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17 फ़रवरी 2016

JNU विवादः कोर्ट में कन्हैया से मारपीट, भीड़ ने SC के वकीलों को PAK एजेंट कहा

पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान कन्हैया। आरोप है कि वकीलों ने उस स्टूडेंट लीडर पर हमला किया।
पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान कन्हैया। आरोप है कि वकीलों ने उस स्टूडेंट लीडर पर हमला किया।
नई दिल्ली. जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में अरेस्ट स्टूडेंट यूनियन के लीडर कन्हैया कुमार को बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 2 मार्च तक ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है। पेशी के दौरान उसके साथ मारपीट हुई। कुछ जर्नलिस्ट से भी हाथापाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने दखल देते हुए मामले की सुनवाई कुछ देर के लिए टाल दी थी। इन 7 प्वाइंट्स से जानिए जेएनयू विवाद को लेकर दिनभर के डेवलपमेंट्स...
1. एबीवीपी के तीन मेंबर्स ने किया रिजाइन
- एएनआई के मुताबिक जेएनयू ABVP यूनिट के 3 मेंबर्स ने रिजाइन कर दिया है।
- बता दें कि जेएनयू में नारेबाजी के मामले को लेकर एबीवीपी की भूमिका पर भी कई सवाल खड़े हुए हैं।
- कई स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशंस का आरोप है कि माहौल बिगाड़ने के लिए इनके वर्कर्स ने ही कैंपस में 'देश विरोधी' नारे लगाए थे।
2. पटियाला हाउस कोर्ट में हंगामा, भिड़े वकील, जर्नलिस्ट्स की पिटाई
- दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में बुधवार को कन्हैया की पेशी से पहले जमकर हंगामा हुआ।
- वकीलों का एक ग्रुप हाथ में तिरंगा लेकर पहुंचा था। इस ग्रुप ने कोर्ट में जमकर नारेबाजी की।
- इस दौरान कन्हैया का सपोर्ट कर रहे वकीलों के साथ उनका विवाद हुआ। कवर करने गए कुछ जर्नलिस्ट की भी पिटाई की गई।
- आरोप है कि दो दिन पहले सीपीआई नेता की पिटाई करने वाले विक्रम चौहान ने मारपीट करने वाले वकीलों की अगुआई की।
3. सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
- जेएनयू के पूर्व स्टूडेंट एनडी जयप्रकाश की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर की गई। इसमें कहा गया कि कन्हैया के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में पिछली बार सुनवाई के दौरान जैसा हंगामा हुआ था, वैसी दिक्कत इस बार न हो, यह तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट निर्देश दे।
- पिटीशन में कहा गया था कि पिछली बार पटियाला हाउस कोर्ट में बड़ी तादाद में जेएनयू स्टूडेंट, टीचर और जर्नलिस्ट सुनवाई के दौरान मौजूद थे। उसी दौरान कोर्ट में हंगामा हुआ।
- सुप्रीम कोर्ट ने इस पिटीशन पर कहा कि पटियाला हाउस कोर्ट रूम में पांच और पूरे कैम्पस में 25 से ज्यादा जर्नलिस्ट न रहें।
- हालांकि, गाइडलाइंस के बाद भी पेशी के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट में जमकर हंगामा हुआ।
4. सुप्रीम कोर्ट को पटियाला हाउस कोर्ट में भेजना पड़ा वकीलों का ग्रुप
- बुधवार दोपहर कन्हैया की पेशी के वक्त हंगामे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पांच वकीलों का एक ग्रुप पटियाला हाउस कोर्ट में भेजा।
- इन वकीलों में कपिल सिब्बल, राजीव धवन, दुष्यंत दवे, एडीएन राव और अजीत सिन्हा शामिल थे।
- हालांकि, पटियाला हाउस कोर्ट में हंगामे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वहां कुछ देर के लिए सुनवाई टालने को कहा।
- बाद में सुनवाई बहाल हुई और कन्हैया कुमार को 2 मार्च तक ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया।
- पटियाला हाउस कोर्ट से लौटने के बाद सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने कहा, ''कोर्ट में भीड़ ने हमें पाकिस्तान का एजेंट कहा। हमें गालियां दी गईं। कोर्ट में हालात बदतर थे। पैनल के साथ मारपीट की कोशिश की गई।''
5. सुप्रीम कोर्ट में लगे वंदे मातरम के नारे
