मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि हिट एंड रन केस में एक्टर
सलमान खान के खिलाफ बॉडीगार्ड रवींद्र पाटिल का बयान भरोसा करने लायक नहीं
है। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी बुधवार को सलमान की अपील पर फैसला लिखवाए जाने
के दौरान की। बता दें कि सलमान ने सेशंस कोर्ट से मिली 5 साल की सजा के
खिलाफ अपील की है। इसी अपील पर हाईकोर्ट गुरुवार को फैसला सुना सकती है।
कौन थे पाटिल?
- सलमान के बॉडीगार्ड रवींद्र पाटिल पुलिस कॉन्सटेबल थे।
- सलमान ने शिकायत की थी कि उन्हें अंडरवर्ल्ड से धमकियां मिलती हैं।
इसलिए पाटिल को बतौर बॉडीगार्ड सलमान की ड्यूटी में लगाया गया था।
- 13 साल पहले इस मामले में एफआईआर पाटिल ने ही दर्ज कराई थी। उन्होंने ही बतौर चश्मदीद गवाही दी थी।
- 2007 में पाटिल की टीबी के कारण मौत हो गई।
पाटिल ने क्या दिया था बयान?
- 28 सितंबर 2002 को मैं सलमान खान के बॉडीगार्ड की ड्यूटी पर था। मुझे उनके साथ ही रहना था। वे (होटल से) रात 2.15 बजे बाहर निकले।
- सलमान ड्राइविंग सीट पर बैठे। मैंने उनसे पूछा कि क्या वे कार चला पाएंगे? लेकिन उन्होंने मेरे सवाल को नजरअंदाज कर दिया।
- वे 90-100 किमी/घंटा की रफ्तार से कार चला रहे थे। हिल रोड पर पहुंचने से पहले एक चौराहे पर मैंने उनसे कार धीमी करने को कहा क्योंकि आगे राइट टर्न आने वाला था। उन्होंने मुझे फिर नजरअंदाज कर दिया।
- टर्न लेते वक्त उन्होंने कार पर कंट्रोल खो दिया और गाड़ी फुटपाथ पर चढ़ा दी। कार अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी से जा टकराई। बेकरी का शटर टूट गया।
- लोग इकट्ठा हो गए और चिल्लाने लगे। मैंने लोगों को अपना आइडेंटिटी कार्ड दिखाया और कहा कि मैं पुलिसवाला हूं। इससे वे कुछ शांत हुए।
- सलमान और कमाल खान वहां से भाग गए। मैंने देखा एक शख्स गंभीर रूप से जख्मी है। चार और लोग कार के नीचे दबे हुए थे।
- मैंने ही पुलिस कंट्रोल रूम फोन किया और बाद में बांद्रा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। यह हादसा इसलिए हुआ क्योंकि कार तेज रफ्तार में थी।
- आरोपी नशे में थे। वे कार को मोड़ते वक्त उसे कंट्रोल नहीं कर सके।
- सलमान ड्राइविंग सीट पर बैठे। मैंने उनसे पूछा कि क्या वे कार चला पाएंगे? लेकिन उन्होंने मेरे सवाल को नजरअंदाज कर दिया।
- वे 90-100 किमी/घंटा की रफ्तार से कार चला रहे थे। हिल रोड पर पहुंचने से पहले एक चौराहे पर मैंने उनसे कार धीमी करने को कहा क्योंकि आगे राइट टर्न आने वाला था। उन्होंने मुझे फिर नजरअंदाज कर दिया।
- टर्न लेते वक्त उन्होंने कार पर कंट्रोल खो दिया और गाड़ी फुटपाथ पर चढ़ा दी। कार अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी से जा टकराई। बेकरी का शटर टूट गया।
- लोग इकट्ठा हो गए और चिल्लाने लगे। मैंने लोगों को अपना आइडेंटिटी कार्ड दिखाया और कहा कि मैं पुलिसवाला हूं। इससे वे कुछ शांत हुए।
- सलमान और कमाल खान वहां से भाग गए। मैंने देखा एक शख्स गंभीर रूप से जख्मी है। चार और लोग कार के नीचे दबे हुए थे।
- मैंने ही पुलिस कंट्रोल रूम फोन किया और बाद में बांद्रा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। यह हादसा इसलिए हुआ क्योंकि कार तेज रफ्तार में थी।
- आरोपी नशे में थे। वे कार को मोड़ते वक्त उसे कंट्रोल नहीं कर सके।
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
इस केस में फैसला लिख रहे बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एआर जोशी ने कहा
कि पाटिल का बयान इस नतीजे पर पहुंचने के लिए भरोसा लायक नहीं है कि सलमान
की कार का टायर एक्सीडेंट से पहले फटा था या बाद में। मंगलवार को भी जज ने
कहा था कि होटल बिल इस बात का सबूत नहीं हो सकते कि सलमान ने हादसे की रात
एल्कोहल लिया था।
13 साल पुराना है मामला
- 28 सितंबर, 2002 की आधी रात पार्टी कर घर लौट रहे सलमान खान की लैंड
क्रूजर हिल रोड पर अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी में घुस गई थी। सलमान ने सुबह
सरेंडर किया था। पुलिस स्टेशन से ही उनकी ज़मानत हो गई।
- घटना में नुरुल्ला शरीफ की मौत हो गई थी। अब्दुल शेख, मुस्लिम शेख
मुन्नू खान, मुहम्मद कलीम घायल हो गए थे। ये सब बेकरी के बाहर फुटपाथ पर
सो रहे थे।
- अब्दुल शेख के परिवार ने कहा था कि उन्हें कोर्ट के फैसले से कोई मतलब नहीं है। उन्हें तो बस 10 लाख रुपए का मुआवजा मिल जाए।
- इस केस में बॉम्बे की सेशंस कोर्ट ने सलमान को 5 साल की सजा सुनाई।
बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सलमान को सुनाई गई सजा पर रोक लगा दी।
किस अाधार पर सस्पेंड हुई थी सजा?
- हाईकोर्ट ने सेशंस कोर्ट के फैसले के खिलाफ सलमान की अर्जी मंजूर कर
ली थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि सेशंस कोर्ट से मिली पांच साल की सजा पर अमल
अभी नहीं होगा। सलमान जमानत पर रहेंगे। लेकिन विदेश जाने के लिए कोर्ट से
इजाजत लेनी होगी।
- जस्टिस अभय थिप्से ने कहा था- ‘सलमान लंबे समय से जमानत पर हैं।
उनकी आजादी पर कोई रोक नहीं लगी। आमतौर पर ऐसे मामलों में अपील मंजूर की
जाती है और आरोपी को जमानत दी जाती है।’
- जज ने कहा था, ‘यह ऐसा मामला नहीं है जिसमें अपील पर सुनवाई और
फैसला होने तक उन्हें जेल में रखा जाए। जब अपील मंजूर कर ली गई हो और उस पर
फैसला बाकी हो तो उनके हक से खिलवाड़ क्यों होना चाहिए? कई मामलों में लोग
पूरी सजा काट लेते हैं और बाद में ऊपरी अदालतों से उन्हें बरी कर दिया
जाता है।’
- इस टिप्पणी के बाद हाईकोर्ट जज ने सलमान के कन्विक्शन पर रोक लगा दी और उन्हें जमानत दे दी।
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