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03 जनवरी 2016

,हेरीटेज धरोहर,,, कोटा में ,,वायली फेयर ,,मेले का ऐतिहासिक स्थल ,,उमेद क्लब

दोस्तों ,,,राजस्थान में ,,हेरीटेज धरोहर,,, कोटा में ,,वायली फेयर ,,मेले का ऐतिहासिक स्थल ,,उमेद क्लब ,,जिसे श्री उमेद क्लब के नाम से ,,,राजस्थान के सहकारिता संस्था ,,,क़ानून के तहत ,,,एक विधान बनाकर,,, सत्राह जनवरी उन्नीस सो इकसठ को ,,,,पंजीकृत करवाया गया है ,,यह श्री उमेद क्लब ,,अपने सदस्यों के रूप में चाहे बढे बढे अधिकारियों ,,,बढे बढे कांग्रेस ,,भाजपा के नेताओ ,समाजसेवकों को रखता हो ,,,लेकिन यहां लोकतंत्र नहीं है ,,व्यवस्था नहीं है ,,पारदर्शिता नहीं है,,, और इस आंतरिक लोकतंत्र को बहाल कराने के लिए,,, ना तो कोई सदस्य आगे आया है ,,ना ही कोटा के किसी मिडिया कर्मी ,,किसी पत्रकार ने ,,,इसका सच उजागर कर ,,,इसका पोस्टमार्टम करने का प्रयास किया है,,,,शादी ब्याह के नाम पर,, लाखो रूपये की कमाई करने वाले ,,,इस क्लब के रखरखाव ,,ऐतिहासिक महत्ता ,,ऐतिहासिक अस्तित्व के बारे में,,, हेरिटेज ,,इंटेक ,,,सहित सभी संस्थाए चुप्पी साधे बैठी है ,,खुद इस क्लब के सदस्य निष्क्रिय है ,,उनकी भी इस मामले में कोई कोशिश नहीं है ,,पिछली बार,, दो सदस्यों ने, अलबत्ता एक शिकायत की थी लेकिन वोह सदस्य अब खामोश है ,,,,,दोस्तों श्री उमेद क्लब ,,,जिसे सर रॉबर्ट क्रॉस्थवेट ने वर्ष 1898 में स्थापित किया था ,,यह अंग्रेज़ों के राजपुताना क्षेत्र के अंतिम पॉलिटिकल एजेंट थे ,,यह क्लब उस समय 102 राष्ट्रिय और विश्व के 38 अंतर्राष्ट्रीय क्लब में शामिल था ,,यहां ऐतिहासिक लाइब्रेरी ,,,इनडोर खेलकूद के बहतरीन सामान मौजूद रहे है ,,,,कोटा उमेद क्लब ,,प्रांगण में वायली एजेंट के वक़्त वर्ष 1892 में वायली फेयर की शुरुआत हुई थी ,,,तब से इस स्थान पर,,, हर साल मेला लगने लगा था ,,फिर यह मेला,,, दशहरे के साथ मिलाकर ,,किशोरपुरा प्रांगण में लगाया जाने लगा ,,,,,खेर इतिहास तो इतिहास है ,,,लेकिन उन्नीस सो इकसठ से,,, इस क्लब की दास्तान दर्दनाक रही है ,,,यहाँ लोकतंत्र नहीं रहा ,,निर्वाचन अधिकारी नियुक्त होकर ,,,यहां बेलेट से चुनाव नहीं हुए ,,केवल अधिकारी ही ,,कभी कलेक्टर तो,, कभी कमिश्नर तो कभी,, अतिरिक्त कलेक्टर इक्का दुक्का सिविलियन्स ,,को साथ लेकर इस क्लब को संचालित करते रहे है ,,,लोकतंत्र की ,,क्लब के विधान की,,, जब लगातार हत्या होती रही ,,मनमानी कार्यवाहियां होती रही तब ,,,श्री उमेद क्लब के दो सदस्य ,, अनिमेष जैन ने ,,,रजिस्ट्रार सहकारी संस्थाए के पास एक लिखित शिकायत ,,,उन्नीस सो तिरानवे से क्लब के चुनाव नहीं होने सहित कई ,,अनिमित्ताओं की शिकायत की ,,,,,,,और अधिनियम चार ग ,,के तहत जांच करवाकर मुक़दमा दर्ज कर दोषियों को सजा देने की मांग भी की ,,वरिष्ठ आई पी एस ,,आर ऐ एस ,,पूर्व मंत्री वगेरा लोग जिस क्लब के सदस्य हो वहां इस मामले में जब शिकायत हुई तो इसी शिकायत के साथ,,, पार्षद बृजेश शर्मा नीटू ने भी क्लब की अनियमितता की शिकायत करते हुए कार्यवाही की मांग की ,,,,,,,,,,,,इस मामले में सहकारी संस्था की तरफ से,,,, नोटिस संख्या एक सो सत्ताईस,,, दिनाक चौबीस अप्रेल उन्नीस सो बारह को,,, रजिस्ट्रार ने