यह आदरणीय मोहन भागवत ,,जिनके इशारो पर केंद्र की सरकार चलती है ,,,क्या यह
सरकार के लोग इन्हें इतना क़ानून भी नहीं समझा सकते के हमारे देश में दो
बच्चो से ज़्यादा हो तो कर्मचारियों को नोकरी नहीं मिलती ,,उनके प्रमोशन और
इंक्रीमेंट रुक जाते है ,,यहां तक के वोह पंच ,,सरपंच , ,,जिलापरिषद ,वार्ड
पार्षद का चुनाव भी नहीं लड़ पाते है ,,,,यह क़ानून उन्हें पढ़ाना था न यार
,,ताकि वह नादानी में ,,भारत में ऐसा कोई क़ानून तो नहीं के बच्चे पैदा
करने से रोके ,,कहकर ,,,खिल्ली तो नहीं उड़वाते ,,में व्यक्तिगत
तोर पर ,,,आदरणीय मोहन भागवत सर की विद्वता का क़ायल हूँ ,,इसलिए नहीं सोच
सकता के वोह ऐसा बयान दे सकते है ,,लेकिन सरकार में बैठे संघ विरोधी
,,खासकर ,,मोहन भागवत सर के विरोधियो का कुछ षड्यन्त्र तो है जो उन्हें
विवादित बनाने के लिए ,,उनके इस बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश करवाया गया है और
मिडिया में उनकी खिल्ली उड़वाई गयी है ,,संघ को इन साहब और इन साहब के कोकस
की तलाश कर उन्हें बेनक़ाब करना चाहिए ,, जिन्होंने भागवत सर को अल्पज्ञानी
साबित करने के लिए जो उन्होंने ,,जिस तरह से नहीं कहा ,,उसे प्रचारित
करवाकर ,,उनकी खिल्ली उड़वाई है ,,,,,,,,,,,,,अख्तर
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