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19 सितंबर 2015

अंग्रेज़ो भारत छोडो आंदोलन के तहत आज़ादी की जंग की शुरुआत कोटा से हुई थी ,,और अब देश के विकास ,,सुख ,,समृद्धि को कोड में खाज की तरह से खा रहे आरक्षण के कीड़े को भारत से भगाने के लिए कोटा के ज़िम्मेदार लोगों ने आह्वान किया है

देश में अंग्रेज़ो भारत छोडो आंदोलन के तहत आज़ादी की जंग की शुरुआत कोटा से हुई थी ,,और अब देश के विकास ,,सुख ,,समृद्धि को कोड में खाज की तरह से खा रहे आरक्षण के कीड़े को भारत से भगाने के लिए कोटा के ज़िम्मेदार लोगों ने आह्वान किया है ,,जातिगत आरक्षण भारत छोडो आंदोलन के प्रणेता पत्रकार ,,समाजसेवक ,,विचारक ,,चिंतक अनिल तिवारी ,,विजय पालीवाल सहित उनकी टीम आगामी पच्चीस सितमबर को शहीद स्मारक अंटाघर सर्किल नयापुरा  कोटा पर पच्चीस सितमबर शुक्रवार को सांय चार बजे प्रस्तावित सांकेतिक धरने के लिए भीड़ जुटा रही है ,,,,आरक्षण भारत छोडो का प्रमुख नारा है ,,,,,जब हम सब देशवासी एक है तो जातिगत आरक्षण के नाम पर हम देशवासियो का बटवारा क्यों ,,,,इनका नारा है ,,,जात पात के नाम पर देश की अखंडता व् एकता न तोड़ो ,,सबको समान समझो ,,समान हक़ दो ,,,आरक्षण को अगर जोड़ना है तो आर्थिकता से जोड़ो ,,,,हमारा प्रमुख नारा ,,,,,,,,,,,,हमारा किसी से बेर नहीं परन्तु अब भेदभाव की खेर नहीं ,,आरक्षण के खिलाफ भारत में कोटा की सर ज़मीं से शुरू की जा रही यह जंग किसी जाति ,किसी समुदाय ,,किसी वर्ग ,,किसी समाज के खिलाफ नहीं है बल्कि इंसाफ की लड़ाई है ,,देश में देशवासियो को बराबरी का दर्जा दिलवाने की लड़ाई है ,,देश को आगे बढ़ाने की लड़ाई है ,,छोटे बढ़ो में हिक़ारत ,,नफरत खत्म करने की लड़ाई है ,,जिसे हम सब ,,आप और हम ,,,एक जुट होकर मिलजुलकर अगर लड़ेंगे तो निश्चित तोर पर हमारा देश  एक जुट होगा ,,विकसित होगा ,,यहां जो भी पदो पर होंगे गुणवत्ता वाले क़ाबिल लोग होंगे ऐसा नहीं होगा के गुणवत्ता विहीन लोग तो हमारे देश में  इंजिनियर ,,डॉक्टर ,,अधिकारी ,,लीडर होंगे ,,और गुणवत्ता वाले लोग देश के बाहर बढ़ी बढ़ी कम्पनियों में अपनी क़ाबलियत के जोहर दिखाएँगे ,,,,जी हाँ दोस्तों मेरे इस भारत को महान बनाने के लिए आज आरक्षित वर्ग ,,अनारक्षित वर्ग के सभी बुद्धिजीवियों को आगे आना होगा ,,सभी को दलगत राजनीति ,,सामाजिक भेदभाव ,,नफा नुकसान ,,सियासत को अलग रखकर राष्ट्र हित में आगे आना होगा ,,दोस्तों इस लड़ाई में हमे सभी को आपकी मदद की ज़रूरत है ,,आपकी उपस्थिति का हमे इन्तिज़ार है ,,,,,,दोस्तों हमारे देश में आरक्षण का गंदा इतिहास है ,,हमारे देश में आरक्षण ज़रूरत नहीं नफरत फैलाकर ,,एक दूसरे को एक दूसरे से लड़ा कर ,,उंच नीच दिखाकर ,,फुट डालो राज करो की तर्ज़ पर सिर्फ और सिर्फ सियासत करना ही मुख्य मक़सद  रहा है ,,,,,आज़ादी की लड़ाई के जंगजू सिपाहियों से परेशान अंग्रेज़ो ने सोची समझी साज़िश के तहत    पहले हिन्दू को मुसलमान से लड़ाया ,,कारतूसों में गांय और सूअर की चर्बी की अफवाह फैलाई ,,,,फिर गांय को लेकर सियासत करवाई लेकिन जब वोह देश में फुट डालने में असफल रहे तो अंग्रेज़ो ने अपने दलाल राजा महाराजाओ के साथ मिलकर आरक्षण का कार्ड फेंका ,,इस कार्यवाही में एक वर्ग को लालच देकर सुविधाये दी गई ,,तो दूसरे वर्ग को उपेक्षित कर इनमे आपस में उंच नीच ,,छुआ छूत का भेदभाव पैदा किया ,,,अंग्रेज़ो की इस नीति को हमारे भारत की सरकार ने खूब समझा और देश में शासन पर क़ब्ज़ा करने के लिए आरक्षण को खुले रूप में हथियार बनाया ,,,,काका केलकर सहित कई दर्जन लोगों का आयोग  बना कर इस मामले में रिपोर्ट तय्यार करवाई गई ,,काका केलकर ने साफ़ तोर पर अपनी रिपोर्ट में कहा के ,,,माँस ,,चमड़ा ,,कपड़ा धोने ,,रंगने ,,,बुनने सही कई व्यवसायों में लगे  लोग गरीब है इन्हे सुविधाये देकर इनका उत्थान करना चाहिए ,,,,आज़ाद भारत में नफरत की पहली सियासत शुरू हुई ,,काका केलकर की रिपोर्ट को राष्ट्रीयता के आधार पर नहीं ,,संविधान की मूल भावना ,,धर्मनिरपेक्षता ,,एकता ,,अखंडता ,समानता के विपरीत लागु किया गया ,,भारत सरकार ने  संविधान बनने के बाद आरक्षण का पहला परिपत्र बीस सितमबर उन्नीस सो इक्यावन में निकाला ,,इस परिपत्र में काका केलकर के सुझावों को मान कर माँस ,,कपड़ा ,,चमड़ा ,,,बुनकर ,,कपड़े धोने ,,रंगने के व्यवसायियों सहित कई व्यवसाइयों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद तीन सो इकतालीस में पहला संशोधन कर ,,संविधान की मूल भावना ,,धर्म निरपेक्षता ,,समानता का अधिकार राष्ट्रिय एकता ,,,के खिलाफ आरक्षण परिपत्र जारी किया गया ,,इस परिपत्र में माँस ,,कपड़ा ,,चमड़ा ,,,बुनकर ,,कपड़े धोने ,,रंगने के व्यवसायियों सहित कई जातियों ,,समाजो को आरक्षण का लाभ दिया गया ,,लेकिन अफ़सोस इस परिपत्र में केवल हिन्दुओ के लिए शब्द ख़ास तोर पर जोड़ कर दूसरे धर्म ,,समाजो को इसके लाभ से अलग कर दिया गया ,,नतीजन मांस बेचने वाला अगर हिन्दू भाई खटीक है तो लाभ मिला ,,मुस्लिम मांस बेचने वाले कुरैशी को इसका लाभ नहीं मिला ,,कपड़ा बुनने वाले कोली समाज को इसका लाभ मिला तो मुस्लिम जुलाहे को इसका लाभ नहीं दिया गया ,,बैरवा ,,मेघवाल ,जीनगर सहित दूसरे चमड़े  का व्यसाय