मुंबई में ईद उल अजहा की नमाज़ के लिए मस्जिद में जगह कम पड़ गई तो बगल में
लगे गणेश जी के पंडाल में वहाँ के प्रबंधकों ने व्यवस्था की और नमाज़ पढ़ी
गई।
प्रबंधकों ने इस मुर्ति पर चादर डालने को कहा जिसे नमाज़ियों ने रोक दिया ।
ऐसी ही घटनाएँ बताती हैं कि इस देश की यही संस्कृति है और जितना भी ज़हर घोला जाए इसे समाप्त नहीं किया जा सकता ।
ऐसी तस्वीरें ही आखों को ठंडक देती हैं और उम्मीदों को जिंदा रखती हैं ।
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी ।
सदियों रहा है दुश्मन दौरे जहाँ हमारा
प्रबंधकों ने इस मुर्ति पर चादर डालने को कहा जिसे नमाज़ियों ने रोक दिया ।
ऐसी ही घटनाएँ बताती हैं कि इस देश की यही संस्कृति है और जितना भी ज़हर घोला जाए इसे समाप्त नहीं किया जा सकता ।
ऐसी तस्वीरें ही आखों को ठंडक देती हैं और उम्मीदों को जिंदा रखती हैं ।
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी ।
सदियों रहा है दुश्मन दौरे जहाँ हमारा
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