,,दोस्तों
यह कोटा है ,,,यहां प्रमुख समस्याओ के लिए ,,,,अपनी जान पर खेलकर
,,,आंदोलन कर ,,,पीड़ितों को इंसाफ दिलाने वाले ,,,क्रांतीतिवारी अब
बेज़ुबान,,, मवेशियों ,,, गांयो को इन्साफ दिलाने के लिए ,,,सड़क पर उतरे है
,,,वोह पांच दिन से ,,,इन मवेशियों को ,,,उनका हक़ दिलाने के लिए,,, भूख
हड़ताल पर है ,,उनका,,, पांच किलो वज़न कम हो गया है ,,उनकी जान जोखिम में है
,,उनके,,हमदर्दो का तांता भूख हड़ताल स्थल पर,,, लगा हुआ है लेकिन
,,प्रशासन और भाजपा सरकार के महापौर ,,अधिकारी और गोसेवक है,,, के मानते
ही नहीं असली गो भक्त क्रांति तिवारी बेज़ुबान गांयो को इंसाफ दिलाने के लिए
,,किसी की हत्या नहीं कर रहे ,,किसी को मारपीट कर उसे प्रताड़ित अपमानित
नहीं कर रहे है ,,वोह तो इस बेज़ुबान जानवर के लिए खुद अपने आप को तकलीफ दे
रहे है ,,खुद आमरण अनशन पर बैठे है ,,मूसलाधार बरसात हो ,,रात को मच्छरों
का आतंक हो ,,या फिर दिन में उमस के कारण खतरनाक जानलेवा बेचेनी हो
,,क्रांति तिवारी खुद की जान की परवाह किये बगेर ,,बेज़ुबान गांयो के लिए
जांबाज़ी के साथ भूख हड़ताल के मोर्चे पर डटे है ,,,,,,,,दोस्तों ,,, कोटा
में एक मासूम बिटिया की,, सड़क पर नगरनिगम की लापरवाही से ,,उत्पात मचाते
लावारिस सांड के कारण ,,अकाल मोत हो गयी ,,,हर गली ,,हर मोहल्ले में रोज़,,
इन जानवरो की वजह से ,,,जानलेवा दुर्घटनाये हो रही है ,,लेकिन अफ़सोस कोटा
नगरनिगम ,,कोटा ज़िला प्रशासन ,,आंकड़े तैयार करने के अलावा,,,कुछ ज़्यादा
नहीं कर सका है ,,मिडिया चीखा ,,चिल्लाया ,,कार्यवाही शुरू हुई ,,लेकिन फिर
मैनेजमेंट चला ,,मिडिया मैनेज हो गया ,,कार्यवाही रुक गयी ,,,हालात यह है
के,,, कलेक्ट्रेट ,,आई जी कार्यालय के आस पास ,,,अदालत परिसर से ,,नयापुरा
तक ,,,सेकड़ो आवारा मवेशी,,, एक चारागाह की तरह बीच सड़क पर,,, लोगो को मोत
की दावत देते रहते है , ,,शहर का हर इलाक़ा,, ऐसे ही जानवरो की चारागाह और
अटखेलिया स्थल बना हुआ है ,,सर्किट हाउंस और कलेक्ट्रेट आने जाने वाले
,,,सभी वी आई पी ,,,,इन सड़को से गुज़रते है ,,लेकिन उनके मुंह पर ताले
,,आँखों पर अँधेरे,,, चश्मे चढ़ गए है ,,,मिडिया तो रोज़ इन तस्वीरों को
,,,कैमरे में केद कर ,,,जनता के सामने,, सार्वजनिक करते करते ,,,,थक गया है
,,शहर की सड़को पर ,,,एक तरफ आवारा मवेशियों का दबाव है ,,दूसरी तरफ शहर
में,,,, दुर्घटनाओ का खतरा बढ़ रहा है ,,,तो इधर जिन गांयो को ,,,लावारिस
हालत में पकड़ कर ,,,गोशाला में रखे गए है ,,वहां उचित देखभाल ,,,नहीं होने
के कारण,,, इन गांयो की अकाल मोत हो रही है ,,कोटा की निगम गोशालाओ में
,,,हिंगोनिया सा हाल है ,,,कोटा के समाजसेवक,,, कोंग्रेस के क्रांतिकारी,,,
