में तो रावण का पुतला हूँ बेईमानो के हाथो जल गया ,,,तुम ही बताओ मुझे यूँ
जलाने से क्या अब ,,बलात्कार ,,व्यभिचार ,,भ्रष्टाचार ,,मुनाफाखोरी ,,ठगी
,,बेईमानी ,,नफरत ,,हिंसा ,, ज़िंदा जलाने ,,निहत्थे निर्दोषो को मारने
,,,की घटनाये नहीं होंगी ,,क्या यह घटनाये बंद हो जाएंगी ,,अरे दीवानो
क्यों बेवक़ूब बनते हु ,,क्यों दूसरों को बेवक़ूफ़ बनाते है ,,,,खुद के अंदर
का रावण मारो ,,,,खुद के अंदर तो रावण रखते हो और दिखावा राम बनने का करते
हो ,,फिर भी शर्म तुम को नहीं आती ,,मुझे जला कर ,,खुद जश्न मनाते हो
,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
22 अक्तूबर 2015
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खुद के अंदर तो रावण रखते हो और दिखावा राम बनने का करते हो
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