी ,,शहीद लाल जय दयाल ,,शहीद महराब खान जैसे आज़ादी के सिपाहियों की वीर गाथा ,,स्कूल की किताबों में पढाया जाना चाहिए ,,,कार्यक्रम में बारां ज़िला वक़्फ़ कमेटी के चेयरमेन शरफुद्दीन गुड्डू ,,,जेड आर यु सी सी सदस्य जगदीश शर्मा ,,पण्डित श्याम सुन्दर शर्मा ,,चाँद शेरी ,,शहज़ाद वारसी ,,पूर्व उप प्रधान रईस खान ,,सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे ,,, भीगती बारिश में इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आयोजक ,,उमर सी आई डी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अगले साल इस कार्यक्रम को भव्य बनाने का आह्वान किया ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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