एक कम्युनिस्ट विचारधारा से आये उपराष्ट्रपति पद पर थोपे गए हामिद अंसारी
मुस्लिम और राष्ट्रीय मुखोटा नहीं बन सके ,,इनके लिए अगर कहावत कही जाए
,,,,आखरी वक़्त में क्या ख़ाक मुसलमा होगे ,,तो अतिश्योक्ति नहीं होगी ,,,जी
हाँ दोस्तों हामिद अंसारी के उपराष्ट्रपति काल में अल्पसंख्यक और मुस्लिम
समाज की स्थिति क्या रही ,,उनपर कितने झूंठे मुक़दमे लगाये गए ,,,उनकी कितनी
योजनाओ को बिना उपयोग के खत्म किया गया ,,ज़ुल्म ज़्यादती की सभी हदें होने
पर भी हामिद अंसारी ने अपना राजधर्म नहीं निभाया और खामोश
रहे ,,,अचानक जब इनके जाने का वक़्त आया तो इन्हे मुसलमानो पर हुए ज़ुल्म
ज़्यादती की याद आ गयी और गैर ज़रूरी वक़्त पर गैर ज़रूरी बयान देकर यह विवाद
में आ गए ,,मुझे पता नहीं यह हामिद अंसारी साहब की सियासत थी या फिर इनके
जज़्बात लेकिन ,,,आखरी वक़्त में क्या ख़ाक मुसलमा होंगे वाली कहावत तो ज़िंदा
हो ही गई ,,में यह बात हवा में नहीं कह रहा हूँ ,,,हामिद अंसारी साहब को
मेने खुद ने राजस्थान में और देश भर में अल्सपंखयको पर हो रहे अत्याचार
,,उनके साथ पक्षपात पूर्ण कार्यवाही ,,उपेक्षित रवैये के बारे में अवगत
कराया था ,,इतना ही नहीं अल्पसंख्ंयको को उपेक्षा और बेवजह आरोपों से
मुक्ति दिलाने के लिए एक फार्मूला भी दिया था ,,,मेरा सुझाव था के देश में
अल्पसंख्यक प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाये ,,जिसमे किसी भी अल्पसंख्यक के
खिलाफ बेवजह आरोप ,,बेवजह बयान बाज़ी ,,झूंठे मुक़दमे में फ़साना ,,,,,जिला
स्तर पर उनकी योजनाओ को क्रियान्वित नहीं करना ,,सिर्फ पीड़ित शख्स
अल्सपंख्य्क है इस वजह से उसे प्रताड़ित किया गया है की शिकायत आना ,,सियासी
लोगों द्वारा अल्सपंखयको के खिलाफ शारीरिक ,,मानसिक ,,आर्थिक हिंसा में
शामिल होना ,,साबित हो तो ऐसे लोगों को लोकप्रतििनिधित्व अधिनियम के
प्रावधान के तहत चुनाव लड़ने से रोकने का क़ानून हो ,,इतना ही नहीं जिलेवार
समीक्षा में अगर अल्पसंख्यको के साथ अन्याय हो तो उन्हें मुख्य पद से हटाकर
उनकी सी आर में प्रमोशन रोकना ,,, मुख्यमंत्री या कोई भी संसद ,,विधायक
,,,मंत्री को पद से हटाने का क़ानून बनाया जाए ,,मेरा सुझाव था के किसी भी
अल्सपंखयको को सरकार की कोई खैरात ,,कोई भीख नहीं चाहिए सरकार के जो भी
आयोग ,,समितिया ,,निगम बोर्ड अल्पसंख्यको के हितो के नाम पर बने है जिन पर
वेतन ,कार बंगले ,,,सेर सपाटे यात्रा ,,स्टाफ की सुविधाओ पर करोडो करोड़
अल्पसंख्यक कल्याण पर खर्च होते हो उन्हें बंद कर दीजिये ,,वक़्फ़ मैनेजमेंट
सुधार कर अतिक्रमियों से ज़मीन मुक्त कराये और सभी बजट अल्सपसंख्यको के
कल्याण के लिए लगाये ,,अल्पसंख्यक प्रोटेक्शन एक्ट में सज़ा के प्रावधान का
भी सुझाव था ,,तीन साल पहले मेने यह सुझाव हामिद अंसारी साहब को रूबरू दिए
,,,ज़रिये रजिस्ट्री भेजे ,,रिमाइंडर भेजे ,कोई जवाब नहीं कोई क्रियान्विति
नहीं ,,कई शिकायते भेजी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं ऐसे में हम कैसे मानले
के हामिद अंसारी कॉमरेड के दिल में किसी मुसलमान का दर्द भी रहा होगा
,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)