करने वालो को लाभ  मिला लेकिन मुस्लिम समाज के लोगों को इसका लाभ नहीं मिला ,,इस आरक्षण परिपत्र का लाभ बौद्ध ,,सिक्ख ,,ईसाई को भी नहीं मिला तो  आंदोलन हुआ सरकार ने फिर वोटो की  सियासत के तहत इस परीपत्र में संशोधन कर धर्म आधारित इस परिपत्र में हिन्दू ,,बौद्ध ,,सिक्ख ,,ईसाई जोड़ दिया अब मुस्लिम समाज के अलावा सभी को आरक्षण है ,,,सभी लोग आई ऐ एस ,,आई पी एस ,,प्रशासनिक और सरकारी नोकरियो ,,शिक्षा ,,,पंचायत ,,नगरपालिका ,,,सांसद ,,विधान परिषद सहित हर क्षेत्र में इस आरक्षण का लाभ लेकर लाठसाहब बने है ,,दस नबंर लाओ ,,अफसर बन जाओ ,,सो में से नब्बे नंबर लाओ फिर भी बेरोज़गार रहो ,,,सोचने की बात है एक दस नबंर वाला डॉक्टर ,,इंजीनियर ,,मास्टर ,,अधिकारी ,,,एक सो में से सो नंबर लाने वाले पर भारी क्यों है ,,धर्मनिरपेक्ष देश में आरक्षण का आधार धर्म क्यों है ,,मुस्लिम को आरक्षण नहीं  दूसरे धर्म से जुड़े लोगो को आरक्षण ,,देश में उंच नीच का भाव ,,नफरत का भाव ,,नाइंसाफी का भाव ,,बगावत के स्वर तेज़ करता गया ,,,बात जाती,, धर्म ,,,समाज की नहीं ,,बात ना इंसाफी की है ,,नोकरयो ,,शिक्षा ,,राजनीती में असंतुलन की है ,,गुणवत्ता के खिलाफ निम्नस्तरीय लोगों को मज़बूती देने की नाइंसाफी की है ,,,,,दोस्तों आज हमारे देश में आरक्षण की इस व्यवस्था से कोई समानता नहीं बढ़ रही  है उलटे नफरत सिर्फ नफरत बढ़ रही है ,,हमारे देश को आरक्षित लोग जिनकी बुद्धि का स्तर चालीस प्रतीशत से भी कम है वोह चला रहे है और हमारे देश का ब्रेन ,,हमारे देश की गुणवत्ता जो सो फीसदी ,,नब्बे फीसदी है वोह आज अमेरका सहित दूसरे देशो में जाकर अपनी प्रतीभा दिखा रहा है ,,नतीजन हमारा देश विदेशो में काम कर रहे हमारे इंजीनियर ,,डॉक्टर्स के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़ता जा रहा है ,,हमारे इंजीनियर घोटाले कर रहे है ,,अधिकारी बेईमान ,,नाकारा हो रहे है ,,डॉक्टर गुणवत्ता का इलाज नहीं दे पा रहे है जो सामान्य वर्ग के इंटेलिजेंट लोग यहाँ है वोह  उनसे कम नंबर लाने वाले नाकाबिल लोगों को साहब साहब कह रहे है ऐसे  में लोगों का गुस्सा अब फूटने लगा है ,,,,,खुद आरक्षित वर्ग के लोग दमन का शिकार है सियासत के शिकार है उनमे गरीब तब्क़ा आज भी गरीब है ,,चंद लोग सरकारी योजनाओ और नोकरियो में आरक्षण का फायदा लेकर सिरमौर है जबकि आरक्षित वर्ग आज भी धरातल से ऊपर नहीं उठ सका है ,,,,उनमें भी इस आरक्षण के सिस्टम के खिलाफ बगावत है ,,,वोह लोग भी अब बराबर का दर्जा इन्साफ का दर्जा चाहते है ,,उन्हें अब उंच नीच के भेदभाव से मुक्ति चाहिए ,,देश में