दोस्तों कोटा प्रदेश कोंग्रेस कमेटी सदस्य क्रांति तिवारी द्वारा बेज़ुबान
गांय और मवेशियों को इन्साफ दिलाने की आवाज़ पर अधिकारियो और महापौर ने ख़ास
ध्यान तो नहीं दिया उलटे उनकी आवाज़ दबाने के लिए देर रात्रि उन्हें जबरन
अनशन स्थल से उठाकर अस्पताल ले गए और जबरन भर्ती करा दिया ,,अस्पताल में भी
क्रांति तिवारी का अनशन जारी है ,,,कल मेने प्रशांसन ,,महापौर और भाजपा की
संवेदनहीनता को लेकर एक आर्टिकल लिखा था ,,,,,प्रशासन तो चेता ,,प्रशासन
ने वार्ता का प्रयास भी किया ,,लेकिन जहां निर्वाचित नगरनिगम बोर्ड हो
,,नगर विकास न्यास के चेयरमेंन सरकार द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि हो ,,,सरकार
के मंत्री हो वहां अधिकारियो की सीमाएं होती है इसलिए कोई खास समाधान नहीं
निकल सका ,,महापौर भी क्रांति तिवारी के पास पहुंचे लेकिन आश्वासन के सिवा
उनके पास क्रान्ति तिवारी को बेज़ुबान गांयो के इन्साफ के लिए देने को कुछ
नहीं था ,,,खेर प्रशासन तो प्रशासन है ,,क्रान्ती तिवारी की लगातार बिगड़
रही सेहत की खबरों से प्रशासनिक अधिकारी घबरा गए थे ,,उन्हें तो क़ानून
व्यवस्था की ज़िम्मेदारी सम्भालना थी इसलिए उन्होने अर्धरात्रि मौके पर
पहुंच कर छद्म तरीक़े से क्रान्ति तिवारी को उठाया और जबरन एम्बुलेंस में
डालकर एम बी एस अस्पताल ले आये ,,साथी कार्यकर्ताओ ने विरोध जताया तो
उन्हें फोर्सफुल तरीके से रोक दिया और ,,इसे राजकार्य बताकर राजकार्य में
बाधा के आरोप में मुक़दमा दर्ज करने की धमकी दे डाली ,,,,कोंग्रेस अगर एक
होती तो शायद प्रशासन का ऐसा दुस्साहस ,,क्रांति तिवारी की वाजिब मांगो को
पूरी किये बगेर नहीं होता ,,,कल प्रदेश कोंग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन
पायलेंट कोटा आ रहे है उनका एयरपोर्ट आंदोलन ,,,चम्बल शुद्धिकरण को लेकर
अनिश्चित कालीन धरना और क्रांति तिवारी के इस अनशन को लेकर बहुत कुछ करना
होगा ,,अपना नेतृत्व साबित करना होगा ,,कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाकर
प्रशासन को इस मामले में आवश्यक निर्देश देकर उन्हें कार्यवाही के लिए
मजबूर करना होगा ,,वैसे १२ को सचिन पायलेट कोटा में है तो १३ को उन्होंने
पुरे राजस्थान में ,,,गोरक्षा मार्च ,,का आह्वान किया है ,,कोंग्रेसी
जिलास्तर पर इस कार्यक्रम को करेंगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,क्रान्ति तिवारी के
साथ रातभर ज़िला अल्पसंख्यक विभाग कोटा शहर अध्यक्ष अब्दुल करीम खान ,,शाहिद
खान सहित कई दर्जन कार्यकर्ता कन्धे से कन्धा मिलाकर साथ रहे ,,क्रान्ति
तिवारी के क्रान्ति आज भी भूखे पेट बरक़रार है ,,उन्होंने जबरन अनशन तोड़ने
से इंकार कर दिया है ,,वोह भूखे पेट है ,,लेकिन उनके हौसले बुलंद है वोह
चाहते है ,,के बेज़ुबान गांयो को ,,माँ कहने वाली भाजपा सरकार और भाजपा के
कार्यकर्ताओं की इस उपेक्षा पर उनका नंगा सच सामने आ गया है ,,जबकि चारागाह
के लिए ज़मीन आवंटन ,,गांयो की उचित देखरेख ,,सड़को से सुरक्षित तरीके से
उन्हें हटाकर सुरक्षित स्थान पर रखने की क्रांति तिवारी की इस मांग का शहर
समर्थन करता है ,,,,इसीलिए उन्हें परदे के पीछे सभी पार्टियों से जुड़े
लोगो का समर्थन प्राप्त है ,,,प्रशासन को इस मामले को महापौर और नगरविकास
न्यास चेयरमेन के भरोसे नहीं छोड़ कर क़ानून व्यवस्था ध्यान में रखकर खुद ही
उचित निर्णय लेना होगा ,,क्योंकि कोटा ज़िला कलेक्टर डॉक्टर रवि कुमार
सुरपुर ,,पुलिस अधीक्षक और अधीनस्थ प्रशासनिक अधिकारियो सुनीता डागा
वगेरा की सतर्क और सजग टीम है जो वर्तमान में कई खतरनाक हालातो में भी
सकारात्मक समाधान के साथ खुद को साबित करने में कामयाब हुए है ,,इस मामले
में भी उन्हें अपनी अधिकारी होने की अधिकारिता का वीटो पावर इस्तेमाल आकर
कुछ ऐतिहासिक कार्य करना होगा ,,क्योंकि सभी जानते है ,,क्रान्ति तिवारी के
साथ पूरा शहर है ,,और क्रान्ति तिवारी की मांग वाजिब है ,उन्होंने चाँद
थोड़े ही माँगा है ,,गांयो की सुरक्षा और शहर की जनता की सुरक्षा की उनकी
मांग है ,,जो गेर वाजिब हरगिज़ नहीं ,,,हरगिज़ नहीं ,,पशुपालको से जब तक
सख्ती से नहीं निपटा जाएगा उनके सारे राजनितिक रसूकात और राजनितिक दबाव को
प्रशासनिक अधिकारियो द्वारा नज़र अंदाज़ नहीं किया जाएगा तब तक इस शहर की इस
समस्या का समाधान सम्भव नहीं है ,,,प्रशासन को इस समस्या के समाधान के लिए
तो अब सिंघम बनना ही होगा ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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