राजकोट (गुजरात)। शहर के जेतपुर श्मशान में गुरुवार की शाम उस
समय समय अफरा-तफरी मच गई, जब शव की सांसे चलने की खबर फैली। वाकया उस समय
का है, जब शव को चिता पर लिटाकर उस पर लकड़ियां रखी जा रही थीं। इसके बाद
श्मशान में ही एक डॉक्टर को बुलाया गया। लगभग 10 मिनट की जांच के बाद
डॉक्टर ने मृत शरीर घोषित कर दिया और इसके बाद अंतिम संस्कार हुआ।
राजकोट शहर के जेतपुर में रहने वाले देवेंद्र पंड्या (25) की बुधवार
सुबह बीमारी से मौत हो गई थी। देवेंद्र हार्ट पेशेंट थे और पिछले तीन दिनों
से सिविल अस्पताल में भर्ती थे। सुबह डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर
दिया था। शाम को देवेंद्र का शव अंतिम संस्कार के लिए जेतपुर श्मशान घाट
लाया गया था।
दोस्त की उंगली पकड़ी:
देवेंद्र के एक दोस्त के अनुसार जब शिव चिता पर रखा हुआ था और उस पर लकड़ियां रखी जा रही थीं। इसी दौरान देवेंद्र ने उसकी एक उंगली पकड़ ली। यह दृश्य मौके पर मौजूद कुछ अन्य लोगों ने भी देखा और तुरंत डॉक्टर को बुलाया। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम भी श्मशान पहुंच गई थी। हालांकि जांच के बाद डॉक्टर ने देवेंद्र को मृत बताया और इसके बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया।
देवेंद्र के एक दोस्त के अनुसार जब शिव चिता पर रखा हुआ था और उस पर लकड़ियां रखी जा रही थीं। इसी दौरान देवेंद्र ने उसकी एक उंगली पकड़ ली। यह दृश्य मौके पर मौजूद कुछ अन्य लोगों ने भी देखा और तुरंत डॉक्टर को बुलाया। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम भी श्मशान पहुंच गई थी। हालांकि जांच के बाद डॉक्टर ने देवेंद्र को मृत बताया और इसके बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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