बात सहिष्णुता ,,बात असहिष्णुता की चल रही है ,,,कई लोगों ने मुझ से भी
,,,,इस पर लिखने के लिए कहा ,,लेकिन ,,मुद्दा टॉलरेंस और इंटॉलरेंस का था
,,इसलिए में ठेठ गंवार ,,इस मुद्दे को टालता रहा ,,,उत्तर प्रदेश में अखलाक़
को ,,निहत्थे अखलाक़ को,,,, घेर कर मारा ,देश के सहिष्णु लोग चुप रहे ,,,कई
घटनाये हुए ,,सियासी पार्टियों ने,,, इन घटनाओ को सियासी रंग दिया ,,अजीब
लगा ,,लेकिन हाल ही में राजस्थान में गांय के प्रति लोगों की ,,,उपेक्षा
को प्रदर्शित करने वाली ,,,एक कलाकृति ,,गांय जिसे माँ कहा जाता है,,, उसका
दूध निकालकर ,,,उसे भूखे मरने के लिए सड़को पर छोड़ देने ,,दूध देने लिए
बेकार होने पर ,,,गांय को नाली का कचरा खाने के लिए,,, छोड़ देने वाले
सहिष्णु लोगों को इतनी बुरी लगी ,,,के उन्होंने पुलिस की मुजुदगी में,,,
इस कलाकार को पीट पीट कर ,,,सबक सीखा दिया ,,वोह तो भला हो राजस्थान की
मुख्यमंत्री का ,,,,जो इस पचड़े में पढ़ने से अलग होकर ,,,उन्होंने खुद्दारी
का सुबूत दिया ,,,और ऐसे निकम्मे पुलिसकर्मी को हटाकर दोषी लोगों को भी
फटकार लगाई ,,दोस्तों में नहीं लिखता ,,,लेकिन आज हमारे देश के संविधान
,,हमारे देश की आत्मा ,,हमारे देश की रूह ,,जिसके पवित्र क़ानून से ,,आज हम
बंधे है ,,उस संविधान का स्थापना दिवस है ,,,आप हिन्दू है ,,मुसलमान है
,,अमीर है ,,गरीब है ,,ऊँचे है नीचे है ,,इस संविधान को कोई फ़र्क़ नहीं
पढ़ता ,,बस आप एक हिन्दुस्तानी है ,,,,आदर्श हिंदुस्तानी है ,,,,,इतना ही इस
संविधान की पालना के लिए काफी है ,,आज़ादी के तुरंत बाद ,,,,दंगे फसादात का
माहोल बना ,,,तब भी सहिष्णुता और असहिष्णुता का खतरनाक दौर था ,,नतीजा
सहिष्णुता की पैरवी करने वाले ,,,महात्मा गांधी की असहिष्णु पैरोकार ने
,,,,एक मुस्लिम का लिबास पहन कर हत्या कर दी ,,,वोह तो मोके पर पकड़े गए
,,,,वरना यह इलज़ाम हमेशा किसी निर्दोष के सर बोलता रहता ,,फिर खालिस्तान के
वक़्त सहिष्णुता की समर्थक इंदिरा गांधी को असहिष्णु लोगों ने मार डाला
,,फिर राजीव गांधी की ऐसे ही ,,,असहिष्णु लोगों ने हत्या कर दी ,,,आपने और
हमने आपात काल भी देखा है ,,तब संविधान था लेकिन कुछ आज़ादी निलंबित थी
,,बोलने और लिखने की आज़ादी नहीं थी ,, लेकिन सच नौकरशाह ,,अपराधी और सियासी
बकवास काबू में थी , कर्मचारी वक़्त पर काम करते थे ,,कोई किसी की बेवजह
बकवास कर,,, आलोचना नहीं करता था ,,,,वरना उसके लिए जेल के रास्ते खुले थे
,,असहिष्णुं लोगों ने आज़ादी की लड़ाई में अंग्रेज़ो से ,,,गांधी की हत्या के
वक़्त भारत सरकार से ,,,और आपात स्थिति में,,,, इंद्रा सरकार से
अपनी,,,असहिष्णुता के लिए माफ़ी मांगी है ,,,फिर आज़ाद भारत का सपना शुरू हुआ
