झांसी. सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया फैसले के बारे में टिप्पणी
करने पर यूनियन फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली के खिलाफ यूपी के एक कोर्ट ने
समन जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में जजों के अप्वाइमेंट से
जुड़े कॉलेजियम सिस्टम को बरकरार रखा था और मोदी सरकार के बनाए एक कानून को
खारिज कर दिया था। जेटली ने इस फैसले को ‘कुतर्क’ बताया था। इसी पर उनके
खिलाफ एक सिविल जज ने कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट के केस के तहत समन जारी किया। ये
वही जज हैं जिन्होंने पिछले दिनों सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को भी एक
केस में पेश होने को कहा था।
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) को
असंवैधानिक बताया था। जब जेटली ने इसके खिलाफ टिप्पणी की तो यूपी के महोबा
में जूनियर डिवीजन जज अंकित गोयल ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट की
अवमानना (कंटेम्टम्प ऑफ कोर्ट) का केस दर्ज करने का आदेश दिया। जेटली के
खिलाफ कुलपहाड़ में केस दर्ज किया गया। अब जज ने 19 नवंबर को पेश होने के
लिए जेटली के नाम समन भी जारी किया है। बता दें, अंकित गोयल ने कुछ दिनों
पहले रेप के बयान को लेकर मुलायम सिंह यादव को कोर्ट में पेश होने के लिए
कहा था।
जेटली के खिलाफ केस
कोर्ट के आदेश के बाद धारा 124 ए, 505 आईपीसी के तहत महोबा के थाना
कुलपहाड़ में केस दर्ज किया गया है। सिविल जज अंकित गोयल ने अरुण जेटली के
बयान को कोर्ट की अवमानना बताते हुए कहा है कि भारत के संविधान के आर्टिकल
51 A (A) में प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य बताया गया है कि वह संविधान का
पालन करे। उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज, और राष्ट्रगान का आदर करे।
जज ने कहा है कि अरुण जेटली द्वारा पूरे भारत में इस बयान को सर्कुलेट
किया गया। इसलिए पूरे भारत में न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोई भी कोर्ट मामले
पर संज्ञान ले सकती है।
क्या कहा था अरुण जेटली ने?
जेटली ने रविवार को फेसबुक पोस्ट में इस फैसले को ‘कुतर्क’ पर आधारित
बताया। जेटली ने लिखा था, ‘भारतीय लोकतंत्र गैर-निर्वाचित लोगों का निरंकुश
तंत्र नहीं बन सकता। अगर चुने हुए लोगों को दरकिनार किया गया तो लोकतंत्र
खतरे में पड़ जाएगा।’ जेटली ने फेसबुक पर 'द एनजेएसी जजमेंट- ऐन ऑल्टरनेटिव
व्यू’ शीर्षक से लेख लिखा। इसमें लिखी गई बातों को उन्होंने प्राइवेट
बताया है। साथ ही लिखा है कि ऐसा कोई संवैधानिक सिद्धांत नहीं है, जिसमें
लोकतंत्र और उसकी संस्थाओं को निर्वाचित प्रतिनिधियों से बचाने की बात कही
गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने एनजेएसी को किया खारिज
जस्टिस जेएस केहर की अगुवाई वाली कॉन्स्टिट्यूशन बेंच ने 1030 पेज के
अपने फैसले में पिछले हफ्ते शुक्रवार को इस कानून को संविधान की मूल भावना
के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया था। बेंच का कहना था कि यह न्यायपालिका
की आजादी में रोड़े अटकाएगा।
मुलायम के खिलाफ भी दर्ज किया था केस
अगस्त में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि रेप एक व्यक्ति करता है तो
चार लोगों के खिलाफ क्यों केस दर्ज किया जाता है? मुलायम ने यह भी कहा था
कि एक लड़की के साथ चार लोग कभी रेप नहीं कर सकते हैं। मुलायम सिंह यादव के
विवादित बयान के बाद जज अंकित गोयल ने उनके खिलाफ समन जारी कर दिया था।
मुलायम को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था। मुलायम को 16 सितंबर को
पेश होना था। हालांकि, सपा सुप्रीमो ने इस पर स्टे ले लिया था।
2014 से कुलपहाड़ में तैनात हैं जज अंकित गोयल
जज अंकित गोयल जुलाई 2014 से महोबा के कुलपहाड़ में तैनात हैं। इससे
पहले वह बरेली, गौतमबुद्ध नगर और फर्रुखाबाद में रह चुके हैं। फर्रुखाबाद
में वह सबसे लंबी अवधि तक रहे। अंकित मूल रूप से मेरठ के रहने वाले हैं।
1978 में जन्मे अंकित गोयल ने जुडिशल सर्विस की शुरुआत 2009 में फर्रुखाबाद
से की थी।
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