कहते है ,,अगर हार भी जाओ ,,मुसीबत में भी फंस जाओ ,,तो हिम्मत मत हारो
,,हौसलों की उड़ान रखो ,,अगर ऐसा हुआ ,,तो इंशा अल्लाह ,,होसलो की उड़ान।
कामयाबी की ऊंचाइयों पर पहुंचती है ,,और खुशियाँ ,,बुलंदियां ,,कामयाबियां
ही कामयाबियां हांसिल होती है ,,,यह मुश्किल बहुत मुश्किल काम है ,,लेकिन
टीम भाव से ,,अल्लाह का नाम लेकर ,,एकजुटता दिखाते हुए अगर ऐसी हिम्मत
दिखाए तो इंशा अल्लाह कामयाबी क़दम चूमती है ,,और नुकसान की भी भरपाई हो
जाती है ,,,जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ हाल ही में ,,,अल
करीम विज्ञाननगर होटल की ,,जो कुछ दिन पहले सुबह अचानक ,शॉर्टसर्किट हो
जाने से ,,आग के हवाले हो गई थी ,,नुकसान और तबाही का मंज़र दिल हिला देने
वाला था ,,अफसोसनाक था ,,लेकिन दोस्तों अल करीम होटल के ,,अब्दुल करीम खान
जो अल्पसंख्यक विभाग कांग्रेस कमेटी के कोटा जिला अध्यक्ष है ,,उनके भाई
शानू खान ,,दूसरे भाई और पिता श्री ने हिम्मत से अपने परिवार और मित्रो की
मदद से तुरंत हँसते हँसते मोर्चा संभाला ,,,और एक दिन दो दिन ,,एक हफ्ते
में तो उजड़ी होटल को संवार दिया ,,एक तरफ लज़ीज़ खाने की पेकिंग सेवा चालु
रखी गई ,,दूसरी तरफ ,,जलकर खाक हुई होटल को ,,सजाने सवारने का काम जारी रखा
गया ,,दिन रात एक कर मेहनत की गई ,,लेकिन चंद दिनों में ही ,,अल करीम
होटल ,,,की टीम फिर से ज़िंदाबाद हुई ,,उनकी होसलो की मज़बूत उड़ान ,,,कामयाब
हुई ,,और रविवार को फिर से इस होटल में रौनक लोट आई ,,ग्राहक फिर से लज़ीज़
खाने के इन्तिज़ार में बैठे दिखे ,,और जिन ग्राहकों ने भी ,,इस होटल का पहला
रूप ,,फिर आग से स्वाहा रूप देखा था ,,उनके मुंह से वाह निकल रही थी ,,वोह
अपनी नज़रो और लज़ीज़ खाने के चटखारे के साथ साथ ,,अल करीम होटल परिवार उनकी
टीम को निगाहो निगाहो में शाबाशी देते नज़र आ रहे थे ,, अल्लाह का शुक्र
है के फिर से ,,अलकरीम विज्ञाननगर क्षेत्र की लज़ीज़ खाने की होटल ,,सजी
,,संवरी ,,और विख्यात ,,मज़ेदार ,,लज़्ज़तदार ,,खाने की वेरायटियो के साथ ,,आम
जनता के लिए खुल गई ,,अल्लाह इस टीम भाव ,,इस हौसलों की उड़ान ,,इस परिवार
भाव ,,मुसीबतो से निपटने के इस मुस्कुराते अंदाज़ को हमेशा बुरी नज़र से
बचाये ,,,,, आमीन ,,सुम्मा आमीन ,,,, ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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