प्रदेश सचिव क्रान्ति तिवारी ,,,जो कई वर्षो से ,,गो सेवा और गो सरंक्षण
कार्यो से जुड़े है ,,उन्होंने इस मामले में ,,,पहले आवारा मवेशियों को,,,
शहर की सड़को से व्यवस्थित तरीके से हटाने ,,,,बेज़ुबान जानवरो को ,,,दूध
निकालकर भूखी हालात में सड़को पर चरने के लिए छोड़ने वाले पशुपालको के खिलाफ
कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करने ,,और गोशाला व्यवस्था को सुधारने के साथ साथ
,,इन गांयो को खुला चारागाह देने के लिए ,,,,निकट ही चारागाह की स्थाई
ज़मीन में ,,,चारदीवारी कर इन्हें रखवाये जाने की वाजिब मांग रखी ,,,,ताकि
उन्हें खुला वातावरण भी मिले ,,यह मवेशी शहर से दूर भी रहे ,,सुरक्षित भी
रहे और इन्हें ,,,हरी ताज़ी घांस भी खाने को मिल सके ,,क्रांतीतिवारी ने इन
मांगो को लेकर ,,,नगर निगम महापौर सहित ,,,सभी ज़िम्मेदार अधिकारियो को
,,,,इस मामले में कार्यवाही करने को कहा ,,लेकिन महापौर सहित ,,,अधिकारी
लोग जब टस से मस नहीं हुए ,,तो इन बेज़ुबान जानवरो को ,,,इन्साफ दिलाने के
लिए ,,भाई क्रांतीतिवारी ने कोटा नगरनिगम के बाहर,,,, मुख्य द्वार के सामने
भरी बरसात में ,,,टेंट गाढ़ कर आमरण अनशन शुरू कर दिया ,,,क्रान्ति
तिवारी ,,,,पांच दिनों से भूखे प्यासे है ,,,वोह प्रति दिन सुबह सवेरे,,,
राढ़ी जी के बालाजी के यहां,,,,सावन का जलाभिषेक करते है ,,भूखे पेट
सीढ़ियों पर भारी बाल्टियां लेकर चढ़ते है ,,और धार्मिक कार्यो से निवर्त
होकर,, फिर धरनास्थल पर आ डटते ,, क्रान्ति तिवारी का वज़न ,,,पांच किलो कम
हो गया है ,,उनके यूरिन और खून की जांच में खराबी आने लगी है ,,,लेकिन
शराब बंदी के मामले में ,,अनशनकर्ता ,, छाबड़ा की मोत कहो ,,या फिर हत्या के
,ज़िम्मेदार इस सरकार के कानो पर जूँ तक नहीं रेंगी है ,,,अफ़सोस की बात
है,,,, के पांच दिन में क्रान्ति तिवारी के,,, इस क्रांतिकारी क़दम को
समर्थन देने ,,,एक भी गोमाता का ढिंढोरा पीटने वाला,,, गो भक्त नहीं
पहुंचा है ,कोटा शहर अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमेन अब्दुल करीम खान अपनी
पूरी टीम के साथ क्रान्ति तिवारी की इस ,,भूख हड़ताल क्रान्ति में कन्धे से
कन्धा मिलाकर साथ दे रहे है ,,,उनके समर्थन में ,,,ज़िला कोंग्रेस के कोटा
शहर अध्यक्ष गोविन्द शर्मा ,,देहात अध्यक्ष श्रीमती सरोज मीणा ,, ,,प्रदेश
महासचिव पंकज मेहता ,,शिवकांत नंदवाना ,,पूनम गोयल ,,नईमुद्दीन गुड्डू
,,बारां के प्रमोद भया ,,रविन्द्र त्यागी ,,डॉक्टर ज़फर मोहम्मद ,,,पूर्व
मंत्री भरत सिंह ,,पूर्वमंत्री शान्ति कुमार धारीवाल सहित सभी दिग्गज
पहुंचे है ,,खुशी की बात यह है के क्रांतीतिवारी के इस आमरण अनशन को
सर्वाधिक समर्थन कोटा के अल्पसंख्यकों ने दिया है ,,पार्षद मोमदा भाई हो ,,