सम्मान और बराबरी का दर्जा चाहिए ,, आखिर कब तक उन्हें दलित ,,पिछड़ा ,,आरक्षित कहकर अपमानित किया जाता रहेगा ,,उन्हें इन्साफ मिले इसके लिए  उनके अपने लोगों ने कई बार आवाज़ उठाई लेकिन उसे दबा दी गई ,,,,,, समाज में सिर्फ दो वर्ग है एक गरीब एक अमीर ,,जो गरीब  है उसे रहने ,,खाने ,,पीने ,,सामाजिक रूप से खुद को स्थापित करने ,,रोज़गार प्राप्त करने ,,,, शिक्षा प्राप्त करने की सभी सुविधाये मिले ,,लेकिन जब प्रतीभा दिखाने का सवाल आये ,,डॉक्टर ,,इंजीनियर ,,जज ,,मंत्री ,,प्रधान ,,महापौर ,,नगरपालिका अध्यक्ष ,,विधायक ,,सांसद ,,मंत्री ,,कलेक्टर ,,सचिव ,,,अधिकारी ,,कर्मचारी बनने का नंबर आये तो सभी को बराबरी से परीक्षा दिलवाई जाए ,,निर्वाचन किया जाए ,,जो प्रतीभावां हो उसे प्रतिभा के आधार पर नौकरी मिले तो देश में सर्वोच्च गुणवत्ता वाले प्रतिभावान लोग डॉक्टर इंजिनियर ,,जज ,,कर्मचारी ,,प्रशासनिक अधिकारी ,,,विधायक ,,सांसद ,,होंगे और फिर देश  में प्रतीभावान लोगों का शासन होगा तो वोह देश को अमेरिका से भी अधिक विकसित ,,अधिक शक्तीशाली बना देंगे ,,देश में उंच नीच का भेदभाव खत्म कर देंगे ,,साम्प्रदायिकता  का ज़हर खत्म कर देंगे ,,,अगर ऐसा हुआ तो देश जो पिछड़े है उनको आर्थिक मदद मिलेगी ,,उन्हें सुविधाये मिलेगी जाती ,,धर्म का ज़हर खत्म होगा और देश में सिर्फ प्यार ही प्यार होगा ,,अमीर गरीब को अमीर करने की कोशिश में जुटेगा ,जबकि गरीब को दी जाने वाली आर्थिक ,,शैक्षणिक सुविधाओ से उसमे भी खुद की प्रतीभा साबित करने का जज़्बा पैदा होगा और देश का हर वर्ग ,,हर समाज ,,प्रतीभावांन  होगा ,,अव्वल होगा ,,और मेरा भारत महान होगा ,,तो आओ दोस्तों हम सभी संकल्प ले के अपने अपने इलाक़े के सांसदों का घेराव कर उनसे संकल्प पत्र भरवाये के भविष्य में आरक्षण विधेयक जो केवल दस सालों के लिए लागू किया गया था उसे बेवजह ,,गलत तरीके से अब दस वर्ष कार्यकाल खत्म होने के बाद बढ़ाया न जाए ,,उलटे देश के सभी सांसद एक जुट होकर विशेष स्तर बुलाकर आरक्षण के इस कोड इस बीमारी से इस भारत को आज़ाद करवाये ,,,आइये कोटा में प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन धरना जो आगामी पच्चीस तारीख को कोटा जे डी बी कॉलेज अंटाघर चौराहे ,,शहीद स्मारक पर आरक्षण भारत छोडो नारे के साथ रखा गया है ,,उस धरने में शामिल होकर राष्ट्र को गौरवान्वित करने की इस मांग में शामिल होकर इस लड़ाई को लड़ने वाले जंगजू सिपाहियों का होसला बढ़ाये ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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