आपका-अख्तर खान

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02 दिसंबर 2015

इंसान हो तो एक बार जरूर पढ़े,,


''सड़क पर चलती एक मोटरसाइकल का स्टैंड नही उठा था..
तभी सामने से आती दूसरी मोटरसाइकल पे सवार पंडित जी चिल्ला पड़े...ए बेटवा स्टैंड उठा लो नही तो गिर जाओगे.....
याद रहे उस पंडित जी ने मजहबपूछ कर उस गाड़ी वाले को सचेत नही किया था....
. वो गाड़ी वाला रिज़वान था....... ..

"सामने वाला अब्दुलजब अपने दोस्त रमेश से मिलता है तो बोलता है राम राम भाई कैसे हो....
और जब रमेश अब्दुल को पहले देखता है तो कहता है असलाम्वलेकुम भाईजान क्या हाल चाल........
वाह भाई साहब क्या मुहब्बत है.........
भंडारे मे बॅटती पूडियों को हमने हमीद को बड़ेप्यार से खाते देखा है..... .,..
मुहर्रम मे बॅटते शरबत को उस अशोक को बड़े चाव से पीते देखा है...........
अनीस जब गुप्ता जी के कपड़ों का नाप लेता है तब चुटकी लेते हुवे कहता है.....
का रे बनिया कहाँ धरोगे इतना पैसा ज़रा तोंद अंदर कर लो.......
तब गुप्ता जी कहते है.......
अरे अनीस इस बार राशन का सामान ज़ादा ले लो......दो हफ्ते के लिए दुकान बंदकर के वैष्णो देवी जा रहे है.......
तब अनीस १०१ रुपये निकाल कर गुप्ता जी को देता है.....
और कहता है लो गुप्ता जी प्रसाद चढा देना मेरा.............
जब अनीस अजमेर जाता है तो मुहल्ले के ज़ादातार हिंदू भाई उसे पैसे देते है और कहते हैलो अनीस भाई सब चादर चड़ा देना मिला कर....................
एक मुस्लिम बेटी पे तेज़ाब फेंका जाता है......
सारा देश एक होकर उसे इंसाफ़ दिलाता है......
एक हिंदू बेटी निर्भया के साथ बहुत ग़लत होता है....
तो सारा देश मोमबत्ती लेकर उसके लिए इंडियागेट पर इकट्ठा हो जाता है......... .....
ये सब फ़ेसबुक व्हाट्स एप्प ट्विटर की नही ज़मीनी बातें है..........
और हाँ एक तू है जो फ़ेसबुक पर हिंदू की खिल्ली उड़ाता है........
और तू कहाँ छुप रहा है जो भारतीय मुसलमानों को आतंकवादी बताता फिरता है.............
अरे ज़मीनी स्तर से भी भारत देख......देख........
अरे देख ना मेरे भाई.......
तू देख तो.....
मैं तो चला आज अपने दोस्त राहुल खटीक की बहन की शादी मे जिसने मुझे हमेशा राहुल समझ कर राखी बाँधी है.................. .........................
'कभी एक हाथ से बजती नही ताली मेरे भाई.........................
.ज़रा ये पढ़ के थोड़ा गौर कर
फिर आ गले लग जा मेरे भाई"

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