कुछ बेवक़ूफ़ चन्दाखोर मुफ़्ती मौलाना ,,अल्लाह के क़ानून में औरतों का दर्जा
गिरा कर बता रहे है ,,शर्मिंदगी होती है ऐसे चन्दाखोर मोलवी ,,मौलानाओ ,,पर
जो माँ के पैरों के नीचे जन्नत के हुकम को सुनने और पढ़ने के बाद भी माँ को
औरत नहीं मानते और मर्द से कमतर मानते है ,,अफ़सोस ऐसे लोग क़ुरआन को गलत
पढ़ते है ,,गलत पढ़ाते है और औरतों पर ज़ुल्म ज़्यादती करवाते है ,,यह लोग
बेवजह बिना औरत की मर्ज़ी के आदमी के कई निकाह कर रूपये बटोरते है और तलाक़
के वक़्त बिना महर के ,,क़ुरान के हुक्म सूर ऐ अन्नीसा में दिए
गए औरतों के हुक़ूक़ और तलाक़ के तरीक़ो को झूंठलाकर मर्द द्वारा फेंक कर
दिए गए तलाक़ वाजिब ठहराते है ,,निकाह फस कर गलत तरीके से निकाह करवाते है
,,,इस मामले में शाहबानो का क़ानून औरत को तलाक़ के बाद भी हक़ मिले
,,,सुरेअन्निसा के तरीके के खिलाफ किसी भी तलाक़ को मान्यता ना दी जाए
,,,,आये है ,,में उनका समर्थन करता हूँ ,,,हमारी बहने ओरतो के इस्लामिक
,,क़ुरानी हक़ के बारे में आवाज़ उठाती है तो यह रूपये लेकर फतवे देने वाले
फटवागीर् उनके पीछे पढ़ जाते है ,,ऐसे कमज़र्फ मोलवी ,,मौलानाओं को ज़िम्मेदार
,,मोलवी ,,मौलानाओ से कुछ सीखना चाहिए जिन्होंने इस्लाम को ,,मोलवी गिरी
,,मोलनागिरी को ,,पेट पालने का ज़रिया कभी नहीं बनाया ,,नहीं सियासत के
इशारो पर वोह मौलाना नाचे है ,,,हमे अब ऐसे सियासी और रूपये ऐंठने वाले
मौलानाओ और अच्छे मौलानाओ में फ़र्क़ करना ही पढ़ेगा वरना यह मोलवी मौलाना
,,अपने चंदे ,,अपने सियासी फायदों के लिए इस्लाम को बदनाम करते रहेंगे
,,,अख्तर
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