इंटरनेशनल डेस्क। सऊदी अरब में महिलाओं की जिंदगी तमाम
पाबंदियों के बीच कट रही है। यहां के सख्त कानून और नियम महिलाओं के लिए
मुश्किलें खड़ी करते रहते हैं। ब्रिटिश डॉक्युमेंट्री फोटोग्राफर ओलिविया
आर्थर ने यहां घर में कैद महिलाओं की जिंदगी को अपने कैमरे में कैद किया
है। वह ब्रिटिश काउंसिल की ओर से जेद्दाह में महिलाओं के लिए फोटोग्राफी के
एक वर्कशॉप में गई थीं। इस दौरान अपने अनुभवों को उन्होंने जेद्दाह डायरी
नाम की अपनी बुक में सामने रखा है।
शेयर किए अपने अनुभव
ओलिविया ने फोटोग्राफी वर्कशॉप में आने वाली दिक्कतों समेत अपने
अनुभवों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि यह ऐसी पाबंदियों वाला देश है,
जहां उन्हें सड़क पर एक महिला की फोटो खींचने की कोशिश करने पर फटकार का
सामना करना पड़ा। वहीं, उनके वर्कशॉप में आने वाली लड़कियों और महिलाओं को
फोटोग्राफी के लिए घर से बाहर निकलने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। उनकी
एक स्टूडेंट को तो अपने कजिन की फोटो लेने पर फैमिली ने वर्कशॉप में आने
से मना कर दिया। वहीं, पब्लिक में फोटो लेने पर उनकी एक स्टूडेंट को अरेस्ट
तक कर लिया गया था।
फोटोज को लेकर थीं निराश
ओलिविया के मुताबिक, फोटोज लेने में सबसे बड़ी दिक्कत ये थी कि यहां
महिलाएं अबाया (सिर से पैर तक ढंका लबादा) पहनती हैं। इसके बिना वो फोटो
नहीं खिंचवा सकतीं। उन्होंने बताया, ''शुरुआत में मैं बहुत निराश थी कि इन
फोटोज का इस्तेमाल मैं कहां कर सकूंगी। मुझे ये तय करने में बड़ा लंबा वक्त
लगा कि इन्हें कैसे इस्तेमाल करना है। हालांकि, बाद में लगा कि ये फोटोज
मेरे प्रोजेक्ट में काफी मदद करेंगी। ये सऊदी के अजीबोगरीब नियमों और
दरवाजों के पीछे बंद महिलाओं की जिंदगी को सामने लाने में मददगार साबित
होंगी।''
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