प्रदेश कोंग्रेस कमेटी की  मंगलवार तेईस अगस्त को फिर जयपुर में बैठक है 
,,क़रीब  187 प्रदेश कोंग्रेस कमेटी के पदाधिकारी है ,,अब खुद कोंग्रेस का 
अल्पसंख्यको के लिए चलाया गया अभियान टारगेट फिफ्टीन को ही हम ले 
,,,कोंग्रेस के विधान को ही अगर हम ले ,,तो क्या प्रदेश कोंग्रेस कमेटी में
 ,,कम से कम तीस पदाधिकारी अल्पसंख्यक नहीं होना चाहिए ,,,अगर ऐसा नहीं 
होता है ,,तो क्या कोंग्रेस का टारगेट फिफ्टीन अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रम
 का हम विरोध नहीं कर रहे है ,,कहकर देखिये नए कुछ बनते है या नहीं
 ,,बनते है तो आगे क्या होता है ,,कोंग्रेस के सिद्धांत की बात है इसलिए 
मेने तो याद दिला दिया क्योंकि अब कई साथी कहते है बर्दाश्त की हद हो गयी 
यार ,,,,,,कम से कम अट्ठाईस तीस पदाधिकारी आठ ज़िला अध्यक्ष तो होना ही 
चाहिए,,दलितों में भी कमसे कम यह फार्मूला तो होना ही चाहिए ,, इन्साफ की 
सन्तुष्ठी के लिए इतना ही काफी है ,,फिर देखिये बदलाव कैसा आता है ,,सेलाब 
केसा आता है  ज़िंदाबाद का   ,,,अख्तर

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