आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

01 नवंबर 2015

भारत देश की प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी एक विरासत है वोह देश की विरासत नहीं पुरे विश्व के लिए अतुलनीय ,,अनुकरणीय चुनिंदा हस्तियों में से एक है

हज़ारो साल नर्गिस अपनी बेनूरी पे रोती है
बढ़ी मुश्किल में होता है चमन में दीदावर पैदा ,,,,,,,,,,,,,,,भारत देश की प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी एक विरासत है वोह देश की विरासत नहीं पुरे विश्व के लिए अतुलनीय ,,अनुकरणीय चुनिंदा हस्तियों में से एक है ,,,,,,,,, स्वर्गीय इंदिरा गांधी भारत का गौरव थी ,,एक ऐसी शख्सियत थी जिन्हे इतिहास याद रखना चाहता है ,,वोह एक विश्व विभूति थी ,,,इंदिरा गांधी का जीवन ऐसा जीवन जो शास्त्र अनुकरणीय कहते है ,,एक ऐसा जीवन जो सो वर्ष जीने की इच्छा करता है ,,उनका ऐसा ही जीवन रहा है ,,,,,,वोह कहती थी में सो वर्ष का जीवन देश के लिए कर्म करते करते जीना चाहती हूँ ,,,,,,,,,,,,त्रिवेणी संगम गंगा के किनारे इलाहबाद में जन्मी प्रियदर्शनी ,,इंदु ,, इंदिरा गांधी के जन्म के बाद लोगों ने कहा था इनके जन्म से भारत को आशाये ,,उम्मीदे जगी है ,, इंदिरा जी उनके अपने कर्मो ,,साहस ,,सुशासन ,,प्रबंधन ,,सहज हृदयता ,,अंतर्राष्ट्रीय मज़बूत शख्सियत थी उनका नारा ,,कड़ी महनत ,,दूरदृष्टि ,,मज़बूत इरादे सर्व विदित रहा है ,,वोह भारत की जनता की प्रेरणा ,,,यहां के लोगों के दिलों की धड़कन है ,,,,उनकी स्पष्टवादिता ,,भवावार्थ की सारगर्भित शैली ,,,त्वरित निर्णय की क्षमता ने उन्हें महान बना दिया ,,,इंदिरा गांधी जब जेल से छूटीं ,,में भी शाह कमीशन के मामले में गुजरात की जेल में था तब जेल से छूटने के बाद गुजरात के अहमदाबाद के एक कार्यक्रम में मुझे स्वर्गीय इंदिरा गांधी के साथ मंच पर बोलने का मौक़ा मिला ,,,मेने उस वक़्त मंच से अपने भाषण के साथ एक शेर कुछ इस तरह पढ़ा ,,,,,,,, जब नशेमन पर वक़्त आन पढ़ा ,,तो खून ऐ जिगर इनसे माँगा ,,,और अब आई है बहार तो कहते हो ,,तुम्हारा काम नहीं ,,,,मेरे भाषण के बाद ,,बूटा सिंह जो इंदिरा जी के साथ थे मुझ से कहते है शाम को तुम्हे सर्किट हाउस में इंदिरा गांधी ने मिलने को कहा है ,,,,,,में घडी की टिक टिक देखता रहा ,,बेसब्री से इंदिरा जी के बुलावे के वक़्त का इन्तिज़ार करता रहा ,,आखिर आठ बजे ,,में सर्किट हाउस इंदिरा जी से मिलने पहुंचा ,,तो देखता हूँ ,,एक ऐसा व्यक्तित्व जिसमे ना जाने कितने होसपावर का मेग्नेट लगा हो ,,,एक चुंबकीय आकर्षण ,,देवीय शक्ति ,,आकर्षक व्यक्तित्व ,,,अटूट आकर्षण में देखता रहा , मुझ से इंदिरा जी ने कहा क्या करते हो ,,मेरा जवाब था ,,आपके लिए काम करता हूँ ,,,,में जाने लगा तो उन्होंने फिर मुझ से कहा ,,जाते वक़्त तुम बूटा सिंह से मिलकर जाना ,,में जब बूटा सिंह से मिला तो उन्होंने कहा के रुको ,,इंदिरा जी ने आपको गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी में युथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए कहा ,,,,एक महिला में ऐसी परख ,,ऐसी क्षमता ,,ऐसा निरीक्षण ,,ऐसी स्क्रीनिंग के चार मिनट में इतना बढ़ा फैसला ,,साहसिक काम था ,,वोह अपनी