बीजिंग. अब दुनिया में मेड इन चाइना प्लेन भी नजर आ सकते हैं।
चीन ने पहला होममेड पैंसेंजर एयरक्राफ्ट बना लिया है। सोमवार को शंघाई में
पहली बार C919 पैसेंजर प्लेन को जनता के सामने पेश किया गया। इसे सरकारी
संस्थान कमर्शियल एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना लिमिटेड (कोमेक) ने बनाया
है। कोमेक ने बताया कि उसे देश और विदेश से 21 क्लाइंट्स ने 517
एयरक्राफ्ट बनाने के ऑर्डर मिले हैं। थाइलैंड सिटी एयरवेज ने 10 प्लेन का
ऑर्डर दिया है। चीन की इस छलांग से दुनिया की शीर्ष पैसेंजर प्लेन बनाने
वाली कंपनीज बोइंग और एयरबस की चिंता बढ़ सकती है।
क्या है खासियत?
> इसमें एक बार में 168 लोग सफर कर सकते हैं। इसकी स्टैंडर्ड फ्लाइट रेंज 4075 किलोमीटर है।
> इसके दो वेरिएंट होंगे। पहला वेरिएंट 4075 किमी, दूसरा 5555 किमीं फ्लाइट रेंज का है।
> इसकी लोडिंग कैपिसिटी 20.4 मीट्रिक टन और मैक्सिमम फ्लाइट हाइट 39, 800 फीट है।
> चीन इसका इस्तेमाल डोमेस्टिक एयरक्राफ्ट के तौर पर करेगा।
> कोमेक के प्रोजेक्ट की शुरुआत 28 अक्टूबर 2010 से की थी।
> इसके दो वेरिएंट होंगे। पहला वेरिएंट 4075 किमी, दूसरा 5555 किमीं फ्लाइट रेंज का है।
> इसकी लोडिंग कैपिसिटी 20.4 मीट्रिक टन और मैक्सिमम फ्लाइट हाइट 39, 800 फीट है।
> चीन इसका इस्तेमाल डोमेस्टिक एयरक्राफ्ट के तौर पर करेगा।
> कोमेक के प्रोजेक्ट की शुरुआत 28 अक्टूबर 2010 से की थी।
अगले साल बनकर हो जाएंगे तैयार
C919 एयरक्राफ्ट की पहली उड़ान अगले साल तक शुरू होने की संभावना है।
तीन साल तक टेस्ट फ्लाइट करने के बाद 2019 में कमर्शियल यूज शुरू किया
जाएगा।
अभी इन देशों में बनते हैं पैसेंजर और कमर्शियल प्लेन
देश | कंपनी |
अमेरिका | बोइंग |
फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, यूके | एयरबस |
ब्राजील |
एम्ब्रेयर
|
कनाडा | बॉम्बार्डियर |
चेक रिपब्लिक | लेट कूनोवाइस |
फ्रांस, इटली | एटीआर |
जापान | मित्सुबिशी |
रशिया | यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन |
यूक्रेन | एंतोनोव |
चीन की फ्यूचर प्लानिंग
चीन की इस छलांग से दुनिया की शीर्ष पैसेंजर प्लेन बनाने वाली कंपनीज
बोइंग और एयरबस की चिंता बढ़ सकती है। फिलहाल, इंटरनेशनल मार्केट पर इन
दोनों ही कंपनियों का बड़ा शेयर है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन
डोमेस्टिक पैसेंजर प्लेन बनाकर एयरबस और बोइंग पर डिपेंडेंसी कम करना चाहता
है।
50 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट
C919 पर हुए खर्च के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन बैंक
ऑफ चाइना के मुताबिक, उसने कोमेक को एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट्स के लिए 7.9
बिलियन डॉलर (50 हजार करोड़ रुपए) का फंड दिया था।
इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट बना चुका है चीन
इससे पहले चीन ने दुनिया का पहला इलेक्ट्रिक पैसेंजर एयरक्राफ्ट भी इसी साल जून में बनाया था। इस प्लेन का बीएक्स1ई 14.5 मीटर विंगस्पैन अैर मैक्जिमम पेलोड 230 किलोग्राम वजनी थी।
एविएशन में चीन की प्लानिंग
> चीन कंपनी कोमेक छोटे रीजनल जेट भी डेवलप कर रही है। हालांकि यह प्रोजेक्ट अपने तय शेड्यूल से करीब एक साल पीछे चल रहा है।
> यह 70 से 80 सीट का प्लेन होगा। इसकी टेस्ट फ्लाइट्स जारी है। कुछ कमियों की वजह से इसे यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने अमेरिकी एयर स्पेस में ऑपरेशन की इजाजत नहीं दी है।
> इसके अलावा चीनी कंपनी एक विशाल एयरक्राफ्ट C929 बनाने की तैयारी में है। इसमें वह रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्प की मदद ले रही है।
> इसके लिए चीन एक नया एयरो इंजन डेवलप कर रहा है। जिसे बड़े सिविल एयरक्राफ्ट में इस्तेमाल किया जाएगा।
> यह 70 से 80 सीट का प्लेन होगा। इसकी टेस्ट फ्लाइट्स जारी है। कुछ कमियों की वजह से इसे यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने अमेरिकी एयर स्पेस में ऑपरेशन की इजाजत नहीं दी है।
> इसके अलावा चीनी कंपनी एक विशाल एयरक्राफ्ट C929 बनाने की तैयारी में है। इसमें वह रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्प की मदद ले रही है।
> इसके लिए चीन एक नया एयरो इंजन डेवलप कर रहा है। जिसे बड़े सिविल एयरक्राफ्ट में इस्तेमाल किया जाएगा।
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