मोहतरम हजरात।अस्सलामु अलैकुम।।।। अल्लाह का शुक्र व अहसान हे की उसने
हमे उम्मते मुस्लिमाँ बनाया ।जिसके ऊपर उसने फलाह और खैर की जिम्मेदारी
डाली ।हमे अदब और तहजीब और तहजीब वाले ऐसे गिरोह से जोड़ा जो जमीन पर बिना
फ़र्क़ भेदभाव किये सिर्फ इंसान हक़ का पैरोकार बन कर उस की तब्लीग करे।।
यही वजह रही की जब हमारे सूबे में अदब और तहजीब की जबा उर्दू
के खिलाफ साजिश की बू आने लगी तो शहर के पांच लाख लोगो ने उर्दू की हिमायत
में सदा बुलंद कर लब्बेक का नारा लगाया।। आज
अल फलाह एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी इन तमाम उर्दू हमियों का तहे दिल
से शुक्रिया अदा करती हे और इनकी हिमायत को एजाज़ के क़ाबिल समझती हे। साथ
अल फलाह एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी उर्दू से जुड़े तमाम मर्द ख़वातीन
टीचरो से अपील करती हे की वे अपने आस पास रहने वाले मर्द ,औरत,बूढे ,बच्चे
और जवानो को उर्दू की तालीम् दे। उर्दू सिखाये ।उनकी जिंदगी में अदब और
तहजीब की तरह पेवस्त करें। उन्हें बताएं उर्दू किस तरह उनके
किरदार को बुलंदी तक पहुंचा सकती हे ।और उन्हें इज्जत सम्मान दिला सकती हे
।। उम्मीद हे आप खैर फलाह की इस
मुहीम में अल फलाह एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी को ताव्वून देकर उर्दू की
हिमायत कर बेहतरीन शहरी होने का सबूत देंगे।।।। शुक्रिया। अतीक अहमद
अंसारी।।।.
Rafiq beliyam
Rafiq beliyam
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