मान्यता के अनुसार उनके अपने फैसले साहसिक बनकर करती थी ,,,,,,, इंदिरा जी का बचपन ,,एक तरफ उनके दादा ,,माता ,,पिता जेल में है वोह घर में अकेली है ,,घर में अंग्रेज़ों की हुकूमत के खिलाफ आज़ादी की जंग के क़िस्से सुनती रही है इसलिए इंदिरा गांधी अपने घर में ,,,गुड्डे ,,गुड़ियों का खेल खेलती थी ,,वोह एक तरफ अंग्रेज़ सिपाहियों की कतार के गुड्डे रखती थी ,,दूसरी किसान ,,महिलाओं के गुड्डो के हाथ में कांग्रेस का झंडा रखती थी ,,,वोह खेल खेल में भी किसान ,,गरीब गुड्डों से कहती थी ,,आगे बढ़ो ,,कांग्रेस का झंडा बुलंद रहे ,,देश का झंडा ,,कांग्रेस का झंडा बुलंद रखो ,,,,उनका गुड्डे गुड्डी का खेल भी आज़ादी का संघर्ष ही होता था ,,,इंदिरा गांधी जब महात्मा गांधी का विदेशी सामानो के बहिष्कार का आंदोलन चला जब उनके आनंद निवास से वोह अपने घर की अलमारियों में रखे पेरिस और दूसरे विदेशो से खरीदे कपड़े निकालती थी ,,सड़क पर लाती थी और उनकी होली जलाकर बहुत खुश होती थी ,,,,,,,,,,,सभी देखते थे एक नाबालिग लड़की इंदु हाथ हिला रही है ,,तिरंगा फहरा रही है ,,,,इंदिरा की शख्सियत देखिये ,,वोह जोन ऑफ़ ओर्क , की किताब पढ़ती थी ,,,उन्होंने एक वानर सेना छोटे बच्चो की सेना बनाई थी ,,वोह कहती थी ,,क्या तुम देश के लिए लड़ाई लड़ना पसंद करोगे ,, देश के लिए जेल भी जाओगे ,,देश के लिए सत्याग्रह करोगे ,,,उनकी वानर सेना सभी नारे स्वीकार करती थी ,,उस वक़्त वानर सेना को अँगरेज़ जेल तो नहीं भेज सकते थे इसीलिए इंदिरा की वानर सेना जब आज़ादी के सत्याग्रह आंदोलनकारियों पर लाठिया बरसती थी तो वोह उन्हें पानी पिलाने ,,उनके ज़ख्मों पर मलहम लगाने ,,उनके संदेश एक दूसरे तक पहुंचाने का काम करते थे ,,,,,,,,उनकी वानर सेना के बारे में सुनकर ,,नेहरू ने उन्हें जेल से पत्र लिखा ,,,वानर सेना में तुम्हारी हैसियत क्या है ,,,मेरा सुझाव है बिल्लों पर तो हनुमान का फोटु है ,,लेकिन हनुमान की तरह हाथ में गदा मत रखना ,यह हिंसा का प्रतीक है ,,दौड़ती रहना वर्ज़िश करते रहना ,,,,,,,,उनकी प्रतीभा और अकेलेपन को महात्मागांधी के सुझाव पर इंदिरा गांधी को पीपुल्स ऑफ़ स्कूल पूना में पढ़ने के लिए भर्ती कराया गया ,,,इस स्कूल में मोक पार्लियामेंट का कार्यक्रम हुआ और इस मोक पार्लियामेंट में इंदिरा गांधी को स्कूल वालों ने प्रधानमंत्री बनाकर कुर्सी पर उसी वक़्त बिठा दिया ,,,,,,,,,,उन्नीस सो इकसठ में अमेरिका राष्ट्रपति और उनकी पत्नी श्रीमती जॉनसन भारत आई तब श्रीमती जॉनसन ने भारत से जाकर ,,भारत दर्शन के बारे में लिखा ,,,,भारत का अगर सही दर्शन करना है तो भारत के गाँवों में जाएँ ,,कवि के दर्शन के लिए रवीन्द्रनाथ टैगोर को देखे और अगर भारत का मर्म समझना है तो इंदिरा गांधी जैसी शिक्षित महिला से समझना होगा ,,,,,,,,,,,,,,खुद इंदिरा गांधी ने भारत में नेतृत्व से इंकार किया वोह कहती थी मुझे अभी नेहर राष्टीर्य स्मारक के लिए काम करना है ,,,कई लोग चाहते थे इंदिरा गांधी को नेतृत्व दिया जाए तो ,,नेहरू कहते थे ,,जनता खुद जनवादी तरीके से ,,अपना नेता चुनेगी ,,वंश ,,परम्परागत नेतृत्व के बारे में तो में सोच भी नहीं सकता ,,,,,,,इंदिरा कहती थी ,,मौजूदा संघर्ष