मुझ से बेहिसाब
प्यार करने वालो को
में भी आज आज़माता हूँ
देखता हूँ ,,कोन ,,कोन
किस ,,किस तरह से
मुझ रूठे हुए को मनाता है ,,,
यकीन तो है
मेरा अपना बनकर
कोई नहीं आएगा
फिर भी प्यार का जुआरी हूँ
इसलिए एक बार आज़माता हु ,,,अख्तर
प्यार करने वालो को
में भी आज आज़माता हूँ
देखता हूँ ,,कोन ,,कोन
किस ,,किस तरह से
मुझ रूठे हुए को मनाता है ,,,
यकीन तो है
मेरा अपना बनकर
कोई नहीं आएगा
फिर भी प्यार का जुआरी हूँ
इसलिए एक बार आज़माता हु ,,,अख्तर
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