कांग्रेस के रहमोकरम पर देश के राष्ट्रपति बने ,,प्रणव मुखर्जी के
हस्ताक्षर से पहले अरुणाचल फिर उत्तराखंड में लोकतंत्र की हत्या हुई थी
,,वह भी खुद की विचारधारा से जुडी पार्टी के मामले में ,,बिना विधिक विचार
के इन साहिब ने हस्ताक्षर कर ,,भाजपाइयों की वाहवाही लूटी थी ,,लेकिन अब
सुप्रीमकोर्ट का क़ानूनी थप्पड़ की गूंज उत्तराखंड के बाद अरुणाचल प्रदेश में
लोकतंत्र की हत्या के मामले में गूंज उठी है ,,सुप्रीमकोर्ट जिसे
राष्ट्रपति जी नियुक्त करते है वह क़ानून की संविधान की व्याख्या कर रही है
,,लेकिन साहब इस अलोकतांत्रिक कार्यवाही पर हस्ताक्षर करने से एक मिनट भी
नहीं चुके और भाजपा के रोबोट की तरह तुरंत हस्ताक्षर कर दिए , ,क्या करे हम
कॉंग्रेसी ऐसे ही लोगो को अपना सिरमौर बनाकर पछताते है ,,,अभी उत्तरप्रदेश
में भी कुछ ऐसा ही होगा ,,अख्तर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)