- बुधवार को जेएनयू से जुड़े मामले में दायर पिटीशन पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में वंदे मातरम् के नारे भी लगे।
- वकील राजीव तड़क ने नारेबाजी की। इसके बाद पुलिस ने उन्हें तत्काल हिरासत में ले लिया।
- सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगने के बाद उसे छोड़ा गया। कोर्ट ने वकील से कहा, ''डिग्री लेते वक्त आप ने जो शपथ ली थी उसे याद करें। ''
6. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा- हंगामा करने वाले वकीलों की पहचान हुई
- दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा, ''कोर्ट में हंगामा करने वाले तीन वकीलों की पहचान की गई है। उन्हें पुलिस के सामने हाजिर होने को कहा गया है।''
- दिल्ली पुलिस के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- पटियाला कोर्ट में सिक्युरिटी के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
- जेएनयू विवाद में हुई कार्रवाई की जानकारी देने दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी पीएमओ पहुंचे थे।
- वहीं, दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम नारा लगाने के आरोपी पांच और स्टूडेंट की तलाश कर रही है। बिहार, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में छापेमारी की जा रही है।
7. येचुरी और शत्रुघ्न ने की टिप्पणी
- सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने पटियाला हाउस कोर्ट में हंगामे को लेकर दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा।
- उन्होंने कहा, ''दिल्ली और सुप्रीम कोर्ट में जो हो रहा है वह बहुत गलत है। कन्हैया के साथ मारपीट की गई। वकील गुंडों की तरह बर्ताव कर रहे हैं। ''
- बीजेपी से नाराज चल रहे बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने बुधवार सुबह कुछ ट्वीट किए।
- उन्होंने कहा, "मैंने कन्हैया का भाषण सुना। हमारे बिहार के लड़के ने देश विरोधी या संविधान विरोधी कोई बात नहीं कही। उम्मीद और प्रार्थना करता हूं कि वो जल्दी ही बाहर आएगा।"
- "यहां देश के काबिल स्टूडेंट्स और टीचर्स हैं। उनको ज्यादा परेशानियों से बचाना होगा।"
कन्हैया के खिलाफ स्पेशल ब्रांच ने जुटाई थी जानकारी...
- एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने कन्हैया के खिलाफ सबूत जुटाए थे। इन सबूतों को होम मिनिस्ट्री और दिल्ली पुलिस के सीनियर अफसरों के पास भेजा गया था।
- गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने भी मंगलवार को साफ कहा कि कन्हैया के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और इन्हें जल्द ही पेश किया जाएगा।
- कन्हैया के खिलाफ अगर देशद्रोह के आरोप साबित होते हैं, तो उसे उम्रकैद हो सकती है।
- दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने कन्हैया की गिरफ्तारी को सही बताया है। हालांकि, जेएनयू के कुछ प्रोफेसर उसकी गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं।
- दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 9 फरवरी को एक पुलिसवाले ने जेएनयू में कुछ आपत्तिजनक पोस्टर देखे थे। इसके बाद प्रोग्राम की परमिशन कैंसल कर दी गई थी।
- प्रोग्राम कैंसल होने के बाद भी कुछ स्टूडेंट्स जेएनयू के करीब एक ढाबे पर पहुंचे। यहां एबीवीपी के समर्थक भी पहुंचे। दोनों पक्षों ने नारेबाजी की।
- हालांकि, कोई झड़प नहीं हुई। इस दौरान कन्हैया भी मौजूद था।
- दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा- मेरे पर जो उंगली उठा रहे हैं वो नासमझ हैं। अगर कोई न्यूज एजेंसी ये खबर चलाती है, वो आप नजरअंदाज कर सकते हैं। आप एजेंसी की खबर मान लो या जो इन्वेस्टिगेशन कर रहा है उसकी।
- बता दें कि होम मिनिस्ट्री के हवाले से पीटीआई ने खबर चलाई थी कि कन्हैया के खिलाफ सबूत नहीं है। उसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा जल्दबाजी में दायर किया गया।
कन्हैया ने नहीं लगाए देश विरोधी नारे?
