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17 मई 2016

कोटा कांग्रेस के स्तम्भ ,,चलता फिरता कांग्रेस एनसाइक्लोपीडिया ,,,पत्रकार ,,इंजिनियर ,,स्वतंत्र लेखक ,,वैचारिक, चिंतक,, आदरणीय नरेश विजय वर्गीय

एक उम्र हुई ,,चलते चलते ,,मंज़िल मिले न मिले ,,फिर भी कांग्रेस रहे ज़िंदाबाद बस इसी का जूनून है ,,जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ ,,,कोटा कांग्रेस के स्तम्भ ,,चलता फिरता कांग्रेस एनसाइक्लोपीडिया ,,,पत्रकार ,,इंजिनियर ,,स्वतंत्र लेखक ,,वैचारिक, चिंतक,, आदरणीय नरेश विजय वर्गीय की ,,जो वरिष्ठम कॉंग्रेसी है ,,वह कांग्रेस कार्यालय के ट्रस्टी ,,कांग्रेस के इतिहास के जानकार ,,के साथ ही ,,कांग्रेस के हर अच्छे बुरे दिन के गवाह रहे है ,,नरेश विजयवर्गीय समर्पित ,,सिद्धानत्वादी कॉंग्रेसी है ,,वह आदर्शवादी महात्मा गांधी की जीवन शैली में ,,एक संत ,,,एक महात्मा की तरह ,रहते है ,,जीवन बसर करते है ,,,बिना किसी पद ,,टिकिट या लाभ के लालच के,,, वह नियमित कांग्रेस कार्यालय में जाते है ,,विचार मंथन करते है ,,कोटा के सभी कोंग्रेसियो में ,,,एक मात्र नरेश विजयवर्गीय,,, ऐसे प्रथम कॉंग्रेसी है जो बेदाग़ है ,,पूर्ण समर्पित है ,,सर्वाधिक कांग्रेस के कार्यक्रमों में उपस्थिति देने वाले ,,कांग्रेस कार्यालय में,, सर्वाधिक उपस्थिति देने वाले व्यक्तित्व है ,,लेकिन अफ़सोस ,,,ऐसी धरोहर ,,ऐसा खज़ाना,,, कोटा कांग्रेस के पास होने के बाद भी ,,यह शख्सियत पूरी तरह से उपेक्षित है ,,कोटा से इंजीनियरिंग की परीक्षा पास कर ,,,नरेश विजयवर्गीय के पास बिजली विभाग में इंजीनियर के कई ऑफर थे ,,,आज अगर वह इंजिनियर बनते,,, तो मुख्य अभियंता के पद से सेवानिवृत्त होते ,,लेकिन नरेश विजय वर्गीय ,,कांग्रेस से प्रभावित थे ,, नेहरू ,,महात्मा गांधी से प्रभावित थे ,,वह राष्ट्र के नवनिर्माण के सिपाही बनना चाहते थे,, और इसीलिए नरेश विजयवर्गीय कांग्रेस के एक सजग ,,सतर्क सच्चे सिपाही बन गए ,,उन्होंने तकनीकी समाचार के नाम से ,,अख़बार निकाला ,,,जो आज भी नियमित प्रकाशित हो रहा है ,,,, अधिस्वीकृत पत्रकार के रूप में पंजीकृत,,, नरेश विजयवर्गीय ने कांग्रेस ,,कांग्रेस का इतिहास ,,रीती ,,नीतिया ,,विधान ,,विधि ,,नियम सभी का पूर्ण अवलोकन किया ,,और लगातार इन पर चिंतन मंथन कर,,, कई रिसर्च पेपर तैयार किये ,,कई पुस्तकों का प्रकाशन किया ,,नरेश विजयवर्गीय खादी पहनते है ,,कांग्रेस के प्रमुख नियम किसी भी तरह के नशे की सामग्री से दूर रहते है ,,,,,राष्ट्रनिर्माण में रूचि लेते है ,,कहने को आप सत्तर वर्ष के हो गए है ,,लेकिन कांग्रेस के सिपाही के रूप में माशा अल्लाह एक नोजवांन से भी ज़्यादा ,,,सक्रिय रहकर ,,,ताक़त का प्रदर्शन करते है ,,इतनी खूबियों के बावजूद भी ,,इनमे कई बुराइयां है ,,,यह लालची नहीं ,,यह समर्पित है ,,मतलबी नहीं ,,यह समझौता वादी नहीं ,,सिद्धांतवादी है ,,चमचागिरी चापलूसी ,,,इनमे नहीं ,,स्वाभिमानी रहना ,,इनका