इंसानियत के नाम ,,,,इस्लाम का पैगाम ,,,पैगम्बर हुज़ूर स अ व का फरमान ,,बस
हिंदुस्तान सहित दुनिया भर में ,,इंसानियत के पैगाम के अलम्बरदार
,,,मौलाना सय्यद अतहर हुसैन देहलवी ,,नफ़रतो के बीच मोहब्ब्त का पैगाम देने
निकल पढ़े है ,,मौलाना अतहर अपने इस अभियान में प्यार और मोहब्बत के लश्कर
के साथ है ,,इनके साथ अल्लाह की ताक़त है तो हुज़ूर स अ व के पैगाम की परवरिश
है ,,क़ुरान में आये हुक्मनामे की सख्ती से पालना है ,,,4 अक्टूबर 1974 को
जन्मे मौलाना सय्यद अतहर हुसैन देहलवी बचपन से ही ,,हुज़ूर स अ व का पैगाम
इंसानियत के नाम ,,की विचारधारा के अलम्बरदार रहे है ,,और दूसरे आलिमो से
अलग हठकर मौलाना अतहर ने इंसानियत और इंसानी हकुको के बारे में इस्लाम को
बारीकी से पढ़ा है और अपनी ज़िंदगी में अमल में लाये है ,छोटी सी उम्र में ही
इनकी बेबाक ,,बेझिझक तक़रीरों से लोग मुतास्सिर थे ,,जहां बोलते वहां इनकी
इस्लामिक दलीलों से ,,मजमा जादुई तरीके से इनकी तरफ खिंचा चला आता था
,,और दूसरे मोलवी मौलानाओं से लग हठकर ,,मौलाना सय्यद अतहर हुसैन
देहलवी,,सिर्फ इंसानियत ,,भाईचारे और सद्भावना पर अपने संदेश देना शुरू
किये और इसीलिए इन्होने ,,,इस खिदमत के लिए ,,अंजुमन ऐ मिन्हाज ऐ रसूल ,,का
गठन कर इस काम को मुनज़्ज़म तरीके से करना शुरू किया ,,ज़ख्म किसी के भी हो
,,दर्द किसी के भी हो तकलीफ किसी की भी हो ,,,परेशानी किसी की भी हो वह
हिन्दू या फिर मुसलमान की नहीं होती सिर्फ और सिर्फ वह तकलीफ इंसान की होती
है ,,अल्लाह के बन्दे की होती है ,,और किसी दूसरे की तकलीफ पर खुश नहीं
हुआ जाता ,,बल्कि अपनी हैसियत के हिसाब से उसका दर्द बांटा जाता है ,,उसके
ज़ख्मो पर मरहम लगाया जाता है ,,बढे फख्र के साथ में लिखता हूँ के ,,जब
कश्मीरी पंडितो और मुसलमानो के एक बेहूदा वर्ग में आपस में नफरत का बाज़ार
गर्म था ,,हमारे कश्मीरी भाइयो को खदेड़ कर ,,बेघर कर दिया गया था ,,इन
कश्मीरी पंडित भाइयो की ,,आतंकवाद के खौफ से कोई मदद भी नहीं करता था ,,तब
डंके की चोट पर ,,इंसानियत के नाम पर ,,,,मौलाना सय्यद अतहर हुसैन देहलवी
कश्मीरी पंडितो के रिफ्यूजी केम्प में गए ,,वहां उनकी खिदमत की ,, उनकी
तकलीफों उनके दुखो को कैसे दूर किया जा सकता है ,,इसकी रिपोर्ट हुकूमत को
सौंपी ,,आप देखते है इंसानियत का परचम हाथ में उठाये यह नौजवान मौलाना रोज़
टीवी पर किसी न किसी मुद्दे पर नफरत के खिलाफ इंसानियत के हक़ में अपनी
आवाज़ बेबाकी से बुलंद करते नज़र आते है ,,यह मुसलमानो के हुक़ूक़ की बात भी