कोंग्रेस पार्षद क्षमा बेगम ,,आसिफ मिर्ज़ा हो ,,,कोटा संभाग अल्पसंख्यक
विभाग के चेयरमेन एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने आज कोटा ज़िला कोंग्रेस
प्रभारी डॉक्टर करण सिंह यादव ,,प्रतिपक्ष नेता रामेश्वर डूडी को क्रान्ति
तिवारी के अनशन कार्यक्रम से अवगत कराया ,, पूर्व सांसद डॉक्टर करण सिंह
यादव ने क्रांतितवारी के इस क़दम को सराहते हुए उनकी पीठ थपथाते हुए अपना
पूरा समर्थन जताया ,,,कोटा संभाग अल्पसंख्यक विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष
पूर्व प्रधान रईस खान ,,प्रवक्ता महासचिव तबरेज़ पठान ,,सोशल मिडिया
प्रभारी अब्दुल रशीद क़ादरी ,,प्रचार सचिव पूर्व पार्षद उमर सी आई डी
,,दरगाह जंगली शाह के गद्दीनशीन हाजी अज़ीज़ जावा ,,,कोटा शहर अध्यक्ष
अब्दुल करीम खान ,,देहात अध्यक्ष साजिद जावेद ,,सुल्तानपुर ब्लॉक अध्यक्ष
दिलदार भाई आबिद कागज़ी ,,मंज़ूर तंवर ,,शाहिद भाई ,,सहित सेकड़ो लोग
क्रांति तिवारी को रोज़ समर्थन दे रहे है ,,,एक मुस्लिम समाजसेवक ने तो
क्रान्ति तिवारी का मनोबल बढाने के लिए उन्हें एक गांय बछड़े की खूबसूरत
प्रतीक चिन्ह लाकर दिया है जो धरनास्थल पर,,, लोगो में चर्चा का विषय
है,,क्रान्ती तिवारी की बेज़ुबान जानवरो के,, इंसाफ के लिए एक बढ़ी क़ुरबानी
,,पांच दिन की भूख प्यास ,,मामूली बात नहीं ,, इस मामले में ,,,कोटा के सभी
कोंग्रेसियो को ,,,दलगत राजनीति गुटबाज़ी से अलग हठ कर ,,,एक जुट होकर उनका
मददगार बनना चाहिए ,,प्रदेश पदाधिकारियो ,,प्रतिपक्ष नेता ,,प्रदेश
अध्यक्ष सचिन पायलेट को भी ऐसे मामलो में गम्भीरता दिखाकर आवश्यक दिशा
निर्देश देना चाहिए ,,,,जबकि प्रशासन को संवेदनशीलता दिखाते हुए बेज़ुबान
जानवरो के लिये ,,,,,खुद को तकलीफ देकर भूखे बैठे क्रान्ति तिवारी की
,,,इस भूख क्रान्ती के बारे में,,,, सम्मानजनक हल निकालना चाहिए ,,गांय
,,हिन्दू ,,मुस्लिम ,,कोंग्रेस ,,भाजपा की नहीं ,,गांय सियासत का पशु भी
नहीं ,,,,वोह तो माता है,,, उस बेज़ुबान रेस्पेक्टेबल पशु के लिए,,, लड़ रहे
क्रान्ति तिवारी के पक्ष में,,, कोटा के गोसेवकों को ,,,एक जुट होकर,,,
सामने आना चाहिए ,,वोह बात और है के गोपालक जो दूध निकालकर डंके की चोट पर
इन्हें सड़को पर आवाजाही बाधित करने के लिए छोड़ते है वोह इतने प्रभावशाली है
के कलेक्ट्रेट नयापुरा रोड पर भी कलेक्टर साहब के खुले आदेशो के बाद भी
किसी की हिम्मत नहीं जो इन बेज़ुबान जानवरो को दूध निकालकर सड़को पर छोड़ने
वाले ,,प्रभावशाली व्यवसायिक मालिको के ज़ुल्म से छुटकारा दिला सके
,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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