,,आपात स्थिति हटी ,,,कुछ दिन बाद ,,,सांसदों की खरीद फरोख्त का दौर
शुरू हुआ ,,बोडो ,,नक्सली ,,उल्फा ,,,खालिस्तान ,,आई एस आई के आतंकवाद का
सिलसिला शुरू हुआ ,,, हमारे देश में मंडल कमंडल का झगड़ा चला ,,हिन्दू
मुस्लिम फसादात हुए ,,एकता यात्रा ,,,रथ यात्रा का दौर चला ,,कश्मीर में
आतंकवाद भड़का ,,पड़ितों को गिन गिन कर दिल्ली भेजा गया ,,,,हिन्दू मुस्लिम
एक दूसरे के दुश्मन बनने लगे ,,लेकिन फिर असहिष्णुता पर सहिष्णुता की जीत
हुई,,, फिर हम सब एक हुए,,,, देश में साम्प्रदायिकता भड़काने वाले
,,असहिष्णु लोग अलग थलग पढ़ गए ,,,फिर नरसिम्मा राव के वक़्त ,,,,तो हद ही हो
गयी ,,,सहिष्णुता और असहिष्णुता की मिली जुली कुश्ती चली ,,नरसिम्मा राव
सोते रहे ,,,,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह हाईकोर्ट
,,सुप्रीमकोर्ट में अंडर टेकिंग देने के बाद ,,,,भी बाबरी मस्जिद या कथित
राम मंदिर ढाँचे को,,,,, नहीं बचा सके ,,,तब हमारे देश ने सहिष्णुता और
असहिष्णुता का नंगा मिला जुला खेल देखा ,,फिर मुंबई बम ब्लास्ट हुआ
,,गुजरात हुआ ,,,बिहार हुआ ,,,,कभी भाषा के नाम पर ,,,,लोगों को लोगों ने
ज़िंदा जलाया ,,,तो कभी धर्म ज़ात के नाम पर,,, औरतों को नंगा किया गया
,,,,वोह सबसे खराब ,,सबसे खतरनाक दौर था ,,,,,,,लेकिन सोशल मिडिया नहीं
था ,,,सरकार में ऐसे लोग नहीं थे,,, जिन्हे गलत फहमी हो के गाडी हमारे दम
पर चल रही है ,,आज कुछ लोग ,,कटटरवादी लोग ,,अराजकता फैलाने वाले लोग,,, यह
समझते है के भारत सरकार ,,मोदी सरकार ,,,,हमारे भरोसे है ,वोह सोचते है
इनके दम पर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने है,,, बस ऐसे ही लोग पगला गए
है,,, और वोह,,,, बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना ,,,,की तरह देश के इस
माहोल को बिगाड़ने की कोशिशों में जुटे है ,,,बात गले तक आ गयी है ,,ऐसे
दौर पहले भी कई बार आये ,,,लेकिन फ़र्क़ इतना था तब क़ानून भी अपना काम करता
था,,,,, आज क़ानून खामोश है ,, बकवास करने वालों को राष्ट्रवादी का
दर्जा,,,, और खामोश रहने वाले या फिर मज़लूमों का पक्ष लेने वाले ,,देश की
सुख शानति ,,संविधान ,,क़ानून की बात करने वाले,,,, गद्दार हो गए ,,ऐसे में
प्रधानमंत्री की चुप्पी और दर्द देती है ,,,हालांकि जब भारत में
प्रधानमंत्री के चहेते सांसद ,,,,,,लव जेहाद के नाम पर माहोल खराब करते नज़र
आते है ,,,,तो प्रधानमंत्री उन्हें घुड़की लगाते है ,,प्रधानमंत्री विदेश
में गांधी की बात करते है ,,वोह डंके की चोट पर कहते है ,,,,,के हमारे भारत
का एक भी मुस्लिम आतंकवादी नहीं है ,,वोह भारत से बाहर भारत का उदाहरण
इमरान के त्याग की कहानी बयान करके देते है ,,,ऐसे में यह तो तय है,, के