स्वभाव है ,, इनका कायर स्वभाव नहीं, निर्भीक और नीडर लेखन के साथ मुखर वक्ता है ,,,यह गुटबाजी छोड़कर निर्गुट सिर्फ कॉंग्रेसी है ,,कांग्रेस कार्यालय इनका कार्यालय है ,,कांग्रेस का विधान ,,नियम इनकी जीवन शैली में कूट कूट कर भरे है ,,,कांग्रेस की रीती निति ,,सिद्धानतो के खिलाफ कितना ही प्रभावशाली भामाशाह कॉंग्रेसी काम करे यह उन्हें टोक कर गलती सुधारने पर मजबूर कर देते है ,,,यह कांग्रेस की रीती ,,निति ,,विधि ,विधान ,,इतिहास के शिक्षक है ,,पथप्रदर्शक है और इसीलिए इन बुराइयों के कारन आदरणीय नरेश विजयवर्गीय का लोग अपने मतलब के लिए उपयोग तो बहुत करते है ,,लेकिन यह जिस मान ,,सम्मान ,,जिस पुरस्कार ,,जिस पद के हक़दार है वह देने में पीछे हठ जाते है ,,गांधीवादी विचारक नरेश विजयवर्गीय इसकी परवाह भी नहीं करते ,,,खादी और एक खादी का लटकाने वाला थैला ,,एक हीरो साइकल ,,चेहरे पर दृढ़ संकल्प और दर्द भरी मुस्कान ,,इनकी पहचाना है ,,,यह बूढ़ों बूढ़े ,,बच्चों में बच्चे ,,विचारको में विचारक बन जाते है और इसीलिए आप हर दिल अज़ीज़ शख्सियत है ,,कांग्रेस कैसे ज़िंदा रहे ,, कांग्रेस की भावनाएं ,,कांग्रेस की रीति ,,विधि विधान कैसे एक दूसरे तक पहुंचे ,,कॉंग्रेसी कैसे अलग अलग गुट छोड़कर निर्गुट बने ,,इसके लिए नरेश विजयवर्गीय रोज़ लिखते है ,,कभी पत्र लिखते है ,,कभी लेख लिखते है तो कभी पुस्तक का प्रकाशन करते है ,,लेकिन इनके हर प्रकाशन में कांग्रेस की भलाई इनका मक़सद होता है ,,हाल ही में ,,नरेश विजय वर्गीय कोटा कांग्रेस के इतिहास को गागर में सागर की तरह समोने के लिए ,,एक बहतरीन ऐतिहासिक प्रकाशन की तैयारियों में जुटे है ,,,,इनका आगामी प्रकाशन ,,,अंकुर से वटवृक्ष तक ,नींव से प्रवर्तक तक ,परवान चढ़ती उम्मीदों का दौर ,,क़दमों के निशाँ ,,इन्डियन नेशनल कांग्रेस ,,,,,कोटा संभाग काल खण्ड 1952 से 2016 ,,,,सात दशक की कहानी ,बुनियाद के पत्थरों की ज़ुबानी ,,है जिसकी तैयारी में नरेश विजय वर्गीय दिन रात जुटे है ,,,कोटा संभाग के कार्यकर्ता ,,कांग्रेस के विचारक ,,चिंतक इनकी इस प्रकाशन में सामग्री जुटा कर ,,जानकारियां देकर ,,,आर्थिक संबल ,,विज्ञापन के रूप में देकर ,,,इस प्रकाशन के सपने को और बेहतर तरीके से साकार कर सकते है ,,उठिए ,क़लम उठाइए ,,,जानकारिया जो उपलब्ध हो दीजिये ,,कुछ मुमकिन हो तो प्रकाशन के लिए आर्थिक सहयोग भी देकर इस बुज़ुर्ग गाँधीवादी विचारक के हौसले को परवाज़ की उड़ान दे ,,इनका पता है ,,नरेश विजयवर्गीय ,,तकनीकी भवन ,,मेन रॉड ,,छावनी कोटा ,,मोबाइल नंबर 9314582469 है ,,देखते है सिद्धांतो की चादर ओढ़कर ज़िंदगी गांधीवादी तरीके से ईमानदाराना ,,ओरिजनल कांग्रेस के सिद्धांतो पर चलकर जीने वाले इस कॉंग्रेसी संत के साथ आप अपनी सद्भावनाएँ ,,अपना आदर ,,अपना सम्मान ,,अपना सहयोग किस तरह से प्रदर्शित करते है ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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