बिलासपुर(छत्तीसगढ़).
ट्रेन का भारी-भरकम इंजन गुम हो गया है। इस बात पर यकीन करना मुश्किल है,
लेकिन फिलहाल तो यही हकीकत है। दिल्ली के तुगलकाबाद लोको शेड का इलेक्ट्रिक
लोको (इंजन) जून से गायब है। वेस्ट सेंट्रल रेलवे ने जोन में इसकी तलाश
की। नहीं मिला तो रेलवे बोर्ड को जानकारी दी गई। बता दें कि बोर्ड ने सभी
जोनल रेलवे को इसकी तलाश करने को कहा है। मरम्मत के लिए लोको शेड लौटना था पर पहुंचा ही नहीं, 60 हजार ड्राइवर तलाश रहे हैं इंजन...
- दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की तरह हरेक जोन ने तलाशी में ट्रेन के ड्राइवरों को लगा दिया है।
- देश में करीब 60 हजार ट्रेन ड्राइवर हैं, जो हरेक इंजन के नंबरों की जांच कर रहे हैं, ताकि खोया हुआ इंजन मिल जाए।
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वेस्ट सेंट्रल रेलवे (जबलपुर) का लोको शेड तुगलकाबाद में है। यहां के इंजन
नंबर 23384 को मरम्मत के लिए 15 जून को लोको शेड लौटना था।
- इंजन पहुंचा ही नहीं। मान लिया गया कि देश के किसी छोर में होगा, जहां से लौटने में समय लगेगा।
- इंजन 10 दिन बाद भी नहीं लौटा तो खोजबीन शुरू हुई। इसके बाद भी डब्ल्यूसीआर को इंजन नहीं मिला।
10 जुलाई को तलाश जारी करने का दिया गया ऑर्डर
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इंजन के गायब होने की जानकारी रेलवे बोर्ड को दी गई। 10 जुलाई को रेलवे
बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को इंजन की तलाश करने के निर्देश जारी कर दिए।
- जोनल रेलवे ने सभी लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट को खोए हुए इंजन का नंबर जारी कर दिया है।
- सभी ड्राइवर इंजन में सवार होने से पहले उसका नंबर चेक करते हैं कि कहीं यह खोया हुआ इंजन तो नहीं है।
सबसे बड़ा सवाल, कैसे गायब हो सकता है रेल का इंजन ?
- सिर्फ पटरी पर ही दौड़ने वाले 120 टन वजनी इंजन का गुम होना नामुमकिन है। आखिर इंजन कहां और कैसे गायब हो गया।
- एक्सपर्ट ने भास्कर को बताया कि इंजन की मॉनिटरिंग के लिए ऑनलाइन सिस्टम है।
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ट्रेन तैयार होते ही छूटने वाले स्टेशन में इंजन का नंबर दर्ज हो जाता है।
मंजिल से पहले इंजन बदलना पड़ा तो भी बदले इंजन का नंबर दर्ज किया जाता
है।
- एक्सपर्ट इसी प्रोसेस में गड़बड़ी की आशंका जता रहे हैं। इंजन का नंबर गलत दर्ज हो गया होगा, जिससे इसका पता ही नहीं चल रहा है।
- ड्राइवरों की जांच से इंजन का पता लग जाएगा।
अरे बाप रे !
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