हमारे देश में सत्ता से जुड़े लोग भी,,,,, दो हिस्सों में बंटे है,,, एक वोह
जो देश चलाना चाहते है ,,एक वोह जो सत्ता आने से पगला गए है,,,, और देश
अपने बाप की जागीर समझने लगे है ,,नरेंद्र मोदी को ऐसे पागलों को समझाना
होगा ,,काबू में करना होगा,,,, नहीं तो ऐसे पागलों को ,,,,राष्ट्रहित में
पागलखाने में डालना होगा ,,सहिष्णुता ,,असहिष्णुता हमारे देश की,,,,
परिकल्पना है ,,यहां हमे अच्छे बुरे की पहचान है ,,,,फिर हम क्यों आपस
में लड़े ,,झगड़े ,,,देश चलाओ ,,देश की आवाज़ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बुलंद
करो ,,कोई ऐसा काम ना करो ,,जो हमारे शक्तीशाली देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर
पर नज़रे झुकाना पढ़े ,,शाहरुख खान ,, आमिर खान जैसे लोगों को,,, तो आप
पाकिस्तान भेज दोगे ,,लेकिन मुख्तार अब्बास नक़वी ,,नजमा हेपतुल्ला
,,शाहनवाज़ जैसे लोगों का क्या करोगे ,,,कुछ नहीं,,,, तो दोस्तों सहिष्णुता
और असहिष्णुता के इस दौर से,,, मुक़ाबला करे हमारे भाई जो भटके हुए है ,,जो
अराजकता फैलाने वाले और अराजकता का शिकार है ,,,,उन्हें गले मिलवाए ,,गलत
फ़हमिया दूर करे ,,हम एक शक्तीशाली राष्ट्र बने ,,एक आदर्शवादी राष्ट्र बने
,,सुख दुःख में एक दूसरे के साथी बने ,,,हम सहिष्णु बने हम सहिष्णु बने
,,ज़रा हम कब्रिस्तानों में जाए ,,ज़रा हम श्मशानों में जाए वहां जाकर अपना
अहंकार त्यागे ,,ज़रा देखे ,,सोचे ,,समझे ,,कब्रिस्तानों में ना जाने कितने
ताक़तवर लोग दफन है ,,श्मशानों में न जाने कितने ताक़तवर लोग स्वाहा हुए है
,,,,जो यह समझते थे,,, के यह देश उनके बिना नहीं चलेगा ,,जो यह सोचते थे के
वही सहिष्णुता के ठेकेदार है ,,लेकिन जो लोग अच्छे थे,, उन्हें याद किया
जाता है ,,,और जो लोग बुरे थे ,,,,वोह बुराई के रूप में ही याद आते है
,,विवाद के रूप में ही याद आते है ,,इसलिए प्लीज़ बदल जाओ ,,सुधर जाओ
,,संविधान में जो लिखा है ,,,,आप भी उसकी पालना करो,,,, में भी उसकी पालना
करूँ ,,,,जो भी इस संविधान में लिखे का उलंग्घन करे ,,,,उसे आप भी जेल में
भिवजवाये ,,,,में भी जेल में भिजवाउ ,, सहिष्णुता ,,असहिष्णुता का खेल बंद
करे ,,भाईचारे सद्भवाना का खेल खेले ,,तुम मुझे गले लगाओ ,,में तुम्हे गले
लगाउ ,,जो शैतान लोग चन्दाखोरी ,,,,लूट खसोट ,,सियासत के लिए,,, हमे लड़ा
रहे है,,,, उनका गिरेहबान ,,,तुम भी पकड़ो ,,हम भी उन्हें बेनक़ाब करे ,,आओ
हिन्दुस्तान ज़िंदाबाद हो ,,मेरा भारत महान हो ,,,आओ मिलजुलकर ,,हिलमिलकर एक
ऐसा नया इंक़लाब पैदा करे ,,ऐसा नया इंक़लाब पैदा करे ,, अख्तर खान अकेला
कोटा राजस्थान
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