राजस्थान के वकील नेतृत्व विहीन ,,कायर और डरपोक की तरह हो गए है ,,यहाँ
बारकॉन्सिल वकीलों की सर्वोच्च संस्था तो निर्वाचित ही नहीं हो पा रही है
,,सोची समझी साज़िश के तहत ,,इस संस्था को तो निलम्बित कर दिया है ,,ज़िला
स्तर पर वकीलों की संस्थाओं पर भी अंकुश है ,,, वकील पार्टियों के एजेंट बन
गए है ,,कुछ वकील तो जजों के भी ,,कुछ वकील तो पद लोलुपता की
प्रतिस्पर्धा में सब कुछ भुला बैठे है ,,खेर सभी से गुज़ारिश है उदयपुर सहित
,,कोटा के आवासीय योजना में सरकार की उपेक्षा वकीलों की चुप्पी ,,कई
बाते है ,,इन सभी बातों पर प्लीज़ सभी वकील ,,पार्टी की बंदिशों में बंधे
वकील ,,भाई साहबो के चक्कर काटने वाले वकील ,,,जजों के घर और दफ्तरों में
गुलदस्ते लाने ले जाने वाले वकील प्लीज़ अपने दिल पर हाथ रखे और खुद से
पूंछे कहाँ गया वह वकील जो दुनिया के लिए संघर्ष करता था ,,आज खुद के
मुद्दों पर भी खामोश। .लाजवाब क्यों है ,,किसलिए है प्लीज़ बताइए ज़रूर
,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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