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21 दिसंबर 2015

DDCA: संसद में आमने-सामने हुए जेटली-कीर्ति, आजाद बोले-CBI जांच हो



नई दिल्ली. डीडीसीए घोटाले पर सोमवार को लोकसभा में हंगामा हुआ। आरोप झेल रहे फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने इस मुद्दे पर सफाई दी। जेटली ने कहा- दिल्ली में स्टेडियम बनाने में कोई करप्शन नहीं हुआ। वहीं, बीजेपी से ही सांसद कीर्ति आजाद ने जेटली की तरफ इशारा कर कहा- उस वक्त प्रेसिडेंट तो वही थे। अपोजिशन तो टाइम बाउंड सीबीआई जांच की मांग करे।
जेटली पर क्या हैं आरोप?
- कीर्ति आजाद और आम आदमी पार्टी जेटली पर फिरोजशाह कोटला स्टेडियम को बनाने में घोटाले का आरोप लगा रहे हैं
- आप नेताओं ने कहा था- जेटली के वक्त डीडीसीए ने 24 करोड़ की लागत वाला स्टेडियम 114 करोड़ रुपए में बनवाया। लेकिन 90 करोड़ रुपए कहां खर्च कर दिए?
- वहीं, बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि डीडीसीए में करप्शन पर उन्होंने तब प्रेसिडेंट रहे जेटली को 200 लेटर और 500 मैसेज भेजे, लेकिन जवाब नहीं मिला।
- कीर्ति ने एक सीडी दिखाई, जिसमें दावा किया गया कि डीडीसीए में एक लैपटॉप का एक दिन का किराया 16 हजार और प्रिंटर का किराया 3 हजार रुपए दिया जाता था। 14 फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों का घोटाला किया गया।
जेटली ने लोकसभा में क्या कहा?
- ‘सच सुनने की ताकत रखिए। मैं जो फैक्ट्स बताऊंगा, उससे आपको (अपोजिशन को) थोड़ी परेशानी होगी। टेंडरिंग प्रॉसेस के जरिए स्टेडियम में काम कराया गया। मेसर्स इंजीनियरिंग प्रोेजेक्ट इंडिया लिमिटेड को ठेका दिया गया। यह पब्लिक सेक्टर कंपनी है।’
- ‘कंपनी को 57-58 करोड़ रुपए में ठेका दिया गया। सिविल वर्क इस कंपनी ने किया। 43 तरह के काम और होने थे जो सब-काॅन्ट्रैक्टर्स को दिए गए। 114 करोड़ रुपए में 42 हजार की क्षमता का एक स्टेडियम बना। जब ये पार्टी (कांग्रेस) पावर में थी तो जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का रेनोवेशन 900 करोड़ रुपए में किया।’
- ‘जब कांग्रेस पार्टी पावर में थी तो 14 हजार की कैपिसिटी के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम का रेनोवेशन 600 करोड़ रुपए में किया। लेकिन 114 करोड़ रुपए के स्टेडियम को ये गलत मानते हैं। किसी एसएफआईओ ने यह रिपोर्ट नहीं दी कि यह खर्चा गलत हुआ। एसएफआईओ ने इस पूरे खर्चे को स्वीकार किया। सारे आरोप बेबुनियाद हैं। अपने आप में गलत हैं।’
- ‘वहां स्टेडियम नहीं था, वह मैदान था। अपने टेन्योर में हमने सोचा कि दिल्ली को अच्छा स्टेडियम मिलना चाहिए। तब बीसीसीआई सिर्फ 4 करोड़ रुपए देती थी। हमने कॉरपोरेट बॉक्सेस बनाए और उन्हें 10 साल के लिए बेचा। हर बॉक्स में 30 सीटें थीं। साइनेज भी अलग-अलग कॉरपोरेट को बेचे। इस तरह 35 करोड़ इकट्ठा किए। तब तक बीसीसीआई की आमदनी भी बढ़ी। उसने कहा कि 50 करोड़ रुपए तक की मदद दे सकते हैं।’
जेटली के बात खत्म करते ही कीर्ति आजाद ने क्या कहा?
- ‘इसमें कोई दो राय नहीं कि 114 कराेड़ रुपए में दिल्ली का स्टेडियम बना और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम पर 900 करोड़ रुपए खर्च हुए।’
- ‘मैं सदन को यह भी बताना चाहता हूं कि एसएफआईओ ने जो जांच की थी, वह सिविल वर्क के बारे में थी।’
- ‘अभी हमारी सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रही है। ऐसा न होता तो 23 अक्टूबर को सीबीआई ने डीडीसीए को नोटिस न भेजा होता।’
- ‘यह नोटिस 2008 से 2013 के बीच हुए कामों के बारे दिया गया था।’
- ‘(कीर्ति ने जेटली की तरफ इशारा कर) ...और उस समय अध्यक्ष... तो सब सामने आ ही जाएगा। दरअसल, इनको मांग करनी चाहिए कि तीन-चार महीने में या टाइम बाउंड तरीके से जांच हो।’
- ‘जांच होगी तो जितनी भी गड़बड़ियां हैं, वो सामने आ जाएंगी, जिनमें आईपीएल भी शामिल है।’
संसद में और क्या हुआ?
जुवेनाइल बिल पर राज्यसभा में कल होगी चर्चा
- राज्यसभा में अटके जुवेनाइल बिल पर मंगलवार को चर्चा होगी। कांग्रेस समेत सभी पार्टियां इस बिल पर डिबेट के लिए राजी हो गई हैं।
- कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा- हम सभी जुवेनाइल जस्टिस बिल पास करने के हक में हैं, लेकिन समस्या यह है कि उन्होंने (बीजेपी ने) इसे आज क्यों नहीं लिस्ट में शामिल किया?
- बता दें कि निर्भया केस का नाबालिग दोषी रविवार को ही रिहा हो चुका है। उसकी रिहाई के खिलाफ दायर पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में भी खारिज हो चुकी है।
अपडेट्स...