दुनिया भर में जो दिखाई देता है ,,यह साम्यवाद ,,समाजवाद फसिस्वाद के बीच का संघर्ष नहीं है ,,यह संघर्ष फासिसवाद और लोक्तत्र के बीच का संघर्ष है ,,,,इंदिरा गांधी ने ब्यालीसवे संविधान संशोधन में भारत की संप्रभुता ,,एकता ,,अखंडता के साथ धर्म निरपेक्षता शब्द को ऐतिहासिक रूप से जुड़वाया ,,,सोशलिज़्म और सेक्युलरिज़्म ,,का पाठ देश की जनता को पढ़ाया ,,,योजना आयोग का गठन कर उसमे सामाजिक न्याय का स्वरूप बनाया ,,दलितों के उत्थान के लिए उस वक़्त तरह सो तरह सो बासठ करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई ,,उन्होंने समाज के वंचित लोगों ,,ट्राइबल लोगों के सामाजिक न्याय के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की ,,,लेंड सीलिंग एक्ट लाकर खेतों पर हल चला रहे मज़दूरों को खेतों मालिक बनाया ,, दलितों को भूमि पट्टे आवंटीत किये ,,,दलितों को आरक्षण दिया ,,धर्मनिरपेक्षता की नीति देश में अपनाई सभी धर्मों का सम्मान करना सिखाया ,,सभी को साथ मिलाकर देश के विकास का संदेश दिया ,,,,इंदिरा गांधी ने आर्थिक विसंगतियां दूर की ,,आर्थिक विकास में शोषित ,,दलित को विशेष तरजीह दी ,, इंदिरा जी की धर्मनिरपेक्ष नीति को देश के सर्वोच्च न्यायलय ने भी देश के विकास की ज़रूरत बताते हुए इस पर मुहर लगाई ,,इंदिरा गांधी को खुद अपनों से भी खतरा था उन्होंने ने जब देश की भागीदारी में आम जनता के योगदान को लेकर देश के बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया तब मोरारजी देसाई ने उनका विरोध किया ,,लेकिन इंदिरा गांधी ने सख्ती से इसकी पालना करवाई ,,इंदिरा ने ज़मीदारों से किसानो को मुक्त किया ,,उन्हें ज़मीन का मालिक बनाया ,,,हरित क्रान्ति ,,श्वेत क्रान्ति ,,,लागू की ,,बांध बनाये ,,परमाणु विस्फोट कर देश को महाशक्ति बनाया ,,बिजली उत्पादन में अव्वल देश बनाया ,,,,अँधेरे गांव में रौशनी की ,,जय जवान जय किसान का नारा दिया ,,गरीबों को रोटी दी ,,नोजवानो को रोज़गार दिया तो बुज़ुर्गो को सम्मान दिया ,,,देश को मज़बूती दी ,,,,सैन्य शक्ति का सशक्तिकरण किया ,,देश में आर्यभट्ट जैसा अविष्कार कर भारत को महान बना दिया ,,,कुशल प्रबंधन से देश को अटूट ,मज़बूत ,,आधुनिक ,,बनाकर एक नए राष्ट्र का निर्माण किया ,,इंदिरा गांधी राष्ट्रिय ध्वज की रक्षक रही ,,,जब वोह नाबालिग थी ,,वोह अंग्रेज़ों से संघर्ष करती संघर्ष करती थी ,,जेल जाने की भी इच्छुक थी तब ,,,लखनऊ के कॉलेज के लड़कों ने उन्हें बुलाया ,,इंदिरा गांधी ने तिरंगा हाथ में लिया ,,प्रतिबंध जगह ,,प्रतिबंध काम ,,अंग्रेज़ों की पुलिस चारो तरफ मौजूद थी ,,अंग्रेज़ो की पुलिस ने इंदिरा को ललकारा ,,उन्होंने तिरंगा उठाया ,,पीछे से उनके पुलिस की लाठी पढ़ी ,,,वोह फिर सम्भली फिर हाथ पर पुलिस का लठ पढ़ा ,,लेकिन इंदिरा जी डरी नहीं ,, पुलिस की संगीने ,,बंदूक की नाल उनके सामने थी ,,वोह आगे बढ़ी झंडा फहराने के लिए इसी बीच पुलिस इंदिरा गांन्धी पर लपकी ,,लेकिन एक नौजवान ने उन्हें कवर कर पुलिस का हमला अपने ऊपर झेला वोह शख्स कोई और नहीं फ़िरोज़ गांधी था ,,,इंदिरा गांधी देश की ही नहीं विश्व की महानतम शख्सियत थी ,,वोह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को