जय हिन्द” का नारा आबिद हसन ‘साफ़रानी’ ने दिया, “इंक़लाब ज़िंदाबाद” का ‘हसरत
मोहानी’ ने ,,सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हम्रारा ,,इक़बाल ने ,,यह नारे
अंग्रेज़ो से सीधी दुश्मनी का प्रतीक है ,,,इन नारा देने वालो को भुला दिया
गया है ,,क्योंकि इन्होंने अंग्रेज़ो की सरकारी नोकरी में रहते हुए
,,अंग्रेज़ो के जॉर्ज पंचम और अंग्रेज़ो की माता क्वीन एलिज़ाबेथ को खुश करने
के लिए कोई गीत नहीं लिखा ,,कोई नारा नहीं दिया ,,अब अँगरेज़ चले गए
,,,,,,,,उन्हें छोड़ गए ,,समझ गए न ,,इसलिए अंग्रेज़ो के जॉर्ज पंचम और
अंग्रेज़ो की माता को खुश करने वाले राष्ट्रभक्ति के रूप में ज़िंदा है
,,जबकि जय जवान जय किसान ,,,जय हिन्द ,,,इंक़लाब ज़िंदाबाद ,,,,सारे जहाँ से
अच्छा हिंदुस्तान हमारा कहने वालो का नाम लेवा भी कोई नहीं है ,,,अख्तर
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