- राज्यसभा में सोमवार को एससी एंड एसटी (प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज) बिल पास हो गया।
- निर्भया के रेपिस्ट की रिहाई के बाद सख्त कानून बनाने का सांसदों पर दबाव बढ़ रहा है।
- इस बीच, सोमवार को डीडीसीए मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा हुआ।
- कांग्रेस ने डीडीसीए स्कैम का मुद्दा उठाते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग की।
- सरकार ने कहा है कि अगर अपोजिशन नोटिस देता है, तो सरकार इस मुद्दे पर डिबेट को राजी है।
क्या है जुवेनाइल बिल?
- जुवेनाइल जस्टिस एक्ट अमेंडमेंट बिल लोकसभा में पास हो चुका है। लेकिन राज्यसभा में अटका हुआ है।
- मौजूदा कानून के तहत 16 से 18 उम्र के नाबालिग अपराधियों पर जुवेनाइल जस्टिस बाेर्ड में केस चलता है।
- सजा होने पर उन्हें ज्यादा से ज्यादा तीन साल तक करेक्शन होम में रखा जाता है।
- नया बिल कहता है कि रेप जैसे सीरियस क्राइम के मामलों में नाबालिग अपराधी पर भी एडल्ट क्रिमिनल की तरह ही केस चलाया जाए।
- बताया जा रहा है कि लोकसभा से पास हो चुका यह बिल अभी राज्यसभा की सिलेक्ट कमेटी के पास है।
- निर्भया गैंगरेप केस के दोषी की रिहाई पर रोक लगाने की मांग करती अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट में खारिज होने के बाद वकीलों ने कहा था कि अगर राज्यसभा जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में बदलाव का बिल पास कर देती, तो निर्भया के रेपिस्ट को जेल में ही रखा जा सकता था।
किस नेता ने क्या कहा?
- राजीव प्रताप रूडी के ने कहा कि हम डीडीसीए मुद्दे पर पार्टी अरुण जेटली के साथ हैं।
- केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कीर्ति आजाद पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि पार्टी नजर रख रही है।
- बता दें कि डीडीसीए मुद्दे पर बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गंभीर आरोप लगाए थे।
- नायडू के मुताबिक, कांग्रेस ने ऑल पार्टी मीट में राज्यसभा में अहम बिल पास कराने का वादा किया था। उम्मीद है, वे अपना वादा निभाएंगे।
- केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के मुताबिक, सरकार सभी मुद्दों पर डिबेट करने को तैयार है। जबकि विपक्ष डिबेट से भाग रहा है।

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