दोस्तों राजस्थान में दो पीढ़ी के मंत्री परिवार के मुखिया जुझारसिंह ,,अलग
अलग चुनाव चिन्हों से चुनाव लड़ने के कारण चर्चित भी रहे है ,,,जबकि आज
छियानवे साल के होने के बावजूद भी सियासत में उनकी वही धाक है ,,ख़ुशक़िस्मत
है वह के उनके पुत्र मंत्री रहने के बावजूद भी ,ईमानदार रहे है ,,और एक
खिदमतगार के रूप में अपने पिता की सेवाकर खुद को कृतज्ञ मानते है ,,,जुझार
सिंह चार भाइयो में से एक भाई जो सियासत में आये ,,,वर्ष 1952 में
रामराज्य परिषद से खानपुर अकलेरा विधानसभा सीट से उगता आधा सूरज चुनाव
चिन्ह से ,,चुनाव लड़े ,,कांग्रेस के भेरूलाल कालबादल से जुझार सिंह दो वोट
से हारे ,,लेकिन चुनाव याचिका के बाद जुझार सिंह को कुछ समय के लिए
निर्वाचित घोषित किया फिर भेरूलाल कालबादल निर्वाचित रहे ,,,जुझार सिंह
झालावाड़ दरबार हरीश चन्द्र के नजदिको में से प्रमुख व्यक्तित्व थे ,,फिर
जुझार सिंह दो बैल जोड़ी से कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव लड़े ,,फिर गांय बछड़ा
पर चुनाव लड़े ,,,जुझार सिंह पहले दीपक चुनाव चिन्ह से ,,विधायक निर्वाचित
हुए ,,फिर रामगंजमंडी विधानसभा सीट बन जाने के बाद रामगंजमंडी विधानसभा सीट
से गांय बछड़े पर चुनाव लड़े ,,इस दौरान हाड़ोती की 16 विधानसभा सीटों पर
कांग्रेस का क़ब्ज़ा था ,,लेकिन विकट परिस्थितियों में भी जुझार सिंह ने
हरिदेव जोशी की मुक्खयमंत्री बनने में मदद की थी ,,इसीलिए हाड़ोती से एक
मात्र मंत्री जुझार सिंह ही रहे ,,जिन्हे खान ,,पर्यटन और सहकारिता मंत्री
का कार्यभार सौंपा गया ,,वर्ष 1984 में जुझारसिंह को चुनाव चिन्ह हाथ से
झालावाड़ से सांसद का चुनाव लड़ने का मौका मिला और ,,शांतिधारीवाल के सांसद
कार्यकाल में ,जुझार सिंह भी सांसद रहकर ,,कई महत्वपूर्ण समितियों में
सदस्य रहे ,,,,,,,,,जुझार सिंह के मंत्रित्व कार्यकाल में हाड़ोती में काफी
विकास कार्य हुए जबकि कोटा को खनन क्षेत्र में विशिष्ठ व्यवसायिक स्थान
मिला ,,,,,,,,जुझार सिंह पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री राजस्थान सरकार को
सियासत विरासत में मिली और इनकी विरासत इनके पुत्र भरत सिंह पूर्व मंत्री
राजस्थान सरकार को मिली है ,,,,जुझार सिंह एक संघर्ष का नाम है जो रजवाड़ों
के नज़दीक होने से ,,जनता से सीधे जुड़े रहे और जनता के कामकाज में सीधा हाथ
बंटा कर उन्हें न्याय दिलवाने की परम्परा ने इन्हे जनता का लोकप्रिय बना
दिया ,,,,,,,,,,,,,, ,,,,जुझार सिंह पहली विधानसभा के दिग्गज ,,तेज़तर्रार
विधायकों में से थे ,,राजस्थान में दबदबा होने से पुरे राजस्थान में अपने
प्रयासों से इन्होने राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में जाकर कार्ययोजनाएं
तय्यार की और राजस्थान को सजाया संवारा ,,राजस्थान को इन्होें लोगों के
आकर्षक का केंद्र बनाया ,,राजस्थान में खान व्यवसाय को जुझारसिंह ने परवान
चढ़ाया कई लोगों को रोज़गार से लगाया और राजस्थान की रेवेन्यू बढ़ने से
राजस्थान में खुशहाली के भी प्रयास हुए ,,,विभिन्न संकटों में कांग्रेस के