अध्यक्ष उमेद क्लब को प्रारम्भिक जांच के बाद,, अनियमितता का गंभीर दोषी माना और कार्यवाही के लिए,, नोटिस जारी किया ,,,दो हज़ार छ से साधारण सभा का आयोजन नहीं करने का आरोप भी शामिल था ,,और कार्यकारिणी में नाम व् पते अधूरी जानकारी के होना बताया ,,,इस मामले में दस जुलाई दो हज़ार बाराह को पत्र क्रमांक 1097 के ज़रिये ,,,रजिस्ट्रार ने उमेद क्लब के खिलाफ अधिनियम के प्रावधान के तहत कार्यवाही के लिए राजकीय अधिवक्ता नियुक्त करने की मांग की ,,,,,मज़ेदार बात यह है,,, के कलेक्टर ने इस पत्र को पढ़ा ही नहीं ,,,और टालने के रवय्ये के तहत ,,,उलटा सवाल करते हुए जवाब भेजते हुए कहा ,,,के न्यायालय में वाद दायर की प्रति नहीं मिली है ,,अजीब बहाना था ,,लापरवाही मिलीभगत की हद थी ,,जिन पदाधिकारियों को,,, अधिनियम के प्रावधान के तहत जेल जाना था ,,उनके अधिकारी और प्रभावशाली होने की वजह से,, लीपापोती की कार्यवाही शुरू हुई ,,मिडिया मैनेजमेंट हुआ और खबर अख़बारों में मीडिया में सुर्खी न बन सकी ,,,,,रजिस्ट्रार ने फिर,,, कलेक्टर कोटा को वकील नियुक्त करने के मामले में ,,,पत्र लिखा लेकिन कोई जवाब नहीं ,,,बस कथित रूप से,,, बिना सदस्यों को वैधानिक सुचना देते हुए ,,,जो लोग कोटा में मौजूद नहीं थे ,,,उन्हें अध्यक्ष ,,पदाधिकारी बना दिया गया ,,अफसर जिनका ट्रांसफर कोटा से बाहर है,,, जो सक्रिय नहीं है ,,इसमें जे सी महंती ,,राकेश जायसवाल ,,आर डी मीणा सहित कई अफसर,,, शामिल थे ,,,क्लब के विधान के तहत ,,क्लब की वार्षिक साधारण सभा और मासिक बैठक होना अनिवार्य है लेकिन सदस्यों को वैधानिक रूप से कभी बैठक की सुचना ज़रिये डाक ,,ज़रिये एस एम एस या किसी दूसरे माध्यम से नहीं दी गई ,,कुल मिलाकर अलोकतंत्र का इस क्लब में स्वर्णिम काल चल रहा है ,,सहकारिता विभाग कलेक्टर को लिखता है ,,कलेक्टर कार्यवाही नहीं करते ,,और मनमानी सिर्फ मनमानी चल रहे है ,,सदस्यों को क्या वोह सदस्य तो है लेकिन कहीं ना कहीं एक दूसरे से बंधे हुए है इसलिए चुप्पी साधे हुए है ,,निर्णय के तहत वेबसाइट बनाना थी ,,वेबसाइट बनाई भी गई लेकिन अभी तक अपडेट नहीं है ,,विधान नहीं है ,,पदाधिकारियों की सदस्यों की सूचि नहीं है ,,लाखो रूपये की आमदनी और खर्च का हिसाब नहीं है ,,क्लब में अब तो चंदे के अलावा ,,शादी ब्याह के लिए मैदान के किराए के रुप में लाखो रूपये प्रतिवर्ष की आमदनी हो रही है ,,,ताज्जुब है जहां सक्रिय विधायक हो ,,सांसद हो ,,सबसे तेज़ बढ़ते प्रतिस्पर्धा वाले पत्रकार अख़बार हो ,,,सबसे तेज़ चैनल हो ,,,जिस क्लब के पदाधिकारी ब्यूरोक्रेट्स हो ,,,जिस क्लब के संरक्षक कोटा के पूर्व दरबार हो ,,वहां ऐसी अनियमितता ,,ऐसी मनमानी ,,,,इस मामले में पूर्व युथ कांग्रेस के अध्यक्ष इंद्र मोहन हनी ने जब सुचना के अधिकार के तहत सूचनाये एकत्रित की तब यह सभी चौंका देने वाली जानकारियां दस्तावेजी सुबूत के रूप में सामने आई है ,,देखते है सोशल मिडिया पर तो हमने यह सच उजागर करने का साहस किया है अब दूसरा मिडिया और क्लब के सदस्य इस मामले में क्या सक्रियता दिखाते है,,वक़्त बताएगा और कोटा की जनता गवाह रहेगी ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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