हर धर्म ,,हर मज़हब ,,इंसानियत का पैगाम है ,,कोई भी पहनावे ,,लॉग लपेट
,,हुलिए से मज़हबी नहीं बन जाता ,,इसके लिए उसके दिल में खुदा का खौफ
,,,इंसानियत का भाव होना चाहिए ,,,मज़हब को मज़हब से टकरा कर कुछ लोग है जो
सिर्फ और सिर्फ नफरत फैलाते है ,,चंदा करते है ,,सियासत करते है ,,कुर्सी
की दौड़ में शामिल होकर कुर्सी हथियाते है ,,,लेकिन सभी मज़हब की किताबों का
एक ही पैगाम ,,इन्साफ ,,विनम्रता ,,मानवता और मदद है ,,बस इसी को परस्पर
एक दूसरे तक पहुंचाने के लिए पिछले दिनों ,,कोटा अभिभाषक परिषद
के लाइब्रेरी हॉल में ,,,आर्य समाज की तरफ से ,,मुझे और एडवोकेट हनीफ खान
को ,,ऐ डी चड्डा , एडवोकेट चंद्रमोहन कुशवाहा ने हिंदू धर्म का मूल
सिद्धांत ,,क़ायदे क़ानून सात जिल्दों में चारों वेद भेंट किये ,,जो हमारे
लिए नए नहीं थे ,,वकालत के नाते ,,हिन्दू परसनल लोग के पेपर के वक़्त इन्हे
घोट कर पढ़ना पढ़े थे ,,मेरी और एडवोकेट आबिद अब्बासी की तरफ से इस परस्पर
धर्म ग्रन्थ अध्ययन की चाहत के दौरान ,,एडवोकेट चंद्रमोहन कुशवाह और
साथियों को ,,अदब से हिंदी अनुवाद का क़ुरआन शरीफ इसी मजलिस में भेंट किया
,,,,वैसे एडवोकेट कुशवाह के लिए भी क़ुरआन मजीद के कई अंश नए नहीं है
,,क्योंकि उन्होंने भी मुस्लिम परसनल क़ानून के अध्यययन के दौरान ,,बहुत सी
इस्लामिक बातें पढ़ी है ,,लेकिन बेवजह मज़हब की किताबों के नाम पर फैलाई गई
दूरियों ,,भ्रांतियों को खत्म करने का एक ही रास्ता है के तुम मेरे धर्म
की इज़्ज़त करो ,,में तुम्हारे धर्म की इज़्ज़त करूँ ,,क़ुरआन का तो यह आदेश
भी है ,,तुम्हारा दीन तुम्हे मुबारक ,,मेरा दीन मुझे मुबारक ,,यह भी हुक्म
है के किसी के मज़हब को बुरा मत कहो ,,अपने अखलाक ,,अपने आचरण ,,अपनी तहज़ीब
से उन्हें आकर्षित करो ,,,,,,अगर हमारे देश में सभी एक दूसरे के धर्म को
पढ़ लेंगे ,,भ्रांतियां दूर कर लेंगे ,,तो कुर्सी की चाहत में धर्म के नाम
पर फसादात करवाने वालों को यह धर्म के जानकर लोग सड़कों पर दौड़ा ,,दौड़ा ,,कर
मारेंगे ,,और कुर्सी के लालची ,,चंदाखोर यह शैतान सभी मज़हब के लोगों से
पनाह मांगेंगे ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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