भक्त जनो ,ज़रा घर से बाहर निकलो ,,रोज़गार ढूंढो ,,तेल ,,घी ,,शक्कर ,,घरेलु
 सामान ,,सब्ज़ियाँ ,,मिठाइयां ,,नमकीन ,,फल फ्रूट खरीदों ,,पेट्रोल डीज़ल 
खरीदो ,,ज़रा समझो ,,तुमने महंगाई और जुमलों के सिवा कुछ ख़ास तो नहीं दिया 
है यारो ,,बदलों ,,खुद को बदलो ,,सच को पहचानो ,,नफरत को भुलाओ ,,,ओरिजनल 
राष्ट्रभक्ति अपनाओ ,,व्यक्ति और विचारधारा की भक्ति छोडो ,,भक्त जनो 
राष्ट्रभक्त बनो ,,देश और देश के लोगों के बारे में सोचो ,,देश के आर्थिक 
हालातों के बारे में सोचो ,,इलाज के इन्तिज़ार में मर रहे ,,गरीब
 मरीजों के बारे में सोचो ,,रुपयों के अभाव में नहीं पढ़ पाने वाले बच्चों 
के बारे में सोचो ,,सड़कों पर औरतों की लुटती इज़्ज़त के बारे में सोचो 
,,,भूखो के बारे में सोचो ,,,किसानो के बारे में सोचो ,,देश के बारे में 
देश के लोगों के बारे में सोचो ,,भारत अगर माँ है ,,तो भारत एक मुल्क होने 
के नाते एक मंदिर भी है ,,एक मस्जिद भी है ,,एक दरगाह भी है ,,इसके पुजारी 
,,इसके खिदमतगार बनकर ज़रा इस मुल्क और इस मुल्क में रहने वालों के बारे में
 भी सोचो ,,एक चढ़ावा खाने वाला पुजारी ,,एक दरगाहों की चादर बेच कर मज़े 
करने वाला खिदमतगार ,,एक रूपये लेकर इबादत करवाने वाले मोलवी की  तरह 
भक्तजनो आप प्लीज़ मत बनो ,,देश है तो हम है ,,हमारा धर्म ,,हमारी विचारधारा
 है ,,हमारी सियासी पार्टियां ,,हमारे नेता है ,,अगर देश ही सिसक रहा है तो
 फिर हम चेन की नींद कैसे सो सकते है ,,ज़रा सोचो ,,खुद को बदलो ,,हालातों 
को बदलो ,,देश को बदलों ,,,,गद्दारों की विचारधाराएं बदलों ,,फित्नेबाजों 
,,फसादियों के जुमले ,,नारे ,,बदलों ,,इनकी सोच बदलो ,,रोटी ,,कपड़ा ,,मकान 
और  ज़रूरत के सामानों के साथ मुल्क के अमन ,,सुकून ,,खुशहाली ,,एकता 
,,अखंडता ,,सीमाओं की सुरक्षा के बारे में सोचो ,,प्लीज़ बदलों खुद को बदलों
 प्लीज़ बदलो ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

 
 

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