लिए संघर्ष कर कांग्रेस को स्थापित रखने में जुझार सिंह जूझते रहे ,,जुझार
सिंह इनकी राजनितिक परिपक्वता के चलते कई महत्वपूर्ण समितियों में सिरमौर
रहे ,,संकटमोचक रहे और इनके विश्वास ,,भरोसे के चलते इन्हे कांग्रेस संगठन
मज़बूत करने की भी ज़िम्मेदारियाँ दी गई ,,,जुझार सिंह अभी लगभग छियानवे वर्ष
के है लेकिन गाँधीवादी विचारधारा के होने से खुद के काम खुद ही करते है
,,,खुद के कपड़े धोना ,,चाय नाश्ता तय्यार करना इनकी खुद की ज़िम्मेदारी है
,,इनके पुत्र भरत सिंह संस्कारवान है वोह राजस्थान के अकेले ऐसे
सिद्धांतवादी मंत्री रहे है जिनके ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार की एक ऊँगली भी नहीं
उठी है ,,ईमानदार ,,कर्तव्यनिष्ठ , ग़रीबों के मसीहा ,,,हमदर्द ,,,सहज और
सरल ,वक़्त के पाबंद भरत सिंह ने भी सियासत में अलग मिसाल क़ायम की है ,,अभी
भरत सिंह जिस महकमे के केबिनेट मंत्री रहे है उसी महकमे में पंच है ,,उप
सरपंच है ,,इनकी पत्नी सरपंच है और इनके प्रयासों से कई वर्षो बाद कोटा में
कांग्रेस का जिलाप्रमुख इनके गांव का ही बना है ,,,जुझार सिंह पूर्व सांसद
,,पूर्व मंत्री ,,दिग्गज कोंग्रेसी होने से कांग्रेस का हर नेता इनकी कुशल
क्षेम पूंछने इनके निवास पर जाता है ,,कांग्रेस के वर्तमान हालात
,,वर्तमान विवाद ,,,गुटबाज़ी और निराशावादी विचारधारा से वोह दुखी है
जुझार सिंह वर्तमान हालातो में कांग्रेस की मज़बूती के लिए उनके पुत्र भरत
सिंह और शान्ति धारीवाल को मिलकर एक साथ चलने की हिदायत देते है पिछले
दिनों जब दोनों पूर्व मंत्री एक मंच पर नज़र आये तो कॉंग्रेसी ,,अटूट एकता
देखकर गदगद हो गए ,,जुझार सिंह का हर पुराने कोंग्रेसी से एक सवाल होता है
के हमारे वक़्त की कांग्रेस और आज के वक्त की कांग्रेस में क्या फ़र्क़ है
,,वोह चिंतित रहते है के कांग्रेस को फिर से जनता से जुड़कर कैसे मज़बूती दी
जाये ,,वोह आज सो साल के नज़दीकी होने पर भी ,,खादी का कुरता पायजामा पहन कर
सियासी सूझ बुझ समझ के साथ उनसे आएं वाले लोगों से चर्चा करते है,,चाहे
अशोक गेहलोत हो ,,चाहे सचिन पायलेट हो ,,चाहे गुरुदास कामत हो ,चाहे मिर्ज़ा
इरशाद बेग हो सभी इनके क़ायल है ,,,,जुझार सिंह के संस्कार ही है के उनके
पुत्र भरत सिंह सभी व्यस्तताओं के बावजूद पिता की सेवा में समर्पण भाव से
लगे है ,,,जुझार सिंह महमाँनवाज़ी में भी अव्वल है वोह आने वालों को दुलारते
है ,,प्यार करते है और कुर्सी से उठ कर अभिवादन करते है ,,घर के बाहर तक
छोड़कर आने की ज़िद करते है ,,, जुझार सिंह एक पुरानी कांग्रेस ,,संघर्ष
समर्पित कांग्रेस ,,निर्गुट कांग्रेस ,,गरीब ,,किसानो के हक़ के लिए संघर्ष
शील कांग्रेस ,, भ्रस्टाचार मुक्त ईमानदार कांग्रेस ,,हमदर्द कांग्रेस का
अहसास है ,,,एक यादगार है ,,,,जो एक सीख देते है के अगर हम हमारे विचार ,,
हमारा संघर्ष ,,हमारी एकता ,,हमारा समर्पण पहले की कांग्रेस जैसा हो जाए तो
फिर हम भारत की राजनीति पर ,,जनता के दिलों पर फिर से राज करने लगेंगे
,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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