- एक दूसरी मीडिया रिपोर्ट में होम मिनिस्ट्री के अफसरों के हवाले से दावा किया गया है कि कन्हैया ने देश विरोधी नारे नहीं लगाए थे।
- इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने जल्दबाजी में कन्हैया को गिरफ्तार किया और उस पर संगीन आरोप लगाए।
- इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लेफ्ट पार्टियों के कट्टर समर्थक डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन (डीएसयू) ने नारेबाजी की। कन्हैया एआईएसएफ से ताल्लुक रखता है।
जेएनयू की वेबसाइट हुई हैक
- मंगलवार को जेएनयू सेंट्रल लाइब्रेरी की वेबसाइट भी हैक कर ली गई।
- इसे 'ब्लैक ड्रैगन' नाम के ग्रुप ने हैक किया।
- हैकर्स ने साइट पर लिखा- "जैसा कि आपने कहा कश्मीर की आजादी तक जंग जारी रहेगी। आपको क्या लगता है जेएनयू कैम्पस में ऐसी हरकत करके आपको कश्मीर मिल जाएगा?"
पश्चिम बंगाल की यूनिवर्सिटी में भी देश विरोधी नारे लगे
- जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी के बाद पश्चिम बंगाल की जाधवपुर यूनिवर्सिटी में भी ऐसे स्लोगन सुनाई पड़े हैं।
- मंगलवार शाम को कैम्पस में कुछ स्टूडेंट्स ने रैली निकालकर मणिपुर की आजादी का समर्थन करते हुए मोदी और आरएसएस के विरोध में नारे लगाए।
सिलसिलेवार तरीके से जानें- क्या है जेएनयू विवाद?
9 फरवरी
- जेएनयू में 9 फरवरी को लेफ्ट स्टूडेंट्स के ग्रुप्स ने संसद पर हमले के गुनहगार अफजल गुरु और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के को-फाउंडर मकबूल भट की याद में एक प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया था। इसे कल्चरल इवेंट का नाम दिया गया था।
- जेएनयू में साबरमती हॉस्टल के सामने शाम 5 बजे उसी प्रोग्राम में कुछ लोगों ने देश विरोधी नारेबाजी की। इसके बाद लेफ्ट और एबीवीपी स्टूडेंट्स के बीच झड़प हुई।
10 फरवरी
- 10 फरवरी को नारेबाजी का वीडियो सामने आया।
12 फरवरी
- दिल्ली पुलिस ने 12 फरवरी को नारेबाजी के आरोप में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया। जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार को अरेस्ट कर लिया।
- कन्हैया को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। जज ने पूछा- कौन-सी आजादी चाहिए आपको ? कोर्ट ने कन्हैया को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा।
14 फरवरी
- राजनाथ सिंह ने कहा कि जेएनयू में नारेबाजी करने वालों को लश्कर और आतंकी हाफिज सईद का सपोर्ट मिला है।
- दिल्ली पुलिस ने भी हाफिज का एक ट्वीट जारी कर लोगों को अलर्ट किया था।
- बाद में हाफिज ने खुद बयान जारी कर दावा किया कि ये ट्वीट फेक है। हालांकि, होम मिनिस्ट्री ने दावा किया था कि एजेंसियों के पास इसे लेकर इनपुट है।
15 फरवरी
- 15 फरवरी को कन्हैया को फिर कोर्ट में पेश किया गया। दो दिन की रिमांड पर भेजा गया।
- उसी दौरान कोर्ट में वकीलों ने नारेबाजी कर रहे जेएनयू के स्टूडेंट्स की पिटाई कर दी। इस दौरान कुछ जर्नलिस्ट्स भी मारपीट के शिकार हुए।
- बीजेपी के एमएलए ओपी शर्मा पर सीपीआई स्टूडेंट लीडर की पिटाई का आरोप लगा। आप ने बीजेपी नेता की गिरफ्तारी की मांग की।
16 फरवरी
- 16 फरवरी को जर्नलिस्ट्स ने पिटाई के विरोध में मार्च निकाला। अपोजिशन ने ऑल पार्टी मीटिंग में पीएम के सामने जेएनयू का मुद्दा उठाया।

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