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24 मार्च 2016

बुरा ना मानो होली है की पार्टी में राजस्थान कांग्रेस के हालातों पर चिंतन मंथन

बुरा ना मानो होली है की पार्टी में राजस्थान कांग्रेस के हालातों पर चिंतन मंथन चल रहा था ,,भांग के नशे में सभी लोग अपनी अपनी राय दे रहे थे ,,अशोक गहलोत और सचिन पायलेट के सिपाहियों की अस्तित्व की जंग से सभी चिंतित थे ,,अशोक गहलोत तो अशोक गहलोत है ,,लेकिन सचिन भी कुछ कम नहीं ,,लोग कह रहे थे ,,सुझाव आये ,,अशोक गहलोत का तो राजस्थान में न मुक़ाबला था ना हो सकेगा ,,लेकिन सचिन भी चाहे तो राजस्थान के हीरो सुपर हीरो बन सकते है ,,सुझाव थे ,,सचिन पायलेट ,,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को पार्ट टाइम जॉब मानना छोड़ कर डेली अप डाउन छोड़े और फुल टाइमर प्रदेश कांग्रेस अध्य्क्ष का काम करे ,,कार्यकर्ताओं को नियमित पृथक पृथक गोपनीय मंत्रणा के साथ टाइम दे ,,,कार्यक्रमों के पहले होने वाले स्वागत सत्कार में कार से उतर कर लोगों का अभिवादन स्वीकार करे ,,,कांग्रेस के मामले में रुके हुए फैसले ,,अटके हुए फैसले ,,जो बहुत पहले हो जाना ज़रूरी थे ,,उन्हें बोल्ड्ली करे ,,,कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी अल्पसंख्य्क समाज को तिरस्कृत जो कर रखा है ,,उसे फिर से पीठ थपथपा कर उनके साथ सियासी ना इंसाफी नहीं होगी और अब तक जो सियासी नाइंसाफी का असंतुलन हुआ है उसे सुधार ले खुद के हिंदूवादी चेहरे से अगर धर्मनिरपेक्षता का चेहरा बना ले तो शायद ,,सचिन पायलेट नंबर वन हो जाए ,,बेवडियों ने जब लोगों को देखा तो मुस्कुराए और कहा ,,बुरा ना मानो होली है ,,,,,अशोक गहलोत के कार्यालय में भी मजमा था लेकिन वहां सब कुछ संतोषप्रद था ,बस राजस्थान में दूसरे दर्जे के नागरिक जैसे सुलूक का उन्हें अहसास था ,,,भाजपा कार्यालय और मुख्य्मंत्री भवन के हालत तो अलग थलग थे ,,चारो तरफ नाराज़ और असन्तुष्ठो का बोलबाला था ,,,भाजपा मुर्दाबाद की चीख पुकार थी ,,जनहितकारी काम नहीं होने से लोगों की आँखों में आंसू थे ,,बढे बढे सुरमा जिन्होंने नयी पेंट पहनी थी उनके चेहरे पर गुस्सा था ऐसा गुस्सा के उनका बस अगर चले तो वर्तमान सरकार का टेटुआ दबा दे ,,,अख़बार वाले मायूस थे ,,अशोक गहलोत के वक़्त जो ठाठ बाठ ,, सम्मान और अधिकार के साथ आर्थिक सहायताएं दी गई थी वह हवा हो गयी थी ,,ग़रीबों के लिए न दवाइयां ,,,पढ़ने वालों के लिए न पढ़ाई की सहूलियतें ,,,कुछ भी नहीं था ,,अधिकतम विधायक मुंह लटकाए मंत्रिपद के इन्तिज़ार में थे ,,खेर लोग कहते रहे चलता है सब चलता है ,,बुरा न मानो होली है ,,बुरा ना मानो होली है ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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