करते है ,,तो हिन्दुओ के हक़ के लिए भी लड़ते है ,,इंसाफ और हक़ की लड़ाई हमारे
संविधान के दायरे में रहकर सभी को लड़ने का हक़ है और मौलाना अतहर बस यही सब
कर रहे है ,,वह मंदिरों का भी सम्मान करते है ,,अगर कोई शख्स ,,किसी भी
धार्मिक स्थल चाहे वह मंदिर हो ,,मस्जिद हो ,,मज़ार हो उसे नुकसान पहुंचाए
तो यह उसकी मज़म्मत करने में पीछे नहीं हटते ,,यही वजह है के इनके इतने सालो
के ,,इन्साफ ,,इंसानियत ,,क़ौमी एकता ,,ज़ुल्म के खिलाफ संघर्ष के अभियानों
में से एक भी अभियान पर सवालियां निशान नहीं लगा है ,,चाहे भाजपा हो ,चाहे
कांग्रेस हो ,,चाहे आर एस एस हो ,,चाहे बजरंग दल हो ,,चाहे कश्मीर के पंडित
हो ,,चाहे कश्मीर में गुमराह नौजवान जंगजू हो सभी इनकी बात से सहमत नज़र
आते है ,,इंसानियत की एक चाबी ,,नफरत ,,आतंकवाद ,,गुस्से ,,,हिंसा के हर
ताले को खोलने के लिए ,,लोगो के सामने है और इसीलिए चाहे नरेंद्र मोदी हो
,,चाहे राजनाथ सिंह हो ,,चाहे बजरंग दल के मुखिया हो ,,चाहे विश्व हिन्दू
परिषद के मुखिया हो ,,सोनिया गांधी हो ,,राहुल गांधी हो ,,अख़बार वाले हो
,,टी वी चैनल वाले हो सभी ,मौलाना सय्यद अतहर हुसैन देहलवी के इस पैगाम के
साथ मिलकर खड़े नज़र आते है ,,, इनका पैगाम नफरत भरे बाज़ार से अलग थलग
,,,हिंदुस्तान में अमन ,,सुकून ,,खुशहाली ,,एकता ,,,साम्प्रदायिक सद्भाव
,,हिन्दू करे क़ुरान की हिफाज़त ,,मुस्लिम करे गीता की हिफाजत ,,मंदिरों में
मुस्लिमो के इन्साफ की क्लास लगे तो मस्जिदो मदरसो में हिन्दू भाइयो के
लिए इंसानियत का पैगाम हो यही है ,,अल्लाह इनकी ख्वाहिश पूरी करे
,,हिंदुस्तान के सवा सो करोड़ लोग ,,इस नौजवान मौलाना के ख्वाबो को एक साथ
मिलजुलकर मज़बूत भारत बनाने के लिए एकजुट होकर इनके ख्वाबो को मुकम्मल करे
,,यह कहते है हिन्दू अपने मज़हब को सुरक्षित रखकर मुसलमान के साथ मोहब्बत कर
सकता है ,,मुसलमान अपने मज़हब को बचाकर हिन्दू भाइयो से प्यार कर सकता है
,,तो फिर यह सियासी बहकावे में ,,चंदाखोर लोगो के बहकावे में यह नफरत का
बाज़ार केसा ,,इसे खत्म करो ,,हिंदुस्तान ज़िंदाबाद कहो ,,भाईचारा ज़िंदाबाद
कहो ,,क़ौमी एकता का परचम लहराओ ,,,इंसानियत और इन्साफ की मिसाल इस भारत को
फिर से महान बनाओ ,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 जून 2016
इंसानियत के नाम ,,,,इस्लाम का पैगाम ,,,पैगम्बर हुज़ूर स अ व का फरमान ,,बस हिंदुस्तान सहित दुनिया भर में ,,इंसानियत के पैगाम के अलम्बरदार ,,,मौलाना सय्यद अतहर हुसैन देहलवी
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