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05 अक्तूबर 2015

SC में वकील बोले- मेरी पत्‍नी-बेटी को दमा है, जज ने कहा- पोता तो मास्‍क पहनता है

फाइल फोटो: हरीश साल्वे।
फाइल फोटो: हरीश साल्वे।
नई दिल्‍ली. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को पल्‍यूशन से जुड़े एक मामले पर सुनवाई के दौरान जज और वकील ने इस गंभीर समस्या को लेकर अपनी आपबीती सुनाई। सुनवाई के दौरान सीनियर वकील हरीश साल्‍वे ने चीफ जस्टिस एचएल दत्तू से कहा कि उनकी पत्‍नी और बेटी दमे की मरीज हैं और खुद उन्‍हें भी दो दिन पहले स्‍टेरॉयड्स लेना पड़ा। इस पर चीफ जस्टिस एच.एल. दत्‍तू ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, 'पॉल्‍यूशन के चलते मेरा पोता मास्‍क पहनता है।' सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और वरिष्ठ वकील के बीच यह बातचीत दिल्‍ली में एंट्री करने वाले कमर्शियल व्‍हीकल्‍स से टोल टैक्‍स के साथ ही 'पल्‍यूशन कम्‍पेंसेटरी चार्ज' वसूले जाने की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई के दौरान हुई। बेंच ने इस मामले में केंद्र और दिल्‍ली सरकार से 13 तारीख गुरुवार को अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
कोर्ट ने कहा मीडिया में हाईलाइट हो सुनवाई का डिटेल
आम तौर पर कोर्ट किसी कार्यवाही की डिटेल और कोर्टरूम में हुई सुनवाई को मीडिया में हाईलाइट करने के पक्ष में नहीं रहता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच ने यह भी कहा कि यह केस ऐसा है, जिसकी सुनवाई की पूरी डिटेल अखबारों को प्रमुखता से छापना चाहिए।
अर्जी में क्‍या है मांग?
सुप्रीम कोर्ट में यह पीआईएल एनवायरमेंट के क्षेत्र में काम करने वाले एम.सी. मेहता ने दाखिल की है। उन्‍होंने मांग की है कि एनवायरनमेंट लॉ के नियमों के मुताबिक पॉल्‍यूशन फैलाने वालों को हर्जाना भी भरना होगा। उन्होंने सरकार से इस नियम का पालन किए जाने के निर्देश दिए जाने के मामले में याचिका दाखिल की है।
कोर्ट में क्‍या बोले जज और वकील?
केस में एमिकस क्‍यूरी (अदालत मित्र) हरीश साल्‍वे ने कहा, "मेरी पत्‍नी को दमा है, मेरी बेटी को भी यह बीमारी है, दो दिन पहले मुझे भी पहली बार स्‍टेरॉयड्स लेना पड़ा, यह खतरनाक स्थिति है।" साल्वे ने मांग कि सर्दियां आने के बाद दमा के रोगियों के लिए हालात और खराब हो जाएंगे, इसलिए इससे पहले ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। इस दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा और आदर्श कुमार गोयल के साथ सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस दत्‍तू ने बढ़ते पल्‍यूशन को बेहद गंभीर समस्‍या बताया उन्‍होंने कहा " 'पल्‍यूशन के चलते मेरा पोता भी मास्‍क पहनता है।" यह गंभीर समस्‍या है। हम गुरुवार को फिर इस मामले पर सुनवाई करेंगे। चीफ जस्टिस ने कहा कि "हम इस पर सरकार से पॉजिटिव रिस्‍पॉन्‍स चाहेंगे।'
याचिकाकर्ता की मांग पर विचार करने को कोर्ट तैयार
साल्‍वे ने अपनी दलील में एनवायरनमेंट पॉल्‍यूशन (प्रीवेंशन एंड कंट्रोल अथॉरिटी फॉर एनसीआर) की एक रिपोर्ट का हवाला दिया। उन्‍होंने कहा कि हाईवे से गुजरने के बजाय ज्‍यादातर कमर्शियल व्‍हीकल दिल्‍ली-एनसीआर में एंट्री ले लेते हैं, क्‍योंकि यह उन्‍हें सस्‍ता पड़ता है। कोर्ट याचिकाकर्ता की इस मांग पर विचार करने के लिए तैयार हो गई है कि दिल्‍ली में घुसने वाले छोटे कमर्शियल व्‍हीकल्स से कम से कम 600 रुपए और तीन या ज्‍यादा एक्‍सल वाली (बड़ी गाड़ि‍यों) से 1200 रुपए वसूले जाने का ऑर्डर जारी किया जाए। यह रकम ऐसे व्हीकल से एमसीडी की वसूली के अलावा होगी। बेंच ने केंद्र सरकार की तरफ से सुनवाई के दौरान पेश हुए वकील रंजीत कुमार के साथ ही दिल्‍ली सरकार और अन्‍य एजेंसियों को गुरुवार को इस बारे में पूरी तैयारी के साथ आने के लिए कहा है।

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