सर्वोच्च सम्मान दिलवनाने वाले महान महिला थी ,,पाकिस्तान को उन्होंने नाको चने चबाये ,,पचियांवे हज़ार पाकिस्तान के सेनिको ने उनके आगे समर्पण किया ,,,,वोह कभी कमज़ोर नहीं हुई ,,,वोह मज़बूत रही और देश को मज़बूत करती रही ,,,बांग्लादेश को उन्होेने पाकिस्तान से अलग कर पाकिस्तान को सबक सिखाया ,,,गुट निरपेक्ष सम्मेलन की नेतृत्व बनकर उभरी तो ,,अमेरिका के मुक़ाबिल सोवियत रूस से अच्छे संबंध बनाये ,,,, भारत में जब सैनिक विद्रोह की संभावना बढ़ी तो इसे रोकने के लिए आपात काल लगाकर इसे शांत किया चाहे उन्हें अपनी सरकार की क़ुरबानी देना पढ़ी लेकिन उन्होंने देश का लोकतंत्र बचा लिया ,,,,,,,इंदिरा गांधी जब ब्रोडकास्ट मंत्री थी तब रेडियो सस्ते हुए ,,रेडियो की क्षमता बढ़ी ,,टीवी का विस्तार शुरू हुआ ,,फिल्मो का आधुनिकीकरण हुआ और उनपर सेंसर शिप भी लागू किया ,,,,,,,,,,, एक मज़बूत ,,विशाल ह्रदय की महिला इंदिरा गांधी जब इनके बेटे संजय की मृत्यु हुई ,,बेटे का अनंतिम संस्कार हो रहा है और वोह चंद्रशेखर से आँखों के आंसू पुंछ कर देश के हक़ की सियासी चर्चा कर रही है ,,,,,,इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के पहले मोरारजी देसाई ने वोटिंग करवाई लेकिन मोरारजी देसाई के पक्ष में एक सो उनसठ वोट और इंदिरा के पक्ष में तीन सो पचपन वोट पढ़े ,,,वोह अंतर्रात्मा की आवाज़ पर वोट देने की बात कहकर वी वि गिरी को देश का राष्ट्रपति निर्वाचित करवा चुकी है ,,,,,,,आज हमारे देश का ज़र्रा ज़र्रा इंदिरा गांधी के अहसानो के बोझ तले दबा है ,,देश के लिए वोह मर मिटना चाहती थी लेकिन उनका विश्वास देश की जनता और सभी समाजो पर अटूट था ,,,पंजाब की घटना के बाद सिक्ख विद्रोह से प्रभावित होकर कुछ शुभचिंतको ने जब इंदिरा को अपने अंगरक्षक दस्ते से हटाने का सुझाव दिया तो उन्होंने नाराज़ होकर कहा के यह मेरा विश्वास है ,,सभी लोग एक जैसे नहीं होते ,,वोह देश के टुकड़े होने से बचाने के लिए कुछ भी कर गुज़रने के लिए तैयार थी उन्होंने पाकिस्तान को घुटने टेकने को मजबूर किया तो आखिर में पंजाब को देश का हिस्सा बनाये रखने की कोशिश में अपने ही अंगरक्षक की गोली खाकर देश के लिए शहीद हो गई ,,,,,एक शेर है ,,,,मोत वोह जिस पर ज़माना रोये ,,वरना यहाँ तो सभी मरने के लिए आते है ,,,,,,,,,,,,,,स्वर्गीय इंद्रा गांधी देश के विकास के लिए एक सबक है ,,,एक देश को गौरवान्वित कर देने वाला इतिहास है ,,कांग्रेस को ,,कांग्रेस कार्यकर्ताओें को ,,भारतवासियों को पुरे विश्व के सामने गर्व से सीना फुलाकर ,,सर उठाकर चलने की हिम्मत देने वाले शख्सियत है जो आज भी आधुनिक भारत ,,अटूट भारत ,,विकसित भारत ,,सुरक्षित भारत के रूप में हमारे बीच मौजूद है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,यह आलेख ,,इंदिरा गांधी के साथ कई संघर्षो में शामिल ,,राष्ट्रिय कांग्रेस के सचिव ,,पूर्व सांसद ,,राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सह प्रभारी मिर्ज़ा इरशाद बेग द्वारा आज कोटा बिनानी सभागार में दिए गए व्याख्यान के अंश जोड़ कर उनकी ही ज़ुबानी तैयार किया गया है ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...